दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: किसकी बनेगी सरकार?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में जनता किस पार्टी को सत्ता सौंपेगी, इस पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं। 5 फरवरी को मतदान होगा और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), और कांग्रेस के बीच जोरदार मुकाबला होने की उम्मीद है। हालांकि, इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए हालात उतने आसान नहीं दिख रहे, जितने पिछले चुनावों में थे।
Voter सर्वे: किसके पक्ष में हैं आंकड़े?
दिल्ली चुनाव से पहले सी-वोटर द्वारा कराए गए सर्वे ने बड़ा खुलासा किया है। इस सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में एक बार फिर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनने की संभावना है। सर्वे में सामने आया कि 49% लोग मौजूदा सरकार को बनाए रखना चाहते हैं, जबकि 46% लोग बदलाव के पक्ष में हैं।
इन आंकड़ों से यह साफ होता है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी को फिर से सत्ता में आने का अच्छा मौका है। हालांकि, पिछले पांच सालों में AAP के समर्थन में गिरावट देखने को मिली है।
कैसा रहेगा दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल?
क्या विपक्ष का बंटवारा करेगा AAP की मदद?
सी-वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख ने न्यूज तक से बातचीत में दिल्ली चुनाव के खास पहलुओं पर रोशनी डाली। उनके अनुसार, जिन 49% लोगों ने सरकार बनाए रखने की बात कही है, उनका समर्थन सीधे तौर पर आम आदमी पार्टी (AAP) के पक्ष में जाएगा।
लेकिन, जो 46% लोग बदलाव चाहते हैं, उनके वोट का बंटवारा होना तय है। विपक्ष में अगर सिर्फ एक पार्टी होती, तो सत्ता-विरोधी वोट एक जगह केंद्रित होते। लेकिन चूंकि मुकाबले में बीजेपी और कांग्रेस दोनों हैं, इस बंटवारे का सीधा फायदा AAP को मिलेगा।
AAP की राह कितनी आसान?
यशवंत देशमुख ने बताया कि पांच साल पहले AAP के समर्थन में 56-57% लोग थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा घटकर 49% पर आ गया है। दूसरी ओर, सरकार बदलने की चाहत रखने वालों की संख्या में 10% का इजाफा हुआ है।
इसका मतलब यह है कि आम आदमी पार्टी (AAP) की जीत का अंतर इस बार पिछले चुनावों जितना बड़ा नहीं होगा।
दिल्ली में 2025 का दंगल: पार्टी वार संभावनाएं
1. आम आदमी पार्टी (AAP)
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में AAP ने दिल्ली में कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं, जो उनके मुख्य वोट बैंक को आकर्षित करती हैं। सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार, मोहल्ला क्लीनिक, और बिजली-पानी की सब्सिडी जैसी योजनाओं ने उन्हें मजबूत स्थिति में रखा है।
हालांकि, इस बार जनता के बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या सरकार अपने सभी वादों को पूरा करने में सफल रही है।
2. भारतीय जनता पार्टी (BJP)
बीजेपी का फोकस राष्ट्रीय मुद्दों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर है। पार्टी ने अपने अभियान में विकास और सुरक्षा को प्रमुख मुद्दा बनाया है।
लेकिन दिल्ली में बीजेपी को AAP से कड़ी चुनौती मिल रही है, और पार्टी को स्थानीय मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा।
3. कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी, जो एक समय दिल्ली में सबसे बड़ी ताकत थी, अब कमजोर स्थिति में है। हालांकि, पार्टी को उम्मीद है कि वह इस बार अपनी खोई हुई जमीन वापस पा सकेगी।
कांग्रेस के पास बीजेपी और AAP दोनों को टक्कर देने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं दिख रही, लेकिन कुछ सीटों पर वह खेल बिगाड़ सकती है।
क्या कहता है सी-वोटर का आंकलन?
दिल्ली में AAP की पकड़ मजबूत
सर्वे के मुताबिक, जिन लोगों ने सरकार बनाए रखने की बात कही है, उनका वोट आम आदमी पार्टी (AAP) को मिलेगा। लेकिन इस बार उनकी जीत का अंतर कम हो सकता है।
विपक्ष का बंटवारा
जो लोग सरकार बदलने के पक्ष में हैं, उनके वोट बीजेपी और कांग्रेस के बीच बंटने की संभावना है। इससे AAP को फायदा हो सकता है।
चुनाव के बड़े मुद्दे और चुनौतियां
1. विकास बनाम सत्ता विरोधी लहर
दिल्ली के चुनावों में विकास हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है। AAP सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सेवाओं में सुधार किया है। लेकिन सत्ता-विरोधी लहर के कारण जनता बदलाव चाह सकती है।
2. बीजेपी का स्थानीय नेतृत्व
बीजेपी को दिल्ली में स्थानीय स्तर पर मजबूत नेतृत्व की कमी का सामना करना पड़ता है। इससे उनके अभियान पर असर पड़ सकता है।
3. कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस के पास इस बार कोई बड़ा चेहरा नहीं है। अगर पार्टी विपक्षी वोट को मजबूत करने में नाकाम रही, तो उसका प्रदर्शन खराब रह सकता है।
सीएम केजरीवाल की रणनीति
अरविंद केजरीवाल ने इस बार चुनावी अभियान में शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली जैसे मुद्दों पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य जनता को बुनियादी सेवाएं देना है।
क्या कहता है सर्वे?
सी-वोटर सर्वे के अनुसार, अरविंद केजरीवाल को जनता का समर्थन मिल सकता है। हालांकि, बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोट बंटवारा उनकी जीत सुनिश्चित कर सकता है।
AAP, बीजेपी और कांग्रेस: कौन जीतेगा दिल्ली का दंगल?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का नतीजा जनता की प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा। जहां AAP अपनी कल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यों के दम पर दोबारा सत्ता में आने की कोशिश करेगी, वहीं बीजेपी और कांग्रेस जनता को बदलाव का विकल्प देने की पूरी कोशिश कर रही हैं।
सी-वोटर के आंकड़ों से यह साफ है कि AAP की स्थिति मजबूत है, लेकिन विपक्ष के वोटों का बंटवारा उनकी राह आसान बना सकता है।
दिल्ली का राजनीतिक दंगल हर बार की तरह इस बार भी दिलचस्प रहेगा। सी-वोटर के सर्वे के मुताबिक, AAP की सरकार बनने की संभावना ज्यादा है, लेकिन उनकी जीत का अंतर पहले की तरह बड़ा नहीं होगा।
अब यह देखना होगा कि 8 फरवरी, 2025 को आने वाले नतीजे क्या तस्वीर पेश करते हैं।
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