- प्रधानमन्त्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन के तहत बडी संख्या मे स्थापित किये जा रहे हैं उद्यम।
- विकसित भारत के मोदी के मिशन को आम किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।
सचिन मलिक, लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन मे प्रदेश मे बडी संख्या मे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओ को फूड प्रोसेसिंग गतिविधियों से जोडा जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों के इस सेक्टर से जुडने से महिलाओ की आमदनी मे इजाफा हो रहा है। कृषि उत्पादों के साथ उनकी प्रोसेसिंग व भण्डारण के क्षेत्र मे किसानो की बढती रूचि से विकसित भारत के मोदी के मिशन को आम किसानों तक पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमन्त्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन के तहत बडी संख्या मे उद्यम स्थापित किये जा रहे हैं।
दिया जा रहा खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा
विभिन्न नीतिगत हस्तक्षेपों, बुनियादी ढांचे के विकास और व्यापार करने में आसानी के सुधारों के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। यूपी की खाद्य प्रसंस्करण नीति पूंजी सब्सिडी, ब्याज छूट और प्रसंस्करण इकाइयों, कोल्ड चेन और लॉजिस्टिक्स पार्कों की स्थापना के लिए समर्थन सहित आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान करती है। पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) योजना के तहत, वित्तीय, तकनीकी और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करके सूक्ष्म और लघु खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को मजबूत करने के लिए काम किया जा रहा है।
7000 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश
खाद्य प्रसंस्करण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 अन्तर्गत निवेश पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन 1100 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें रु 7000 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश उद्यमियों द्वारा किया जा रहा है। प्रधानमन्त्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (पीएम एफएमई) योजना प्रदेश में 14 इनक्यूवेश-सेण्टर्स भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किये गये हैं। इनकी स्थापना होने पर प्रदेश के कि स्टार्ट-अप, स्वयं सहायता समूहो, छात्रों आदि को विभिन्न लाभ प्राप्त होगें, जिससे इन सेण्टर्स माध्यम से वित्तीय और आर्थिक लाभ ऋण तक पहुंच में वृद्धि पीएम एफएमई इनक्यूवेशन सेण्टर्स सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों, एफपीओ, एसएचजी और सहकारी समितियों के लिए ऋण तक पहुंच की सुविधा प्रदान करते हैं।
500 करोड़ से अधिक अनुदान धनराशि
पीएम एफएमई योजना में उद्योग लगवाने के लिए प्रत्येक जनपद में जनपदीय रिसोर्स पर्सन (डी.आर.पी) की तैनाती जनपद के मुख्य विकास अधिकारियों द्वारा की जाती है। एक इकाई की स्थापना कराने में इन्हें धनराशि रू.20000 उपलब्ध करायी जाती है, अभी तक 17150 इकाईयों से अधिक स्वीकृत की जा चुकी हैं, जिन्हें रू.500 करोड़ से अधिक अनुदान धनराशि समय-समय उपलब्ध करायी गयी है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा चयनित 10000 महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को 30 करोड़ कार्यशील पूंजी उपलब्ध करायी गयी, जिनके माध्यम से महिलायें खाद्य प्रसंस्करण आधारित उत्पाद तैयार करते हुए स्थानीय स्तर पर विक्रय कर रही हैं।
17000 करोड़ से अधिक टर्म लोन स्वीकृत
उत्तर प्रदेश में विभिन्न बैंकों के द्वारा पीएम एफएमई योजना के अन्र्तगत 17000 करोड़ से अधिक टर्म लोन स्वीकृत किया गया है। पीएम एफएमई योजना के अन्तर्गत इस वर्ष स्वीकृत प्रस्ताव सर्वाधिक हैं, जिनका स्ट्राइक रेट 98 प्रतिशत है जो कि प्रथम स्थान पर है। प्रत्येक गांव को लाभान्वित करने के उद्देश्य से मुख्यमन्त्री खाद्य प्रसंस्करण योजना इस वर्ष प्रारम्भ की गयी है, जिसके माध्यम से प्रत्येक गांव में कुटीर उद्योग स्थापित कराने का लक्ष्य है इस के अन्तर्गत प्रत्येक महिला/इच्छुक लाभार्थी को 50 प्रतिशत अनुदान प्राविधान है।
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