1984 सिख दंगे केस में सज्जन कुमार को फिर मिली उम्रकैद
1984 सिख दंगे केस में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह दूसरी बार है जब उन्हें उम्रकैद की सजा दी गई है। इससे पहले, दिल्ली कैंट मामले में भी उन्हें दोषी करार दिया गया था और वे इस समय तिहाड़ जेल में अपनी सजा काट रहे हैं।
क्या है 1984 सिख दंगे केस?
1984 सिख दंगे केस उन दंगों से जुड़ा है जो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के थे। इन दंगों में दिल्ली समेत कई जगहों पर सिख समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया था। हजारों लोगों की जान गई और कई परिवार तबाह हो गए।
सरस्वती विहार हिंसा में सज्जन कुमार दोषी
दो सिखों की क्रूर हत्या – 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की निर्मम हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि सज्जन कुमार ने भीड़ को उकसाया और पीड़ितों को जिंदा जला दिया गया।
2018 में भी मिली थी उम्रकैद की सजा
साल 2018 में दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को 1984 सिख दंगे केस में पांच सिखों की हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
सिख दंगों में कुल कितने मामले दर्ज हुए?
1984 सिख विरोधी दंगों में कुल 587 FIR दर्ज की गई थीं, जिनमें 2,733 लोगों की मौत हुई थी।
- पुलिस ने 240 मामलों को अज्ञात बताकर बंद कर दिया।
- 250 मामलों में आरोपियों को बरी कर दिया गया।
- सिर्फ 13 मामलों में दोषियों को सजा मिल पाई।
सज्जन कुमार के खिलाफ अन्य केस
कुल तीन केस चल रहे हैं – सज्जन कुमार के खिलाफ तीन केस दर्ज थे, जिनमें से एक में उन्हें बरी किया जा चुका है और दो में उम्रकैद की सजा मिली है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित SIT – 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित SIT ने 199 मामलों की जांच की, जिसमें 426 लोगों की हत्या से जुड़े 54 केस पाए गए।
1984 सिख दंगे केस में आगे क्या होगा?
अब सवाल उठता है कि क्या सज्जन कुमार को सख्त सजा मिलेगी? दिल्ली पुलिस और पीड़ित परिवारों ने फांसी की मांग की है।
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