पहलगाम हमले को एक महीना हो चुका है। इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। पहलगाम में हुए अचानक इस हमले में करीब 26 मासूम लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। हालांकि भारतीयों ने इसका बदला ले लिया लेकिन अभी तक इसके चार मुख्य आतंकियों को नहीं पकड़ा गया है। ना ही इनका अभी तक कोई सुराग मिला जिसके माध्यम से इन तक पहुंचा जाए। तो चलिए जानते हैं आखिर यह ऑपरेशन अभी कहां तक पहुंचा और यह आतंकी नहीं पकड़ने का कारण क्या है….?
चुनौती बनता जा रहा आतंकियों को ढूंढना
मिली जानकारी के अनुसार यह कहा गया है कि, सुरक्षा बलों की तरफ से कोई कमी नहीं है। उन्होंने हर संभव कोशिश की लेकिन अभी तक पहलगाम में हुए हमले के मुख्य आतंकियों को नहीं पकड़ा गया और यह दिन ब दिन चुनौती बनता जा रहा है।
सुनियोजित थी पूरी साजिश, नहीं मिल रहा सुराग
सूत्रों की माने तो इस आतंकी हमले को पहले बहुत ही सुनियोजित तरीके से तैयार किया गया था और इस संयोजित साजिश के माध्यम से इसे अंजाम दिया गया। यही वजह है कि अभी तक यह चार आतंकी भारतीय सेना के हाथ नहीं आए। ऐसा माना जा रहा है कि यह किसी सुरक्षित मजबूत ठिकाने पर छिपे हैं जहां इन्होंने हथियार भी छोड़ दिए हैं। साथ ही राशन समेत जरूरी सामान पहले से ही इन्होंने जमा करके रखा हुआ है। बता दें, इनमें लश्कर के मूसा फौजी ग्रुप के चार आतंकी है जिनमें तीन विदेशी और एक स्थानीय शामिल हैं।
कोई टेक्निक नहीं आ रही काम
वही इंटेलिजेंस ग्रिड को अब तक कोई भी इंटरसेप्ट हिट, सिग्नेचर या मानव खुफिया इनपुट नहीं मिला। अब ऐसे में केवल फिजिकल स्कैनिंग ही बची हुई है जिसके माध्यम से जवान लगातार कोशिश कर रहे हैं। रिपोर्ट की माने तो अनंतनाग से कोकर्णक श्रीनगर की दाचीगाम फॉरेस्ट तक उनकी तलाशी जारी है। सुरक्षा बलों के मुताबिक अभी इन 4 आतंकियों को ढूंढने में और भी वक्त लग सकता है क्योंकि कोई भी इंटेलिजेंस ग्रेड कम नहीं आ रही है।
हर संभव प्रयास जारी, लेकिन नहीं मिली कामयाबी
मिली जानकारी के अनुसार जवान हर संभव प्रयास को अपना रहे हैं। साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों से भी सहयोग मांगा, लेकिन लोगों की चुप्पी और संयोजित प्लान की वजह से इन्हें ढूंढ नहीं पा रहे हैं और दिन ब दिन यह ऑपरेशन जटिल बनता जा रहा है। खैर उम्मीद है कि जल्दी ही इन आतंकियों को ढूंढ लिया जाएगा।
हमले ने कर दिया था हैरान
गौरतलब है कि, 22 अप्रैल को पहलगाम की घाटी पर हमला हुआ था। इस दौरान घूमने गए 26 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग इसमें घायल हो गए थे। इसके बाद भारतीय सेना की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर लाया गया जिसके माध्यम से कई आतंकियों को ढेर कर दिया गया।
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