रेपो रेट स्थिर: एफडी निवेशकों के लिए मौजूदा समय क्यों है फायदेमंद?
आरबीआई का बड़ा फैसला: रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने ताजा मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह फैसला सुनाते हुए बताया कि अप्रैल 2023 से अब तक लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह फैसला निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर उन लोगों के लिए जो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश की योजना बना रहे हैं।
मौजूदा इंटरेस्ट रेट: एफडी निवेश के लिए सुनहरा मौका
रेपो रेट स्थिर रहने का मतलब है कि बैंकों द्वारा एफडी पर मिलने वाले ब्याज दरों में फिलहाल कोई गिरावट नहीं आएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा इंटरेस्ट रेट निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे उन्हें अपने निवेश पर बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
विशेषज्ञों की राय: क्या अब एफडी कराना सही रहेगा?
बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी के अनुसार, निवेशकों को शॉर्ट-टर्म और मिड-टर्म एफडी में निवेश करने पर विचार करना चाहिए। उनका कहना है कि मौजूदा इंटरेस्ट रेट का फायदा उठाने का यह सही समय हो सकता है, क्योंकि भविष्य में आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है।
महंगाई दर और रेपो रेट का कनेक्शन
रेपो रेट स्थिर रखने के पीछे आरबीआई का मुख्य उद्देश्य महंगाई दर को नियंत्रित करना है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भविष्य में महंगाई दर का दबाव कम होता है, तो आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है। ऐसे में निवेशकों को मौजूदा इंटरेस्ट रेट का लाभ उठाने की सलाह दी जा रही है।
एफडी कराने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?
- बैंकों का इंटरेस्ट रेट: हर बैंक में एफडी पर मिलने वाला ब्याज दर अलग-अलग होता है। निवेशकों को यह देखना चाहिए कि कहां पर बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
- समय अवधि का चयन: विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशक 4 से 6 महीने या मिड-टर्म एफडी में निवेश करें, ताकि भविष्य में ब्याज दर में होने वाले बदलाव का फायदा उठा सकें।
- महंगाई का जोखिम: अगर महंगाई दर स्थिर रहती है, तो रेपो रेट में कटौती की संभावना कम हो सकती है।
आने वाले समय में रेपो रेट पर क्या असर पड़ेगा?
बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, आरबीआई फिलहाल उच्च महंगाई दर के जोखिम को ध्यान में रखते हुए रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला कर सकता है। हालांकि, 2024 में अगर महंगाई का दबाव कम होता है, तो रेपो रेट में कटौती की संभावना बढ़ सकती है।
एफडी निवेश के लिए बैंक का चयन क्यों महत्वपूर्ण है?
हर बैंक में एफडी पर मिलने वाला ब्याज दर अलग होता है। उदाहरण के लिए, कुछ निजी बैंक उच्च ब्याज दर प्रदान करते हैं, जबकि सरकारी बैंक स्थिरता और सुरक्षा के लिए जाने जाते हैं। निवेशकों को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:
- उच्चतम ब्याज दर की पेशकश करने वाले बैंक का चयन करें।
- समय अवधि के अनुसार ब्याज दर की तुलना करें।
- प्रिंसिपल अमाउंट पर मिलने वाले कुल रिटर्न का आकलन करें।
विशेषज्ञों का सुझाव: निवेश रणनीति बनाएं
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि एफडी निवेशकों को बाजार के मौजूदा हालात का विश्लेषण करना चाहिए। लंबे समय तक निवेश करने से पहले, शॉर्ट और मिड-टर्म विकल्पों पर ध्यान देना जरूरी है।
नतीजा: एफडी निवेश का सही समय
रेपो रेट स्थिर रहने से एफडी निवेशकों को मौजूदा इंटरेस्ट रेट का फायदा उठाने का सुनहरा मौका मिला है। महंगाई दर के दबाव और भविष्य में संभावित रेपो रेट कटौती को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को सोच-समझकर निवेश रणनीति बनानी चाहिए।
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