क्या नॉन-वेज खाने से बढ़ रहा है मंकीपॉक्स का खतरा?

हाल के समय में मंकीपॉक्स के मामलों में बढ़ोतरी ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया है। इस वायरस के प्रसार में नॉन-वेज (मांसाहारी) आहार का क्या प्रभाव है, इस पर चर्चा की जा रही है।

 

मंकीपॉक्स क्या है?

मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जो आमतौर पर अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाया जाता है। यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों से इंसानों में फैलता है, और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी इसके फैलने की संभावना रहती है।

नॉन-वेज और मंकीपॉक्स का संबंध

  1. संक्रमित जानवरों से संक्रमण:
    • मंकीपॉक्स का प्रसार मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों, जैसे गिलहरी, रैकून, और बंदरों से होता है। अगर नॉन-वेज में ये संक्रमित जानवर शामिल हैं, तो उनके मांस का सेवन करने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
  2. पोषणीय मूल्य:
    • नॉन-वेज खाद्य पदार्थ प्रोटीन, विटामिन, और खनिजों से भरपूर होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि मांस का सेवन स्वच्छता और सुरक्षा मानकों के अनुसार किया जाए।
  3. सुरक्षित खाने के उपाय:
    • मांस का सेवन करते समय ताजगी, स्वच्छता, और उचित तरीके से पकाना आवश्यक है। इससे संक्रमण के खतरे को काफी कम किया जा सकता है।

मंकीपॉक्स के अन्य स्रोत

  • मानव संपर्क: संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क, जैसे शारीरिक संपर्क या उनके द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं के संपर्क में आने से मंकीपॉक्स फैल सकता है।
  • पर्यावरण: मंकीपॉक्स वायरस कुछ समय तक सतहों पर जीवित रह सकता है, जिससे यह मनुष्यों में फैलने की संभावना बढ़ती है।

हालांकि नॉन-वेज खाने का मंकीपॉक्स के प्रसार से कुछ संबंध हो सकता है, लेकिन यह मुख्य स्रोत नहीं है। सावधानी और स्वच्छता बरतने से न केवल मंकीपॉक्स, बल्कि अन्य संक्रामक रोगों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।

 

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