कई लोग होते हैं जो अच्छी सेहत के लिए तांबे का पानी पीते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि तांबे का पानी पीने से उनका शरीर स्वस्थ रहता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा तांबे का पानी आपके शरीर को लाभ नहीं बल्कि नुकसान भी पहुंचा सकता है। जी हां.. नियमित रूप से तांबे का पानी पीने वाले लोगों को इसके बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे ही खास पोस्ट है जिसमें हम बताएंगे कि आखिर तांबे का पानी शरीर के लिए कितना लाभदायक और हानिकारक हो सकता है? यदि इसका जरूरत से ज्यादा सेवन किया जा रहा है तो यह आपको कहीं ना कहीं नुकसान भी पहुंचा सकता है। तो चलिए जानते हैं तांबे का पानी पीने से शरीर पर क्या असर होता है?
तांबे के पानी से मिलते हैं ये गुण
वैसे तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद है। दरअसल तांबे के बर्तन में अच्छी मात्रा में एंटी माइक्रोबॉयल के गुण पाए जाते हैं जो आपकी सेहत के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। यह सूजन को कम करने और पाचन को दुरुस्त करने में भी साथ देता है।
तांबे के पानी के नुकसान भी
इसका अधिक सेवन आपकी किडनी को प्रभावित कर सकता है। जी हां.. वे लोग जो जरूरत से ज्यादा ही तांबे का पानी पीते हैं, उन्हें ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। दरअसल डॉक्टर के अनुसार कभी-कभी कॉपर के पानी का सेवन किया जा सकता है लेकिन सीमित मात्रा में ही इस को पीना ठीक है। यदि कोई तांबे के बर्तन का पानी का अधिक सेवन करता है तो इससे आपकी किडनी और लीवर दोनों पर असर पड़ता है। वे व्यक्ति जो पहले से ही किडनी की समस्या से पीड़ित है और दवाइयां का सेवन करते हैं तो कॉपर मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में किडनी की समस्या से पीड़ित लोगों को तांबे का पानी पीने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लेना चाहिए।
कितनी मात्रा में ले तांबे का पानी?
डॉक्टरों के मुताबिक, तांबे की बोतल से एक स्वस्थ व्यक्ति दिन में एक या दो गिलास पानी का सेवन कर सकता है जिससे शरीर को कोई नुकसान भी नहीं होगा और यह आपके शरीर के लिए बेहतर भी रहेगा। दरअसल कॉपर के अधिक होने के कारण क्रोनिक किडनी डिजीज का खतरा होता है। कॉपर से किडनी के कार्य प्रभावित होते हैं जिससे आपकी सेहत भी बिगड़ने लगती है, साथ ही आपकी किडनी को गहरा नुकसान पहुंचता है।
विल्सन की बीमारी से ग्रसित लोग
जो व्यक्ति विल्सन की बीमारी से ग्रसित है उन्हें भी तांबे का पानी कम ही पीना चाहिए। बता दे विल्सन की बीमारी एक जेनेटिक या अनुवांशिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति के शरीर में कॉपर का स्तर बढ़ जाता है। इससे लोगों की किडनी और लीवर प्रभावित होते हैं ऐसे में आप ध्यान रखें की कॉपर के बर्तन के पानी का सेवन कम ही करें।
वही बात करें गर्भवती महिलाओं के बारे में तो वह भी तांबे के बर्तन का पानी पी सकती है। गर्भवती महिला के शरीर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी इसे बेहतर होती है। मां और बच्चा दोनों के लिए यह काफी अच्छा माना जाता है। तांबे के बर्तन में रखें पानी को पीने से मस्तिष्क का विकास होता है वहीं पेट में पल रहे बच्चे का भी दिमाग तेज रहता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं को भी तांबे के बर्तन में पानी केवल सीमित मात्रा में ही पीना चाहिए।
नोट: यहां पर बताई गई बातें आम जानकारियों पर आधारित है। यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है। अधिक से अधिक जानकारी के लिए अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें। ‘सम्पूर्ण न्यूज’ इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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