लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश में आच्छादन के लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त करने के लिए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आच्छादन के आंकड़ों को प्रत्येक तीन दिन पर संकलित किया जाये। जिन फसलों की उत्पादकता राष्ट्रीय उत्पादकता से पीछे है। उन फसलों की कार्य-योजना बनाकर अगले 1 से 2 वर्षों के भीतर राष्ट्रीय स्तर की उत्पादकता प्राप्त की जाये। कृषि भवन में आयोजित बैठक के दौरान उन्होंने योजना अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि दलहन एवं तिलहन तथा मक्का पर विशेष बल दिया जाये।
रबी की बुवाई हेतु किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज की उपलब्धता कराने हेतु अभी से तैयारी कर ली जाये। चना, मसूर एवं मक्का के बीज जो अधिक उत्पादकता वाले हैं तथा प्रदेश के लिये उपयुक्त भी हैं उन्हीं प्रजातियों की माँग कर बीज उपलब्ध कराया जाये। बाजरे की फसल को भी बढ़ावा दिया जाना है। इस हेतु अभी से कार्य प्रारम्भ कर दिया जाये।
इस दौरान मंत्री द्वारा कृषि सांख्यिकी एवं फसल बीमा अनुभाग का निरीक्षण किया गया। उन्होंने निर्देश दिए कि आच्छादन के आंकड़ों का परीक्षण कर रिपोर्ट प्रेषित करें। साथ ही वर्षा के आंकड़ों का भी परीक्षण करें। डिजिटल कॉप सर्वे का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रेषित की जाये। बाजरा, मक्का एवं तिल की उत्पादकता में गिरावट के कारणों पर एनॉलिसिस किया जाये। इस दौरान विभाग के सभी संबंधित योजना अधिकारी उपस्थित थे।