गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को ग्राम पंचायतों में मनाया जायेगा ” मनरेगा जागरूकता दिवस” – केशव प्रसाद मौर्य
उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2024 को ग्राम पंचायतों में “मनरेगा जागरूकता दिवस” का आयोजन किया जाय। इस सम्बन्ध में आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग जी एस प्रियदर्शी ने समस्त जिलाधिकारियों/जिला कार्यक्रम समन्वयकों को महात्मा गांधी मनरेगा अधिनियम 2005 की धारा 14 की उप धारा 6 एवं भारत सरकार द्वारा निर्गत मास्टर सर्कुलर 2024-25 के प्रस्तर-61 में उल्लिखित व्यवस्था के अनुसार श्रम बजट निर्धारण के निर्देश दिये है।
जारी दिशा निर्देशों में वित्तीय वर्ष 2025-26 के श्रम बजट निर्माण की कार्यवाही किया जाने की अपेक्षा की गयी है। श्रम बजट निर्माण हेतु समय सारणी, दायित्व एव प्रकिया भी निर्धारित की गयी है। जिसके अनुसार 02 अक्टूबर 2024 को ग्राम सभा की बैठक आयोजित करते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यों का निर्धारण किया जाना है। उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग ने 02 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती के अवसर पर “मनरेगा जागरूकता दिवस” मनाते हुए गांवों में कार्य की मांग, गोष्ठी का आयोजन, योजना का प्रचार प्रसार एवं अन्य लाभप्रद योजनाओं की जानकारी ग्रामीण वासियों को प्रदान किये जाने के विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी/जिला कार्यक्रम समन्ययक द्वारा प्रत्यके वर्ष के लिये जनपद में अकुशल श्रम की मांग आवश्यकता के अनुरुप कार्यों का चिन्हांकन एवं मनरेगा श्रमिकों को कार्य प्रदान किये जाने हेतु श्रम-बजट निर्धारण कराये जाने का दायित्व दिया गया है। श्रम बजट निर्माण की प्रक्रिया कार्य की मांग के आधार पर श्रम बजट का निर्माण कराया जाएगा। उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कार्य योजना निर्माण गांव की आवश्यकता का ध्यान रखते हुए 6 चरणों में किये जाने का प्राविधान है।
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प्रथम चरण में आवश्यकताओं की पहचान द्वितीय चरण मे ग्राम पंचायत में संसाधन की उपलब्धता, तृतीय चरण मे कार्ययोजना को तकनीकी रूप से बनाने की तैयारी, चौथे चरण में ग्राम सभा की अनुमति, पांचवें चरण में कार्ययोजना को अंतिम रूप देना और छठवें चरण में संकलित श्रम बजट का राज्य स्तर पर प्रस्तुतिकरण किया जायेगा।
श्रम बजट निर्माण में जिन बिन्दुओं को संज्ञान में लेकर कार्यवाही की जानी है उनका विस्तृत रूप से उल्लेख जारी दिशा निर्देशों में किया गया है। जिलाधिकारी / जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि जनपद की प्रत्येक ग्राम पंचायत में शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट के निर्धारण के लिये बॉटम अप अप्रोच का अनुपालन किया गया है। निर्देशों में कहा गया है कि श्रम बजट के अन्तर्गत लिये जाने वाले कार्यों में मुख्य रूप से प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन, कृषि एवं उससे सम्बन्धित गतिविधियों, व्यक्तिगत लाभार्थियों के लिये आजीविका सर्वद्धन से सम्बन्धित कार्यों पर विशेष बल दिया जाना चाहिए।
जिलाधिकारी/जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा यह सुनिश्वित किया जाये कि प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन संबंधी कार्य प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, इन्टीग्रेटेड वॉटर शेट मैनेजमेन्ट प्रोग्राम, कमान्ड एरिथा एवं वॉटर मैनेजमेन्ट स्कीम के अभिसरण से लिये जाये। इसके साथ ही प्राकृतिक ससाधन प्रबन्धन (NRM) कार्यों के श्रम बजट को District irrigation Plan में अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाये। यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि मिशन वॉटर कन्वर्जेन्स के अंतर्गत चिन्हित 175 विकास खण्डों में मनरेगा योजनान्तर्गत कम से कम 65% व्यय, प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन (NRM) कार्यों पर किया जाये।
जिलाधिकारी/जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि मनरेगा योजनान्तर्गत कराये जाने वाले कुल कार्यों में से कम से कम 60% कार्य (लागत की दृष्टि से) कृषि एवं उससे सम्बन्धित गतिविधियों पर किये जाये। ग्रामीण अवस्थापना के लिए कराये जाने वाले कार्यों में चौदहवां वित्त एवं राज्य वित्त के वित्तीय संसाधनों का मनरेगा योजना से अभिसरण करने से गुणवत्तापरक परिसम्पत्तियों का निर्माण हो सकेगा। मनरेगा से अन्य विभागों का अभिसरण के लिए समेकित कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिए गये हैं।