राज्य में प्रवासी उत्तराखंड परिषद् का गठन किया जायेगा- मुख्यमंत्री
उत्तराखंड राज्य के प्रवासियों के लिए एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय में “प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन” में बताया कि “प्रवासी उत्तराखंड परिषद् का गठन” किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य न केवल उत्तराखंडी प्रवासियों को राज्य के विकास में सहभागी बनाना है बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति और पहचान को बढ़ावा देना भी है।
उत्तराखंड की संस्कृति और पहचान को सहेजने का प्रयास
उत्तराखंड अपनी विशिष्ट संस्कृति, परंपरा और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखंडी समुदाय का स्वागत करते हुए बताया कि प्रवासियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। देश के विभिन्न हिस्सों में बसे हुए प्रवासी उत्तराखंडी अपनी भाषा, संस्कृति और परंपराओं को संजोकर रखे हुए हैं, जो कि राज्य के लिए गर्व का विषय है।
प्रवासी उत्तराखंड परिषद् का गठन क्यों है आवश्यक?
“प्रवासी उत्तराखंड परिषद् का गठन” का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंडी प्रवासियों को राज्य की विकास योजनाओं में शामिल करना और उनकी समस्याओं का समाधान करना है। यह परिषद उत्तराखंड के प्रति उनकी जिम्मेदारी और जुड़ाव को और भी मजबूत करेगी। मुख्यमंत्री का कहना है कि यह पहल सभी प्रवासी उत्तराखंडियों को एक मंच पर लाने और राज्य के विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उत्तराखंडी संस्कृति और पहचान का प्रसार
प्रवासियों के जरिए उत्तराखंड की संस्कृति का प्रचार-प्रसार देश और विदेशों में किया जा रहा है। इस परिषद के गठन से यह प्रक्रिया और भी सुदृढ़ होगी। उत्तराखंडी लोककला, नृत्य, संगीत और रीति-रिवाजों को बढ़ावा देने के लिए प्रवासी उत्तराखंडियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि उत्तराखंड के प्रवासी अलग-अलग क्षेत्रों जैसे शिक्षा, शोध, प्रशासन, फिल्म निर्माण, व्यापार आदि में अपनी पहचान बना रहे हैं। इस सम्मेलन के माध्यम से उन्होंने सभी को उत्तराखंड की माटी से जुड़े रहने का आह्वान किया।
राज्य में निवेश और रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कई नई नीतियों का जिक्र किया। राज्य में कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल जैसे क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने 30 से अधिक नई नीतियां लागू की हैं जो राज्य को निवेश और रोजगार के लिए एक अनुकूल स्थान बनाती हैं। इसके साथ ही, “प्रवासी उत्तराखंड परिषद् का गठन” इस दिशा में प्रवासी समुदाय को भी जोड़ने का प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश हित में कई कठोर एवं ऐतिहासिक निर्णय लिये गये हैं। यूसीसी का कानून राज्य में जल्द लागू होगा। देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून धर्मांतरण रोधी कानून और दंगा रोधी कानून लागू किया गया है। लैंड जिहाद के खिलाफ भी मुहिम चलाकर प्रदेश भर में 5000 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करवाया है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत् विकास के लक्ष्यों के इंडेक्स में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी में है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत कम हुई है। राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए नई फिल्म नीति को भी मंजूरी दी है जिसमें राज्य में फिल्मों की शूटिंग करने पर कई प्रकार की सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है।
रोजगार और निवेश के प्रमुख क्षेत्र
उत्तराखंड में रोजगार और निवेश के लिए कई संभावनाएं हैं। पर्यटन, फिल्म निर्माण, कृषि और जैविक उत्पादों का क्षेत्र इसमें शामिल है। प्रवासी उत्तराखंडी इस परिषद के माध्यम से राज्य में निवेश करने और रोजगार सृजन में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित होंगे। मुख्यमंत्री ने प्रवासियों से अपील की कि वे अपनी विशेषज्ञता और अनुभव के साथ अपने गांवों और क्षेत्रों के विकास में अपना योगदान दें।
प्रवासियों के लिए समर्पित वेबसाइट का निर्माण
उत्तराखंड सरकार ने प्रवासी उत्तराखंडियों की समस्याओं का समाधान करने और उन्हें विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक डेडीकेटेड वेबसाइट तैयार करने की योजना बनाई है। इस वेबसाइट पर प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य में होने वाली विभिन्न गतिविधियों, विकास योजनाओं और अवसरों की जानकारी मिलेगी। इससे प्रवासियों को राज्य के अधिकारियों और अन्य प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ संवाद का भी अवसर मिलेगा।
राज्य के विकास में उत्तराखंड प्रवासी परिषद की भूमिका
मुख्यमंत्री ने इस सम्मेलन में कहा कि “प्रवासी उत्तराखंड परिषद् का गठन” एक ऐसा मंच प्रदान करेगा, जहां से प्रवासी उत्तराखंडी राज्य के विकास में अपनी भागीदारी को और भी मजबूत कर सकेंगे। इस परिषद के माध्यम से प्रवासियों को विभिन्न राज्य विकास परियोजनाओं में योगदान देने का अवसर मिलेगा, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, पर्यटन और विज्ञान के क्षेत्र शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने में उत्तराखंड भी अपनी भूमिका निभा रहा है। प्रवासियों को “प्रवासी उत्तराखंड परिषद्” के माध्यम से राज्य की आर्थिक प्रगति में सहयोग देने के लिए आमंत्रित किया गया है। उत्तराखंड में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों के योगदान से यह राज्य विकास की दिशा में अग्रसर है।
राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा
उत्तराखंड सरकार ने फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई फिल्म नीति भी लागू की है। इसके तहत राज्य में फिल्म शूटिंग करने पर कई तरह की सब्सिडी दी जाएगी। प्रवासी उत्तराखंडी, विशेष रूप से फिल्म उद्योग से जुड़े लोग, इस नीति का लाभ उठा सकते हैं। अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी ने कहा कि उत्तराखंड की लोक कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजन महत्वपूर्ण हैं। इस नीति से राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
पर्यावरण संरक्षण और जैविक खेती को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। प्रवासी उत्तराखंडियों को सामूहिक खेती और जैविक उत्पादों के क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जैविक खेती से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगी।
प्रवासी उत्तराखंडी और राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंड़ियों को अपने माटी से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सराहनीय पहल की गई है। राज्य में पर्यटन, ऊर्जा, वन संपदाओं, उद्योग के क्षेत्र में कार्य के अनेक संभावनाएं हैं। हर क्षेत्र में राज्य तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी मातृभूमि के लिए कार्य करने के लिए उन्हें जो भी अवसर मिलेगा, वे हमेशा उपस्थित रहेंगे।
प्रवासी उत्तराखंडियों से मुख्यमंत्री की अपील
मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखंडियों से अपील की कि वे वर्ष में कम से कम एक बार अपने गांव और पैतृक घर अवश्य जाएं और वहां के विकास में सहयोग दें। उनके सुझावों और कार्यों के आधार पर राज्य में नई नीतियों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि “प्रवासी उत्तराखंड परिषद् का गठन” और इस सम्मेलन से जो संदेश निकलेगा, वह उत्तराखंड को देश का एक श्रेष्ठ राज्य बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर विधायक बंशीधर भगत, किशोर उपाध्याय, सविता कपूर, विधायक एवं प्रवासी उत्तराखंडी सुरेन्द्र मैठाणी, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अनेक संख्या में आये प्रवासी उत्तराखंडी और शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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