नई दिल्ली | चिकित्सा क्षेत्र में नया आयाम रच रहे हैं डॉ सुनील कुमार बोकोलिया
चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले डॉ सुनील कुमार बोकोलिया पिछले 32 वर्षों से मरीजों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। वर्ष 1997 से चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत डॉ बोकोलिया ने बिना ऑपरेशन के लाइलाज बीमारियों के इलाज में अपनी विशेषज्ञता साबित की है। उन्होंने ब्लड कैंसर, फेफड़े का कैंसर, आंतों का कैंसर, ब्रेन ट्यूमर और किडनी फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हजारों मरीजों को नई जिंदगी दी है।
बिना ऑपरेशन संभव है लाइलाज बीमारियों का इलाज
कैसे संभव हुआ बिना ऑपरेशन इलाज?
डॉ सुनील कुमार बोकोलिया की चिकित्सा सेवाएं खास इसलिए मानी जाती हैं क्योंकि वह उन बीमारियों का इलाज बिना किसी सर्जरी के करने का दावा करते हैं, जिन्हें आमतौर पर ऑपरेशन से ही ठीक किया जाता है।
उन्होंने कई ऐसे मरीजों का इलाज किया है, जिनकी किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत थी, लेकिन उनकी विशेष चिकित्सा पद्धति से बिना ट्रांसप्लांट के ही मरीज स्वस्थ हो गए।
अनगिनत मरीजों को नई जिंदगी देने वाले डॉ बोकोलिया
कई मरीज बड़े अस्पतालों से निराश होकर पहुंचे
डॉ बोकोलिया से इलाज कराने वाले मरीज बताते हैं कि वे बड़े अस्पतालों से निराश होकर आए थे। महंगे इलाज की वजह से वे अच्छे अस्पतालों में उपचार नहीं करवा पाए, लेकिन डॉ सुनील कुमार बोकोलिया की चिकित्सा सेवाएं ने उन्हें नया जीवन दिया।
गलत जीवनशैली से बढ़ रही हैं बीमारियां
डॉ बोकोलिया का मानना है कि आधुनिक जीवनशैली और असंतुलित खानपान के कारण लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर हम अपनी जीवनशैली में सुधार करें तो कई बीमारियों से बच सकते हैं।”
डॉ सुनील कुमार बोकोलिया को मिले कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली पहचान
- डॉ बोकोलिया को चिकित्सा क्षेत्र में कई बार गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।
- वे विश्व रिकॉर्ड होल्डर भी हैं और उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा भी सम्मानित किया गया है।
- सरकारी सेवा में कार्यरत होने के बावजूद वे गरीब और जरूरतमंद मरीजों के इलाज के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
डॉ सुनील कुमार बोकोलिया की चिकित्सा सेवाएं हजारों मरीजों को नया जीवन दे चुकी हैं। बिना ऑपरेशन के लाइलाज बीमारियों का इलाज उनकी विशेष पद्धति से संभव हो सका है। उनके प्रयास न केवल चिकित्सा जगत में क्रांतिकारी हैं बल्कि लाखों मरीजों के लिए आशा की किरण भी बने हैं।
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