जम्मू कश्मीर एनकाउंटर – श्रीनगर में जबरवान वन क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़: श्रीनगर के जबरवान और निशात बाग इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी

श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर – जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में हालिया बढ़ोतरी के बीच श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है। यह मुठभेड़ रविवार, 10 नवंबर को सुबह जबरवान वन क्षेत्र में शुरू हुई, जहां आतंकियों के छिपे होने की आशंका पर सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान शुरू किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस इलाके में 2-3 आतंकवादी छिपे हो सकते हैं, जिन्हें खोजने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने घेराबंदी कर रखी है।

जम्मू कश्मीर एनकाउंटर

सर्च ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़

सूत्रों के अनुसार, यह मुठभेड़ दाचीगाम और निशात बाग के ऊपरी इलाकों से सटे जंगलों में हो रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने सुबह करीब 9 बजे इस इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इस दौरान आतंकियों ने गोलीबारी की, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभाल लिया। सर्च ऑपरेशन में जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना, और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान शामिल हैं, जो इलाके को पूरी तरह से घेरे हुए हैं।

बीते दिनों में बढ़ी हैं आतंकी गतिविधियाँ

जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ समय से आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। हाल ही में श्रीनगर और अन्य क्षेत्रों में कई मुठभेड़ हुई हैं, जिनमें कई आतंकियों का खात्मा किया गया। बीते 8 नवंबर को बारामूला जिले के सोपोर में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर किया था। इसके अलावा, पिछले सप्ताह ही श्रीनगर और अनंतनाग में लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी कमांडर सहित तीन आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। यह घटनाएँ क्षेत्र में आतंकवादियों की लगातार बढ़ती गतिविधियों की ओर इशारा करती हैं।

आंतरिक सुरक्षा के लिए सख्त कदम

आतंकी गतिविधियों के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। हाल ही में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कठुआ जिले का दौरा किया, जो पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। इस दौरे में उन्होंने जम्मू क्षेत्र की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और आतंकवाद-रोधी अभियानों को और तेज़ी से अंजाम देने पर जोर दिया। इसी दौरान, उन्होंने किश्तवाड़, राजौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, डोडा और कठुआ जैसे जिलों में बढ़ती आतंकी घटनाओं पर भी चिंता व्यक्त की।

नागरिकों में सुरक्षा को लेकर आशंकाएँ बढ़ीं

जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही मुठभेड़ों और आतंकी हमलों के कारण आम नागरिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। हाल ही में किश्तवाड़ में आतंकवादियों ने ग्राम रक्षा गार्ड (VDG) के दो सदस्यों का अपहरण कर उन्हें गोली मार दी थी, जिससे पूरे क्षेत्र में भय का माहौल है। इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस जघन्य हमले की कड़ी निंदा की और सभी आतंकी समूहों का सफाया करने का संकल्प दोहराया। सरकार की ओर से भी यह आश्वासन दिया गया है कि आतंकवाद के खात्मे के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान जारी

जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा बल आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन को तेज़ कर रहे हैं। इस मुठभेड़ में अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन सुरक्षाबल इस ऑपरेशन को लेकर सतर्क हैं और आतंकियों को पकड़ने या मार गिराने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों के मददगारों को भी पकड़ने के लिए इलाके में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इससे पहले, श्रीनगर में ग्रेनेड हमले में शामिल तीन आतंकी सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था, जो एक स्थानीय बाजार में हुए हमले के जिम्मेदार थे।

केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा पर विशेष ध्यान

हाल की घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर विशेष ध्यान दे रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्रालय ने सुरक्षा बलों को आतंकवाद से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों के सहयोग से व्यापक अभियान शुरू किया है, जिसके अंतर्गत नए सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक संघर्ष

विशेषज्ञों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में जारी आतंकवाद के खिलाफ अभियान इस क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण है। लगातार हो रही मुठभेड़ों में सफलता प्राप्त करने से सुरक्षाबलों का मनोबल ऊँचा हुआ है और जनता को यह विश्वास दिलाने में सहायता मिली है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर है। इसके साथ ही, सुरक्षाबल और प्रशासनिक अधिकारी आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों को सहायता पहुंचाने और उन्हें सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए भी काम कर रहे हैं।