गोशालाओं को आवंटित धनराशि समय से प्रतिमाह उपलब्ध कराई जाए।
पशुओं हेतु उपलब्ध करायी जाने वाली दवाओं और वैक्सीन की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।
चारागाह की भूमि को कब्जामुक्त कराकर हरा चारा उत्पादन किया जाये – धर्मपाल सिंह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विगत 06 माह में विभिन्न योजनाओं की अद्तन प्रगति, आवंटित बजट व व्यय विवरण की गहन समीक्षा की। पशुधन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभाग द्वारा 52 प्रतिशत बजट का उपयोग करने की स्थिति से अवगत होते हुए अधिकारियों को माह फरवरी 2025 तक शत-प्रतिशत बजट के सदुपयोग करने के सख्त निर्देश दिये। पशुधन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि सभी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आवंटित धनराशि को समय से व्यय किया जाए और गोशालाओं हेतु आवंटित धनराशि प्रतिमाह दी जाए और गोसंरक्षण कार्यों में धनराशि के अभाव में किसी प्रकार का विलम्ब न होने पाए।
धर्मपाल सिंह ने निर्देश दिये कि पशुओं हेतु उपलब्ध करायी जाने वाली दवाओं और वैक्सीन की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए और इसमें किसी प्रकार का समझौता न किया जाए। पशुओं के उत्तम स्वास्थ्य और पौष्टिक चारे के आधार पर ही कृत्रिम गर्भाधान के लक्ष्यों को पूर्ण और सफल बनाया जा सकता है। मण्डल एवं जनपद स्तर पर आयोजित होने वाले पशु मेलों को और अधिक उपयोगी व सार्थक बनाया जाए। किसानों और अच्छे पशुपालकों को प्रोत्साहित भी किया जाए। गोआश्रय स्थल में साफ-सफाई की उत्तम व्यवस्था की जाए। वर्तमान में प्रदेश में 7558 गोआश्रय स्थलों पर 12,01,238 गोवंश का संरक्षण किया गया है।
पशुधन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभिन्न जनपदों से निराश्रित गोवंश के संबंध में प्राप्त शिकायतों के संबंध में निर्देशित किया कि छुट्टा गोवंशों को गोआश्रय स्थलों पर भेजा जाए और प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट मुख्यालय मंगाई जाए। नवीन और निर्माणाधीन गोआश्रय स्थलों के निर्माण कार्य में तेजी लाकर उन्हें शीघ्र क्रियाशील किया जाये। हर गौशाला में चारे भूसे की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। सभी मुख्य पशुचिकित्साधिकारी स्थानीय प्रशासन के सहयोग से चारागाह की भूमि को कब्जा मुक्त करायें और कब्जामुक्त भूमि पर बरसीन, जैई आदि गोवंश हेतु उपयोगी चारा बोआई का कार्य करायें।
बैठक में प्रमुख सचिव के रवीन्द्र नायक ने मंत्री को विभाग की योजनाओं एवं बजट की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया और आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। प्रमुख सचिव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि गोआश्रय स्थलों पर सभी आवश्यक सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि वृहद गो संरक्षण केन्द्रों के निर्माण में कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाये।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पशुपालन विभाग के निदेशक डा. पीएन सिंह, अपर निदेशक डा. अरविन्द कुमार सिंह, अपर निदेशक डा. जयकेश पाण्डेय, एलडीडीबी के डा. नीरज गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।