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अरविंद केजरीवाल संपत्ति विवाद: बीजेपी के आरोप और आम आदमी पार्टी का जवाब

अरविंद केजरीवाल संपत्ति विवाद: बीजेपी के आरोप और आम आदमी पार्टी का जवाब

अरविंद केजरीवाल संपत्ति विवाद

अरविंद केजरीवाल संपत्ति विवाद पिछले कुछ समय से राजनीतिक चर्चा का केंद्र बना हुआ है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी द्वारा आरोप लगाए गए हैं कि उनकी संपत्ति में असामान्य वृद्धि हुई है। बीजेपी ने केजरीवाल की आय में 40 गुणा बढ़ोतरी का सवाल उठाया है, जबकि आम आदमी पार्टी ने इसके जवाब में केजरीवाल की सादगी और सार्वजनिक सेवा में समर्पण की बात की है।

बीजेपी का आरोप: केजरीवाल की आय में असामान्य बढ़ोतरी

बीजेपी का कहना है कि 2020-21 में अरविंद केजरीवाल की आय में लगभग 40 गुणा वृद्धि हुई, जो उनके चुनावी हलफनामे में दिखाए गए वेतन से मेल नहीं खाती। पार्टी ने इस वृद्धि को ‘अप्राकृतिक’ बताते हुए इसे केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के रूप में पेश किया। बीजेपी के नेता वीरेंद्र सचदेवा ने इस बढ़ोतरी पर सवाल उठाया और इसे समझ से परे बताया।

आम आदमी पार्टी का जवाब: केजरीवाल की सादगी की दुहाई

अरविंद केजरीवाल संपत्ति विवाद पर आम आदमी पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा कि केजरीवाल के पास न तो घर है, न कार है, और न ही कोई लक्जरी सामान। उन्होंने दावा किया कि उनकी पूरी संपत्ति में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल को एक सादा और ईमानदार नेता के रूप में पेश किया, जो अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ नहीं करता।

AAP ने यह भी कहा कि उनके नेता के पास सिर्फ 50,000 रुपये नकद हैं और उनके बैंक खाते में मुश्किल से 3 लाख रुपये हैं। यह उनके सादगीपूर्ण जीवन का प्रतीक है, जो पूरी तरह से सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बीजेपी के आरोप: शराब नीति में भ्रष्टाचार

बीजेपी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपनी शराब नीति के माध्यम से भ्रष्टाचार किया है। पार्टी का कहना है कि जिस समय उनकी आय में इतनी वृद्धि हुई, वही समय था जब दिल्ली में शराब नीति को लेकर विवाद हुआ था। बीजेपी ने यह आरोप लगाया कि केजरीवाल ने शराब ठेकेदारों के साथ मिलकर नीति बनाई और इससे उन्हें और उनके करीबी लोगों को फायदा हुआ।

आम आदमी पार्टी का पलटवार: प्रवेश वर्मा की संपत्ति पर सवाल

आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के नेता प्रवेश वर्मा की संपत्ति पर भी सवाल उठाया। AAP का कहना है कि वर्मा की संपत्ति में 2,600 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो कि बेहद संदिग्ध है। उन्होंने बीजेपी नेताओं की संपत्तियों की जांच करने की मांग की और आरोप लगाया कि ये लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

2023 चुनावों में फैसला करेगा दिल्ली

यह राजनीतिक तकरार अब दिल्ली के विधानसभा चुनावों में अहम भूमिका निभा सकती है। बीजेपी और AAP दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, और अब यह दिल्ली की जनता पर निर्भर है कि वे किसे ईमानदार मानते हैं। 5 फरवरी को होने वाले चुनावों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि दिल्लीवाले किसके पक्ष में खड़े होते हैं।

 

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