गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के लिए 200 करोड़ की धनराशि में से खरीदी जाएगी अवशेष भूमी।
गोरखपुर में 1250 एकड़ भूमि पर पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक गलियारा बनाने की योजना है।
Sachin Chaudhary Lucknow उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ औद्योगिक गलियारा विकसित करने के लिए वित्तीय वर्ष 2023 – 2024 में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) द्वारा बजट में निर्धारित 200 करोड़ धनराशि में से पूर्व में खरीदी गई भूमि से सटे अवशेष भूमि को किसानों के आपसी समझौते से क्रय किए जाने की स्वीकृति प्रदान की। जिससे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ औद्योगिक गलियारा के लिए अधिसूचित ग्राम तालनवर व बाघागाड़ा तहसील सदर की भूमि एवं पूर्व में ग्राम भगवानपुर तहसील सहजनवा की क्रय की गई भूमि से सटी अवशेष भूमि किसानों के आपसी समझौते से गीडा द्वारा क्रय किया जाएगा। मंत्री नन्दी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गोरखपुर में पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक गलियारा बनाने की योजना है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारे का विकास किया जा रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 1250 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। प्रथम चरण में 370 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर उसे उद्यमियों को आवंटित किया जा चुका है। इसके बाद अब 368 एकड जमीन और अधिग्रहित की जानी है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण प्रदेश के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा, जो रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगा। मंत्री नन्दी ने कहा कि गोरखपुर में औद्योगिक विकास के लिए मुख्यमंत्री की विशेष पहल का उद्यमियों पर यह असर हो रहा है कि वे अपने नए उद्योग गोरखपुर के औद्योगिक क्षेत्र में लगाने पर ध्यान दे रहे हैं। पेप्सिको और ज्ञान डेयरी को प्लाॅट आवंटन के बाद कई और बड़े उद्यमी गोरखपुर में जमीन के लिए प्रशासन से सम्पर्क कर रहे हैं। करीब 13500 एकड़ में फैले गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अधिकांश प्लाॅट उद्योगों के लिए आवंटित हो चुके हैं। इसलिए गोरखपुर में उद्योगों का जाल बिछाने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है। गोरखपुर में पेप्सिको और ज्ञान डेयरी के साथ ही कई बड़ी-बड़ी कम्पनियां गोरखपुर में निवेश के लिए इच्छुक हैं। जिसे देखते हुए ही औद्योगिक गलियारे के विस्तारीकरण के लिए जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है।