22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही दिल्ली और देश के कई राज्यों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही है। इसी के तहत सीकर जिले से करीब 148 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार कर जोधपुर लाया गया। इन सभी को सड़क मार्ग के जरिए भारी पुलिस सुरक्षा के बीच जोधपुर पहुंचा गया। पिछले कुछ दिनों से राजस्थान पुलिस ने भी विशेष अभियान चलाया और पूरे प्रदेश में 1008 बांग्लादेशी पकड़े गए। वहीं दिल्ली में भी इसके खिलाफ तेजी से कार्यवाई की जा रही है। तो चलिए जानते हैं अब तक अवैध रूप से पकड़ाए घुसपेटियों के बारे में…
पहलगाम हमले के बाद सरकार ने दिए कई निर्देश
गौरतलब है कि, साल 2016 में तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजुजू ने राज्यसभा में यह जानकारी प्रदान की थी कि भारत में लगभग 2 करोड़ बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं। इसी 20 अप्रैल तक लगभग 100 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा सुरक्षा बल को सौंप दिया है। वही बात की जाए दिल्ली के बारे में तो दिल्ली में ही पिछले 1 महीने में दिल्ली पुलिस ने व्यापक ऑपरेशन चलाया और इस ऑपरेशन के दौरान बांग्लादेश के करीब 470 ऐसे लोगों की पहचान की गई जो अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। इसके अलावा 50 और लोगों की पहचान की गई जो दूसरे देशों के रहने वाले हैं। इन 470 लोगों को त्रिपुरा के अगरतला पहुंचा और उसके बाद उन्हें बांग्लादेश वापस भेज दिया गया।
6 महीने में 700 अवैध प्रवासियों को वापस भेजा
वही एक पुलिस अधिकारी की माने तो पिछले एक महीने में गाजियाबाद के हिडन एयरवेज से करीब तीन से चार स्पेशल फ्लाइट के जरिए अवैध प्रवासियों को अगरतला भेजा गया जबकि 6 महीने में 700 अवैध प्रवासियों को वापस भेज दिया गया है। हालांकि इसी बीच बांग्लादेश सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी का बयान सामने आया। उनका कहना है कि, “भारत द्वारा अवैध नागरिकों को धकेलना स्वीकार नहीं है और यदि आवश्यकता पड़ी तो सेना भी कार्यवाही के लिए तैयार है।” हालाँकि ये एक तरह से गीदड़ भपकी ही मानी जा सकती है।
अवैध लोगों को बसाने वाले पर भी हो कार्यवाही
मीडिया रिपोर्ट की माने तो दिल्ली के सभी 15 जिलों के डीएसपी को सत्यापन अभियान चलाने और अवैध बांग्लादेशी प्रवासी और रोहिंग्या नागरिकों को हिरासत में लेने के निर्देश दिए गए हैं। जी हां.. पहलगाम हमले की बात केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को तेजी से जांच करने के निर्देश दिए हैं और साथ ही अवैध रूप से रह रहे लोगों को भारत से बाहर निकलने का निर्देश दिया है। यह भी पूरा ध्यान रखा जाएगा कि किसने अवैध रूप से आए लोगों की मदद की और उनको भारत में बसने की व्यवस्था की? इसके अलावा फर्जी पहचान दस्तावेज बनाए और दिल्ली में उनके नौकरी और रुकने का इंतजाम किए इन सब पर भी कार्यवाही की जाएगी।
दिल्ली समेत कई राज्यों में घुसपेटियों का ठिकाना
अवैध रूप से रह रहे नागरिकों को देश से बाहर करने का सबसे बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि, इस अभियान का उद्देश्य देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना है। जी हां.. प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की तुरंत पहचान की जाए और उसके जरूरी दस्तावेजों को जांचा जाए और यदि यह सही ना मिले तो इन पर कानूनी कार्यवाही की जाए। सरकार की तरफ से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि, अब किसी भी तरह के अवैध घुसपैठ के मसले पर ढिलाई नहीं होगी। बता दें, आने वाले दिनों में और भी राज्य से इस तरह की खबर सामने आ सकती है क्योंकि जहां दिल्ली और राजस्थान में बड़े अवैध नागरिकों के रूप में लोग मिले हैं तो दूसरे राज्यों में भी जरूर इन घुसपेठियों का ठिकाना हो सकता है।