ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय जवानों के साथ-साथ भारतीय सैन्य महिलाओं ने भी कंधे से कंधे मिलाकर लड़ाई लड़ी। वहीं ऑपरेशन सिंदूर को दो महिलाओं ने मिलकर अंजाम दिया और जीत हासिल हुई। इसी बीच सिगनल रेजीमेंट की एक महिला अधिकारी ने अपने संघर्ष के अनुभव को याद किया। उन्होंने बताया कि कैसे पति के शहीद होने के बाद वह खुद भी आर्मी में शामिल हो गई और आज जवानों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर देश की रक्षा कर रही है। तो चलिए जानते हैं इस बहादुर जांबाज सैन्य अधिकारी के बारे में…
जमीनी लड़ाई के साथ हवाई लड़ाई में भी महिलाओं का साथ
जैसा कि, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान न केवल जमीनी लड़ाई लड़ी बल्कि हवा में भी युद्ध देखने को मिला। इसी दौरान महिला अधिकारी ने बताया कि उनकी टीम ने जमीन के साथ-साथ हवा में भी कम्युनिकेशन सिस्टम का काम संभाला था। हाल ही में हुए इंटरव्यू के दौरान महिला अधिकारी ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी कुछ जानकारी साझा की। उन्होंने बड़े ही गर्व के साथ बताया कि, “हम महिला होने के कारण कोई विशेष व्यवहार नहीं चाहते हैं, क्योंकि हम अन्य सैनिकों की तरह ही अपने देश की रक्षा कर रहे हैं।”
पति के शहीद के बाद ज्वाइन की आर्मी
महिला ने बताया कि उनके पति सेन में सिग्नल ऑफिसर थे और अरुणाचल प्रदेश में ‘ऑपरेशन राइनो’ के दौरान शहीद हो गए। इस दौरान महिला ने यह ठाना कि वह भी आर्मी जॉइन करेगी और अपने पति से प्रेरित होकर वह भारतीय सेना में शामिल हो गई और बड़े गर्व के साथ जी रही है। महिला अधिकारी ने बताया कि न केवल वह बल्कि उनका बेटा भी सेना में शामिल होना चाहता है। महिला अधिकारी गर्व से कहती हैं कि, “मेरा बेटा भी रक्षा बलों में शामिल होना चाहता है। अगर मैं हाउस वाइफ होती, तो मैं अपने बेटे को सैनिक का जीवन जीने का यह अनुभव नहीं दे पाती।”
पहलगाम के बदले था ऑपरेशन सिंदूर
गौरतलब है कि, भारत में 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर को शुरू किया और इसमें जीत भी हासिल की। दरअसल, 22 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान समर्थ आतंकवादियों ने 26 मासूम पर्यटन को गोली मार कर हत्या कर दी थी जिसके बाद देशभर में उदासी देखने को मिली थी। इस दौरान भारत ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया।
ये भी पढ़ें: प्रेम संबंध-अय्याशी के चक्कर में देश का सौदा, यूट्यूबर निकली पाकिस्तानी जासूस, दी संवेदनशील जानकारियां!