मंत्री राकेश सचान ने शिल्पकारों को वितरित किए गए निःशुल्क टूल किट्स।

योगी सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं शिल्पकार।

शिल्पकारों और कारीगरों के स्वावलंबन के लिए हुआ विशेष कार्यक्रम।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड और उ.प्र. माटीकला बोर्ड द्वारा आज उद्यान भवन के प्रेक्षागृह में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों से आए शिल्पकारों और कारीगरों को निःशुल्क टूल किट्स वितरित किए गए।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के खादी एवं ग्रामोद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम निर्यात प्रोत्साहन, रेशम उद्योग, वस्त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान ने किया। मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अपने संबोधन में मंत्री सचान ने प्रदेश सरकार द्वारा शिल्पकारों और कारीगरों के स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के लिए चलाए जा रहे विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया।

उन्होंने बताया कि माटीकला बोर्ड द्वारा कुम्हार समाज के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए समय-समय पर निःशुल्क टूल किट्स का वितरण किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम में प्रतीकात्मक रूप से 6 लाभार्थियों को दोना-पत्तल मशीन और 7 लाभार्थियों को विद्युत चालित चाक वितरित किए गए। साथ ही लखनऊ मंडल के विभिन्न जनपदों से आए 215 लाभार्थियों को विद्युत चालित चाक के प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।

मंत्री सचान ने प्रजापति समाज के कारीगरों और शिल्पकारों को मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के तहत वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की बात भी कही। इस मौके पर ग्रामीण उद्योग के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले तीन उद्यमियों को मंडल स्तरीय ग्रामोद्योग पुरस्कार प्रदान किए गए।

इसमें प्रथम पुरस्कार लखनऊ की शबाना खातून को 15,000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार रायबरेली के विजय प्रताप सिंह को 12,000 रुपये, और तृतीय पुरस्कार उन्नाव के रोहित को 1,000 रुपये की धनराशि, प्रशस्ति पत्र, अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

समारोह के अंत में मंत्री सचान ने सभी शिल्पकारों और कारीगरों का उत्साहवर्धन करते हुए कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए विभाग के आयोजकों को बधाई दी।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि माटी कला योजना के तहत मिट्टी से बने बर्तनों पर ध्यान दिया जा रहा है।

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