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Monday, June 9, 2025

कुर्बानी का मतलब हत्या करना नहीं.. जब इरफ़ान खान ने लोगों की दी थी नसीहत, धर्म के नाम पर छिड़ गया था विवाद!

जब भी बॉलीवुड इंडस्ट्री में बेहतरीन कलाकारों के बारे में बात होती है तो इरफान खान का नाम जरूर सामने आता है। जी हां इरफान खान उन उम्दा एक्टर में से एक थे जिन्होंने अपनी मौजूदगी से हर किसी का दिल जीत लिया था। वहीं उनकी फिल्में भी कमाल की होती थी। उनका लाजवाब डायलॉग बोलने का अंदाज हर किसी का दिल जीत लेता था। इरफान खान का नाम उन दिनों काफी सुर्खियों में रहा जब उन्होंने बकरा ईद पर कुर्बानी को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया था जिसके बाद हर तरफ जंग छिड़ गई थी और इसके बाद उन्हें सफाई भी देनी पड़ी थी। तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला?

ऐसा क्या बोल गए थे इरफ़ान खान?
आज यानी कि 7 जून को देश भर में ‘ईद उल अजहा’ यानी की बकरा ईद मनाई जा रही है। हर साल इस त्यौहार पर जानवरों की हत्या की जाती है, हालांकि इसके कारण कई जगह विवाद भी शुरू हो जाता है। वही ऐसा ही कुछ हुआ था मशहूर अभिनेता इरफान खान को लेकर भी। दरअसल उन्होंने साल 2016 में इस पारंपरिक सोच पर सवाल उठाए थे उन्होंने यह कहा था कि कुर्बानी का मतलब कभी भी जानवर काटना नहीं होता।

irrfhan khan

उन्होंने अपने बयान में कहा था कि, “कुर्बानी का मतलब बाजार से बकरा खरीदना और काट देना नहीं है। कुर्बानी का मतलब है अपनी सबसे प्यारी चीज़ का त्याग करना। किसी और जानवर का कत्ल कर देने से हमें पुण्य कैसे मिलेगा ये सोचने वाली बात है। ये कॉमन सेंस है। हम त्यौहारों को एक रूटीन की तरह मनाने लगे हैं लेकिन इसका असली मकसद भूल गए हैं, जो है आत्म शुद्धि और अंदर की निगेटिविटी खत्म करना।”

सफाई में एक्टर ने कही थी ये बात
बस फिर क्या था? हर तरफ जुबानी जंग छिड़ गई और अभिनेता पर धर्म का अपमान करने का आरोप भी लगा दिया गया था। हालांकि इसके बाद इरफान खान ने अपने बयान में सफाई देते हुए कहा था कि, “मैंने कुछ नया नहीं कहा, बस वही बात याद दिलाई जो धर्म की आत्मा है। लोग त्यौहारों की आत्मा को भूल गए हैं, जैसे रमज़ान का रोज़ा सिर्फ भूखे रहने का त्यौहार नहीं है बल्कि खुद से जुड़ने और संयम साधने का माध्यम है। हर धर्म को आत्मनिरीक्षण की ज़रूरत है। सोचिए कि ये रीति-रिवाज़ क्यों बनाए गए थे और आज इनका क्या मतलब है?”

कैसे शुरू हुआ था इरफ़ान का करियर?
बात की जाए इरफान खान के करियर के बारे में तो उन्होंने छोटे पर्दे से अपने करियर की शुरुआत की। जी हां.. उन्होंने सबसे पहले टीवी सीरियल ‘चंद्रकांता’ में काम किया था जिसमें वह छोटे से किरदार में नजर आए। इसके बाद उन्हें पहली बार फिल्म ‘सलाम बॉम्बे’ मिली। इसमें भी उनका छोटा सा रोल था हालांकि उन्होंने अपने छोटे रोल से गहरी छाप छोड़ी। इसके बाद उन्होंने ‘पान सिंह तोमर’, ‘द लंच बॉक्स’, ‘तलवार’, ‘हिंदी मीडियम’ जैसी सुपरहिट फिल्मों से अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया।

irrfhan khan

इसी बीच इरफान खान को कैंसर जैसी बीमारी हुई जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। वही 29 अप्रैल 2020 को इरफान खान इस दुनिया को अलविदा कह गए। उन्होंने कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। भले ही आज इरफान खान हमारे बीच ना हो लेकिन उनकी सुपरहिट फिल्में आज भी हमें उनकी याद दिलाती है और वह अपने शानदार अभिनय के लिए हमेशा अमर रहेंगे।

पिता की तरह टेलेंटेड हैं बेटे बाबिल
इरफान खान के अलविदा कहने के बाद उनके बेटे बाबिल खान ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा। 15 मई 1998 के जन्मे बाबिल खान ने साल 2022 में फिल्म ‘कला’ से अपने करियर की शुरुआत की। इससे पहले वह बतौर कैमरा सहायक के रूप में काम करते थे। बता दे ‘कला’ में उनकी एक्टिंग की खूब तारीफ हुई। इसके बाद उन्हें ‘द रेलवे मैन भोपाल की अनकही कहानी’, ‘फ्राईडे नाइट’, ‘प्लान’ जैसी फिल्मों में काम करने का मौका मिला।

irrfhan khan

अपने पिता की तरह ही बाबिल खान भी चुनिंदा अभिनेताओं में से एक है। पिछले दिनों उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था जिसमें वह रोते बिलखते हुए नजर आए थे। इस दौरान उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री की जमकर बुराई की थी, हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने यह वीडियो डिलीट भी कर दिया था।

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