देश का विभाजन भारत के इतिहास की सबसे भयानक दुर्घटनाः नन्दी

इतिहास से सीख लेकर ही एक राष्ट्र अपने मजबूत भविष्य का निर्माण कर सकता हैः नन्दी

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आर्यकन्या डिग्री पीजी कॉलेज में आयोजित की गई संगोष्ठी

लखनऊ। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर बुधवार को मुट्ठीगंज स्थित आर्यकन्या डिग्री कॉलेज में विभाजन विभीषिका संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने कहा कि देश का विभाजन भारत के इतिहास की सबसे भयानक दुर्घटना है जिसके कारण अनगिनत लोगों को हिंसा और विस्थापन का दंश झेलना पड़ा।

नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाईयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। भारत माता को लहूलुहान कर देने वाला 14 अगस्त 1947 का वह काला दिन कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

मंत्री नन्दी ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए भारत को जिस तरह बांटा गया उसने देश के मन पर एक ऐसा घाव कर दिया जो आज भी जीवित है। देश के विभाजन की त्रासदी के समय लगभग 1.5 करोड़ लोग विस्थापित हुए और 10 लाख से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।

14 अगस्त उन सभी बलिदानियों और विस्थापितों को याद करने का दिन है जिन्होंने नफरत की इस आग में अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया।

अपने इतिहास को स्मृति में बसा कर, उससे सीख लेकर ही एक राष्ट्र अपने मजबूत भविष्य का निर्माण कर सकता है और एक शक्ति के रूप में उभर सकता है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह गौर, सांसद प्रवीण पटेल, महापौर गणेश केसरवानी, चेयरमैन अमरनाथ यादव, एमएलसी निर्मला पासवान, भाजपा महानगर अध्यक्ष राजेंद्र मिश्रा, जिलाध्यक्ष गंगापार कविता पटेल, यमुनापार जिलाध्यक्ष विनोद प्रजापति, संस्था के प्रबंधक पंकज जायसवाल के साथ ही जिला एवं मण्डल के पदाधिकारीगण, मोर्चा एवं प्रकोष्ठ के पदाधिकारीगण एवं स्थानीय पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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