DELHI एलिवेटेड लाइनों पर पतंग ना उड़ाए।

दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में स्वतंत्रता दिवस/ रक्षा बंधन के अवसर पर पतंग उड़ाने का प्रचलन है। वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर में दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क लगभग 400 कि.मी. क्षेत्र में फैला हुआ है जो कि मुख्यत: एलिवेटेड है जहां पटरियों के समानांतर 25,000 वोल्टेज की चालू/लाइव ओवरहेड इक्विपमेंट (ओ.एच.ई) तारें ट्रेनों को दैनिक यात्री सेवाओं हेतु ट्रेनों को बिजली सप्लाई करती हैं।

चूंकि 15 अगस्त के आसपास पतंग उड़ाने वालों की संख्या अत्यधिक बढ़ जाती है इसलिए लाइनों के आसपास पतंग उड़ाने पर उसकी डोर बिजली के तारों में उलझने या चलती ट्रेन के पेंटोग्राफ यूनिट में फंसने की आशंका रहती है। एलिवेटेड मेट्रो लाइनों की ऐसी घटनाओं से न केवल ओ.एच.ई या पेंटोग्राफ को नुकसान पहुंच सकता है बल्कि इससे बिजली ट्रिप होकर मेट्रो सेवाएं बाधित होने की आशंका भी बढ़ जाती है। इसके साथ ही धातु के मांझे के साथ पतंग उड़ाने वालों के लिए भी यह जानलेवा/घातक साबित हो सकता है।

ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामान्य तौर पर इन दिनों डीएमआरसी पतंगबाजी की आशंका वाले स्टेशनों के पास डेडिकेटेड टीमों के द्वारा निगरानी बनाए रखती है। ये टीमें इन दिनों पतंग की डोर दिखने पर सावधानी बरतने, ट्रेन ऑपरेटर और स्टेशन कर्मचारियों को सतर्क रहने की सलाह देने के अलावा पतंग की डोर को तुरंत हटाने का काम करती हैं।

इस बचाव संबंधी व्यवस्था के अलावा दिल्ली मेट्रो आमजन से अपील भी करती है कि वे अपनी स्वयं की सुरक्षा एवं मेट्रो के निर्बाधित परिचालन के लिए मेट्रो की 25000 वोल्टेज वाली OHE/बिजली के तारों के पास पंगबाजी न करें। ऐसा करना उनकी जान को भी जोखिम में डाल सकता हैं और मेट्रो सेवाएं भी बांधित हो सकती हैं ।

मेट्रो यात्रियों की सुरक्षा और निर्बाध मेट्रो सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली मेट्रो जनता को मेट्रो लाइनों से दूर खुली जगहों पर सुरक्षित रूप से पतंग उड़ाने का आनंद लेने की सलाह देती है।

 

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