ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले नाराज हुए एलन मस्क, मंत्रियों के चयन पर जमकर हुआ झगड़ा; चौंकाने वाली रिपोर्ट
नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप के पुराने सहयोगी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच तनाव बढ़ चुका है। यह तनाव विशेष रूप से कैबिनेट चयन और शक्ति के संघर्ष को लेकर है। मस्क ने ट्रंप के सलाहकारों के चयन को लेकर विरोध जताया, और उनका कहना था कि ट्रंप के करीबी लोग उनकी बढ़ती ताकत से परेशान हो रहे हैं। इस लेख में हम इस विवाद को विस्तार से समझेंगे और जानेंगे कि यह स्थिति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले कैसी बन रही है।
एलन मस्क और ट्रंप के पुराने सहयोगियों के बीच विवाद
डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद से एलन मस्क का प्रभाव बढ़ा है, और यह उनके पुराने सहयोगियों के लिए चिंता का कारण बन गया है। मस्क की बढ़ती ताकत और प्रभाव ने ट्रंप के पुराने सहयोगियों को असुरक्षित महसूस कराया है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक डिनर पार्टी के दौरान मस्क और ट्रंप के सलाहकार बोरिस एप्सटेन के बीच तीखी बहस हो गई थी। यह विवाद मुख्य रूप से कैबिनेट नियुक्तियों पर था।
कैबिनेट नियुक्तियों पर विवाद
मस्क ने बोरिस एप्सटेन द्वारा चयन किए गए उम्मीदवारों पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि एप्सटेन ने इन निर्णयों को मीडिया में लीक किया। इस विवाद ने मस्क की स्थिति को और मजबूत किया, लेकिन ट्रंप के पुराने सहयोगी इसके लिए तैयार नहीं थे।
मस्क और एप्सटेन के बीच बढ़ता तनाव
मस्क का आरोप था कि बोरिस एप्सटेन ने ट्रंप के कुछ अहम निर्णयों को सार्वजनिक किया और न्याय विभाग और व्हाइट हाउस के वकील के चयन में बहुत अधिक भूमिका निभाई। एप्सटेन के द्वारा किए गए इन फैसलों ने मस्क को न केवल असहज किया, बल्कि उन्होंने अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को भी ट्रंप की कैबिनेट में जगह दिलवाने का प्रयास किया।
कौन हैं बोरिस एप्सटेन?
बोरिस एप्सटेन डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगियों में से एक हैं और उन्होंने ट्रंप को कई आपराधिक मामलों से बचाने में अहम भूमिका निभाई है। अब, मस्क का मानना है कि एप्सटेन ने उन्हें काफी हद तक दरकिनार कर दिया है और अपनी पसंद के उम्मीदवारों को चुनने की कोशिश की है।
ट्रंप की जीत के बाद मस्क का बढ़ता प्रभाव
पांच नवंबर को ट्रंप की जीत के बाद एलन मस्क एक प्रमुख और प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में उभरे हैं। उनकी भूमिका न केवल ट्रंप के राष्ट्रपति बनने में महत्वपूर्ण रही है, बल्कि उनकी कंपनी और उनकी ताकत अब राजनीति में भी महत्वपूर्ण बन गई है। यह बदलाव ट्रंप के पुराने सहयोगियों के लिए एक चुनौती बन गया है, क्योंकि अब मस्क के प्रभाव से उनकी अपनी स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं।
मस्क की बढ़ती ताकत
एलन मस्क, जो कि टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के CEO हैं, अब राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यूरोपीय देशों में उनकी कंपनी एक्स (पूर्व में ट्विटर) के खिलाफ चल रहे विवाद के कारण उनके प्रभाव में वृद्धि हो रही है। इसके साथ ही, मस्क का अमेरिकी राजनीति में बढ़ता प्रभाव ट्रंप के पुराने सहयोगियों के लिए चिंता का कारण बन रहा है।
यूरोप के लिए खतरे का कारण बन सकती है मस्क की नाराजगी
एलन मस्क और ट्रंप के करीबी रिश्ते के कारण, यूरोपीय देशों को मस्क को नाराज करने का खतरा महसूस हो रहा है। अगर मस्क नाराज हो गए, तो इसका असर यूरोपीय देशों पर पड़ सकता है। यूरोप के तकनीकी नियामक मस्क की कंपनी एक्स के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहे थे, लेकिन ट्रंप की जीत के बाद अब स्थिति बदल गई है। ट्रंप के करीबी सहयोगियों और मस्क के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए यूरोप को अब सावधानी बरतनी पड़ेगी।
यूरोप पर दबाव
एलन मस्क की कंपनी एक्स पर यूरोपीय देशों ने डिजिटल सर्विस एक्ट (DSA) के तहत जांच शुरू की है। जांच में आरोप है कि एक्स ने भ्रामक कंटेंट को बढ़ावा दिया और यूजर्स को गलत जानकारी दी। ऐसे में यूरोपीय देशों को डर है कि मस्क को नाराज करने से अमेरिका का रुख उनके खिलाफ हो सकता है।
मस्क और ट्रंप: क्या चल रही है रणनीति?
मस्क की बढ़ती ताकत ने ट्रंप के पुराने सहयोगियों के बीच असहमति पैदा कर दी है। मस्क इसे एक वैचारिक लड़ाई मानते हैं और अपनी स्थिति को लेकर पीछे हटने के मूड में नहीं हैं। उनका कहना है कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं, और इसके लिए वह यूरोप के नियमों के खिलाफ खड़े हैं।
ट्रंप की जीत का मस्क पर असर
मस्क का कहना है कि उन्होंने ट्रंप की जीत में अहम भूमिका निभाई और अब वे चाहते हैं कि ट्रंप के सहयोगी उनके प्रभाव को स्वीकार करें। मस्क की यह रणनीति ट्रंप के पुराने सहयोगियों को असुरक्षित कर रही है, जो अब अपनी स्थिति को लेकर चिंतित हैं।
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले का हालात
अब जबकि ट्रंप राष्ट्रपति बनने के करीब हैं, उनके पुराने सहयोगियों और एलन मस्क के बीच विवाद और भी गहरा सकता है। ट्रंप के लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि उन्हें मस्क के बढ़ते प्रभाव को भी संभालना होगा। साथ ही, कैबिनेट के चयन में मस्क की भूमिका बढ़ती जा रही है, जिससे उनके पुराने सहयोगियों की स्थिति कमजोर हो रही है।
क्या ट्रंप मस्क के साथ तालमेल बना पाएंगे?
ट्रंप और मस्क के बीच का यह विवाद चुनाव के बाद और बढ़ सकता है, और यह राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ट्रंप के लिए एक बड़ा राजनीतिक कदम होगा।
एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के पुराने सहयोगियों के बीच यह विवाद एक नए राजनीतिक और रणनीतिक द्वंद्व का रूप ले चुका है। मस्क की बढ़ती ताकत ने ट्रंप के करीबी सहयोगियों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। जैसे-जैसे ट्रंप की शपथ लेने का समय करीब आता है, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मस्क और ट्रंप के बीच तालमेल बनता है, या फिर यह विवाद और भी गहरा होगा।
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