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Sunday, October 5, 2025

पाकिस्तान ने स्वर्ण मंदिर को ही क्यों बनाया निशाना? हमले के लिए भेजे गए ड्रोन, ऐसे नाकाम की कोशिश!

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है। इस दौरान भारत ने उनके हमले का मुंह तोड़ जवाब दिया। इसी बीच पाकिस्तान की एक और नापाक साजिश सामने आई है। दरअसल भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। अब इसका बदला लेने के लिए पाकिस्तान ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाने की कोशिश की। तो चलिए जानते हैं पूरा मामला?

ऐसे नाकाम की पाकिस्तान की साजिश
मीडिया रिपोर्ट की माने तो पाकिस्तान की ओर से मिसाले दागी गई थी जो स्वर्ण मंदिर की तरफ आई थी। हालांकि भारतीय सेना ने अपनी सूझबूझ और बहादुरी के माध्यम से उन्हें  नाकाम कर दिया। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेना ने पाकिस्तान की खतरनाक साजिश को सफल होने से पहले ही रोक दिया। दरअसल, जवानों को पहले ही इस बात का शक हो गया था कि पाकिस्तान कभी भी भारत के मशहूर इलाकों पर या सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकता है। ऐसे में उन्होंने अमृतसर का स्वर्ण मंदिर मुख्य लक्ष्य रखा था, हालांकि पहले से ही शक होने के चलते वे अपने इस प्लान में नाकाम रहे।

swarn mandir

पहले से ही तैयार थी सेना
वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेन ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा के लिए पहले से ही खास इंतजाम किए थे। वहां आधुनिक हवाई सुरक्षा सिस्टम तैनात कर दिए गए थे ताकि किसी भी हवाई हमले से मंदिर को नुकसान न पहुंचे। इसी बीच पाकिस्तान ने ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइल से स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाकर हमला करने की कोशिश की, लेकिन यहां पर भारतीय सेवा मौजूद थी और पूरी तरह से तैयार थी। ऐसे में उनके हमलों को नाकाम कर दिया गया और मंदिर को सुरक्षित बचा लिया गया।

स्वर्ण मंदिर का इतिहास
बता दें, स्वर्ण मंदिर को हरीमंदिर साहिब भी कहा जाता है। यह सिखों का सबसे पवित्र स्थल है जिसका निर्माण गुरु रामदास ने 1577 में शुरू किया था और बाद में इसे गुरु अर्जन देव ने 1604 में पूरा किया। यह मंदिर अमृतसर पंजाब में स्थित है और इसके चारों और अमृत सरोवर नामक एक सरोवर है। बता दे यह दुनिया भर में काफी प्रसिद्ध है और यहां पर हजारों लोगों का हुजूम उमड़ा रहता है। 19वीं शताब्दी में महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था जिसके बाद इस पर सोने की परत चढ़ाई थी।

swarn mandir

पहले भी हो चुका है हमला
इसके बाद से ही इसे स्वर्ण मंदिर नाम से जाना जाने लगा। साल 1984 में स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान हिंसा हुई थी जिससे मंदिर को नुकसान हुआ था हालांकि बाद में इसका पुनर्निर्माण कर दिया गया। कई बार दुश्मनों के द्वारा स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाया जाता है क्योंकि ये काफी प्रसिद्द है और यहां हर रोज लोगों का मेला रहता है। ये मंदिर इतिहास को दोहराता है।

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