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Wednesday, March 19, 2025

अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर 5 फरवरी को वोटिंग, चुनाव आयोग ने किया ऐलान

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए तारीख का ऐलान कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने इस सीट पर 5 फरवरी को वोटिंग कराने का निर्णय लिया है। इस उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी। मिल्कीपुर सीट की विधानसभा में खाली हुई सीट के बाद चुनाव आयोग ने यह तारीख घोषित की है। आइए जानते हैं इस उपचुनाव से जुड़ी अहम जानकारी के बारे में।

अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर 5 फरवरी को उपचुनाव
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर 5 फरवरी को उपचुनाव

मिल्कीपुर सीट का इतिहास और वर्तमान स्थिति

मिल्कीपुर विधानसभा सीट अयोध्या जिले का एक महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है, जिसे 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के अवधेश प्रसाद ने जीता था। बाद में, जब अवधेश प्रसाद को 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद से उम्मीदवार बनाया गया, तो उन्होंने अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से यह सीट खाली हो गई, और अब उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हो रही है।

चुनाव आयोग का ऐलान: 5 फरवरी को वोटिंग

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की तारीख की घोषणा करते हुए बताया कि यहां 5 फरवरी को वोटिंग होगी। इस दिन के चुनाव परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। यह तारीख यूपी के अन्य विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों से अलग नहीं है, क्योंकि कई सीटों पर पहले ही उपचुनाव हो चुके हैं।

पूर्व विधायक अवधेश प्रसाद का इस्तीफा

2022 में, जब समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की, तो उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए फैजाबाद से टिकट मिला। बीजेपी के लल्लू सिंह को हराकर उन्होंने यह सीट जीती और उसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे के बाद से यह सीट खाली हो गई और अब उपचुनाव हो रहा है।

यूपी की अन्य सीटों पर उपचुनाव के परिणाम

उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर पहले ही उपचुनाव हो चुके हैं। इनमें से 7 सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और 2 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी। खासकर, करहल और सीसामऊ की सीटों पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा किया, जबकि मझवां, कुंदरकी, खैर, गाजियाबाद सदर, कटेहरी और फूलपुर सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की। विशेष रूप से कुंदरकी में बीजेपी ने एक महत्वपूर्ण जीत दर्ज की, जहां बीते समय में यह सीट बर्क परिवार के प्रभाव में मानी जाती थी।

मिल्कीपुर उपचुनाव के कारण: क्या था विवाद?

मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की शुरुआत में एक विवाद था। पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा ने 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान सपा के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद की जीत को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका के कारण उपचुनाव में देरी हुई थी, लेकिन अब गोरखनाथ बाबा ने अपनी याचिका वापस ले ली है, और इस वजह से उपचुनाव की तारीख को लेकर अब कोई भी कानूनी अड़चन नहीं है।

सपा का उम्मीदवार: अजीत प्रसाद

सपा ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। अजीत प्रसाद समाजवादी पार्टी के एक प्रमुख नेता और क्षेत्रीय जनता के बीच अच्छे प्रभाव वाले नेता के रूप में उभरे हैं। अब यह देखना होगा कि वह बीजेपी के उम्मीदवार को चुनौती देने में कितनी सफल होते हैं।

बीजेपी का उम्मीदवार: अभी घोषणा बाकी

अब तक बीजेपी ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि वे इस बारे में जल्द फैसला लेंगे। इस उपचुनाव में बीजेपी और सपा के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है, क्योंकि दोनों ही पार्टियां इस सीट पर अपने उम्मीदवार को मजबूत साबित करना चाहती हैं।

मिल्कीपुर उपचुनाव से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

  • वोटिंग की तारीख: 5 फरवरी, 2024
  • वोटों की गिनती: 8 फरवरी, 2024
  • उम्मीदवार: सपा ने अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा, बीजेपी ने अभी तक उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया।
  • पूर्व विधायक: अवधेश प्रसाद ने इस्तीफा देकर यह सीट खाली कर दी थी।

 मिल्कीपुर उपचुनाव का महत्व

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव यूपी की राजनीति में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। यह चुनाव विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां सपा और बीजेपी के बीच मुकाबला होगा। सपा ने जहां अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है, वहीं बीजेपी को अपनी ओर से उम्मीदवार की घोषणा करनी बाकी है। इस चुनाव का परिणाम न केवल मिल्कीपुर की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश की कुल राजनीतिक दिशा पर भी असर डाल सकता है।

अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव 5 फरवरी को आयोजित होने जा रहा है, और यह चुनाव क्षेत्र की राजनीति को नई दिशा देने वाला हो सकता है। बीजेपी और सपा के बीच यह उपचुनाव सियासी दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब यह देखना होगा कि मिल्कीपुर की जनता किसे अपना समर्थन देती है और इस उपचुनाव में कौन विजयी होता है।

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