बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बड़ा बदलाव

बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक बोर्ड (NCTB) ने महत्वपूर्ण बदलाव करने का फैसला किया है। शैक्षणिक वर्ष 2025 के लिए नए पाठ्यक्रम में शेख हसीना के भाषणों और बयानों को पाठ्यपुस्तकों से हटाने का निर्णय लिया गया है। यह बदलाव 5 अगस्त 2024 को हसीना सरकार के पतन के बाद से चर्चा का विषय बना हुआ है।
शेख हसीना सरकार क्यों गिरी?
बांग्लादेश में हिंसक आंदोलनों और राजनीतिक अस्थिरता के कारण शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। उनके इस्तीफे के बाद, बांग्लादेश में अंतरिम सरकार ने देश के पाठ्यक्रम को निष्पक्ष और ऐतिहासिक रूप से सही बनाने की दिशा में काम शुरू किया।
कौन से बदलाव किए जाएंगे पाठ्यपुस्तकों में?
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भाषण हटाए जाएंगे
NCTB ने ऐलान किया है कि पाठ्यपुस्तकों से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भाषण और बयान हटा दिए जाएंगे।
- महिमामंडन सामग्री: ऐसी सामग्री जो शेख हसीना को जरूरत से ज्यादा महिमामंडित करती हो, उसे भी हटाया जाएगा।
- ऐतिहासिक सत्यता: पाठ्यक्रम को ऐतिहासिक रूप से सही और राजनीतिक रूप से निष्पक्ष बनाने का प्रयास किया जाएगा।

पुराने पाठ्यक्रम की वापसी
NCTB ने 2012 के पुराने पाठ्यक्रम को वापस लाने का निर्णय लिया है।
- कक्षा 1-3: इन कक्षाओं के पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा।
- कक्षा 4-9: इन कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों को संशोधित किया जाएगा।
गणित और ICT सामग्री में सुधार
गणित और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) की पाठ्यपुस्तकों में भी बदलाव किए जाएंगे। विशेषज्ञ यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि नए बदलाव छात्रों के लिए सरल और उपयोगी हों।
पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा के लिए विशेषज्ञ पैनल
अंतरिम सरकार ने पाठ्यक्रम में बदलाव को सुचारू बनाने के लिए विशेषज्ञ समितियां बनाई हैं।
- 33 किताबों की समीक्षा: हर समिति में 3-5 विशेषज्ञ होंगे।
- विशेष सामग्री: सामग्री को राजनीतिक दृष्टिकोण से तटस्थ और सामाजिक रूप से स्वीकार्य बनाया जाएगा।
बांगबंधु और जियाउर रहमान का योगदान रहेगा बरकरार
पाठ्यक्रम में बांग्लादेश के संस्थापक बांगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान के योगदान को शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
- बांगबंधु का योगदान: उनकी भूमिका को सही संदर्भ में प्रस्तुत किया जाएगा।
- जियाउर रहमान का समावेश: उनके योगदान को वापस जोड़ा जाएगा, जिसे पूर्व पाठ्यक्रम में हटाया गया था।
पाठ्यपुस्तकों के कवर पेज में बदलाव
सभी पाठ्यपुस्तकों के कवर पेज को भी बदला जाएगा।
- राष्ट्रीय मूल्यों पर जोर: नए कवर पेज पर राष्ट्रीय मूल्यों और आपातकालीन सेवाओं से संबंधित चित्र होंगे।
- विवादित सामग्री हटाई जाएगी: कोई भी राजनीतिक रूप से संवेदनशील सामग्री कवर पेज पर नहीं होगी।
2022 के पाठ्यक्रम की आलोचना
शेख हसीना सरकार द्वारा 2022 में पेश किए गए पाठ्यक्रम की आलोचना करते हुए अंतरिम सरकार ने इसे अप्रभावी करार दिया। 2025 के लिए 2012 के पुराने पाठ्यक्रम को फिर से लागू करने का निर्णय लिया गया।
- 2023 में विस्तार: 2022 के पाठ्यक्रम को कक्षा 6 और 7 में लागू किया गया था।
- 2024 में निरस्त: इसे शिक्षा प्रणाली के लिए उपयुक्त नहीं माना गया।
राजनीतिक बदलावों का शिक्षा पर प्रभाव
शेख हसीना सरकार के पतन और अंतरिम सरकार के गठन के बाद शिक्षा व्यवस्था में बदलाव स्पष्ट रूप से राजनीतिक प्रभाव का नतीजा है।
- निष्पक्ष शिक्षा: सरकार का उद्देश्य शिक्षा को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त करना है।
- भविष्य की योजनाएं: एक नए और बेहतर पाठ्यक्रम के विकास पर भविष्य में काम किया जाएगा।बांग्लादेश पाठ्यक्रम में बदलाव
बांग्लादेश की शिक्षा व्यवस्था में यह बदलाव देश की राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक दबाव का परिणाम है। शेख हसीना के पद से हटने के बाद, अंतरिम सरकार शिक्षा को निष्पक्ष और ऐतिहासिक रूप से सही बनाने का प्रयास कर रही है। हालांकि, इन बदलावों के लंबे समय तक क्या प्रभाव होंगे, यह आने वाला समय ही बताएगा।
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