राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी का 46वां दीक्षान्त समारोह संपन्न

  • प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सार्थक दिशा में होना चाहिए – राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ।

  • शिक्षा एवं कौशल विकास की योजनाओं का समुचित लाभ लें विद्यार्थी।

  • राष्ट्र निर्माण में चाणक्य के प्रयासों को आत्मसात करें शिक्षक – उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय


सचिन मलिक /लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी का 46 वां दीक्षान्त समारोह संपन्न हुआ। समारोह में राज्यपाल ने विशेष योग्यता वाले एवं मेधावी विद्यार्थियों को पदक वितरित किये। गोल्ड मेडल पाने वाले 18 विद्यार्थियों में सात स्नातक, नौ स्नातकोत्तर और दो उत्कृष्ट खिलाड़ी भी शामिल रहे।

राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल
राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता मेंमहात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी का 46वां दीक्षान्त समारोह संपन्न

आज आयोजित दीक्षांत समारोह में कुल 97,252 डिग्रियां और उपाधियां वितरित हुईं। राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा बटन दबाकर सभी उपाधियों को डिजिलॉकर पर अपलोड किया गया। समारोह में स्नातक स्तर पर कुल 78,196 डिग्रियां प्रदान की गयीं। जिसमें 41,474 छात्र और 36,722 छात्राएं हैं। स्नातकोत्तर स्तर पर कुल 19056 डिग्रियां प्रदान की गयीं। इनमें 13,479 छात्र और 5577 छात्राएं शामिल हैं। 53 छात्रों और 45 छात्राओं को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गयी।


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इस अवसर पर संबोधित करते हुए राज्यपाल ने सभी पदक तथा उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा की छात्राएं लगातार आगे बढ़ रही हैं। आज गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में भी छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है। अपने सम्बोधन में उन्होंने इस वर्ष के बजट में शिक्षा के लिए रखे गए अब तक के सर्वाधिक बजट की भी चर्चा की।

उन्होंने बताया की इस वर्ष शिक्षा का बजट 1.48 लाख करोड़ दिया गया है जिसका लाभ सभी विद्यार्थियों को लेना चाहिए। अगले पांच वर्षों में भारत के एक करोड़ विद्यार्थियों को देश की शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप करने के मौके का जिक्र भी उन्होंने अपने सम्बोधन में किया और बताया कि विद्यार्थियों को कौशल विकास हेतु 7.5 लाख के ऋण की सुविधा भी दी जा रही है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को योजना का समुचित लाभ लेने के लिए प्रेरित किया गया।

इसी क्रम में राज्यपाल ने विद्यार्थियों को आने वाले वर्षों में होने वाले बदलाव हेतु तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सार्थक दिशा में होना चाहिये। उन्होंने ऊर्जा और पानी बचत के लिए भी प्रेरित किया। विश्वविद्यालयों में लागू समर्थ पोर्टल के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के 33 विश्वविद्यालयों को समर्थ पोर्टल से जोड़ते हुए 200 करोड़ की बचत की गयी है।

राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में गर्भस्थ संस्कार की शिक्षा, संस्थागत प्रसव को शत-प्रतिशत करने की प्रतिबद्धता रखने, नवजात शिशु की सही देखभाल जैसे विषयों पर भी चर्चा की। उन्होंने विद्यापीठ के अध्यापकों से 07 से 09 अक्टूबर को होने वाले नैक टीम के दौरे के दौरान पूरी तैयारी करने को कहा ताकि विश्वविद्यालय उच्च ग्रेड प्राप्त कर सके।

समारोह के मुख्य अतिथि आर के तिवारी ने सभी उपाधि तथा पदक प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने भारत के विकसित होने के लक्ष्यों में शिक्षा को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं बल्कि अपनी जड़ों को मजबूत करना ही शिक्षा का असली उद्देश्य है।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने पदक प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को बधाई देते हुए सभी को इन ऊंचाइयों तक पहुंचाने में उनके माता-पिता तथा गुरुजनों के योगदान को सराहा। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में चाणक्य के प्रयासों को आत्मसात करने हेतु सभी शिक्षकों को सोचने को कहा।

उन्होंने विश्वविद्यालयों को आगे ले जाने हेतु राज्यपाल द्वारा किये जा रहे प्रयासों को सराहते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश शिक्षा का हब बन चुका है तथा सर्वाधिक नैक ग्रेड प्राप्तकर्ता विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में हैं। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री द्वारा समारोह में बोलते हुए सभी उपाधि प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद त्यागी ने विद्यापीठ की प्रगति आख्या राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत की।

आज के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल द्वारा सोनभद्र जिले की 10 विशिष्ट आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सम्मानित भी किया गया। जिसमें जिलाधिकारी सोनभद्र बद्रीनाथ सिंह तथा मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी भी उपस्थित रहीं। रेखा देवी को सर्वाेत्कृष्ट आँगनवाड़ी कार्यकत्री के लिए पुरस्कृत किया गया। उल्लेखनीय है कि होप वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा गावों को नशा मुक्त कराने हेतु लगातार प्रयास किया जा रहा है।

जिसमें उनके द्वारा तैयार ग्रीन आर्मी से जुड़ी उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं तथा बच्चियों को साड़ी तथा पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया गया। राज्यपाल की प्रेरणा से विश्वविद्यालय द्वारा सोनभद्र की विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों को सुविधा संपन्न बनाने हेतु विविध सामान की 100 किट भी प्रदान की गयी।

कुलाधिपति द्वारा काशी विद्यापीठ के गोद लिये गये विद्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी ऋषभ, अंजनी, विनायक, सायमा, आराध्या, अमृता पांडेय, अवंतिका, सुमित पाल, कविता, कुमकुम, मोहम्मद इरफान समेत कुल 36 विद्यालयों के विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया तथा विभिन्न प्राथमिक तथा कंपोजिट विद्यालयों के प्रधानाध्यापक तथा अध्यापकों को 100 किताबें वितरित की गयीं। सोनभद्र में संचालित विभिन्न कंपनियों जिनमें एनसीएल, अल्ट्राटेक सीमेंट, हिंडाल्को को सीएसआर के तहत कराये गये कार्यों हेतु सम्मानित किया।

समारोह में राज्यपाल द्वारा आज 25 सितंबर जो की पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी, पं. दीनदयाल और डॉ. आंबेडकर के विचारों पर आधारित एक ‘स्मारिका‘ तथा ‘गांधी, अंबेडकर और दीनदयाल‘ पुस्तक का विमोचन किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनद कुमार त्यागी, कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय, समस्त संकायाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारीगण, विद्यार्थी, स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा अन्य उपस्थित रहे।