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Wednesday, March 12, 2025

भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं: अयोध्या धाम के प्रेम मूर्ति युवा संत सर्वेश महाराज ने सुनाई मंत्रमुग्ध करने वाली कथा

भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं: प्रेम मूर्ति युवा संत सर्वेश महाराज ने सुनाई अद्भुत कथा

भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं
भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं

बहराइच बौंडी थाना क्षेत्र के पाठक पट्टी गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और गोवर्धन पूजा की कथा का आयोजन हुआ। अयोध्या धाम से पधारे प्रेम मूर्ति युवा संत सर्वेश महाराज ने कथा सुनाकर भक्तों को भावविभोर कर दिया।

भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं और नटखट बालकृष्ण

संत सर्वेश महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं सुनाते हुए बताया कि बालकृष्ण अपने बचपन में अनेक चमत्कारी लीलाएं किया करते थे। उनके नटखट स्वभाव के कारण माता यशोदा के पास रोज़ उनकी शरारतों की शिकायतें आती थीं। जब माता यशोदा उन्हें माखन चोरी के लिए डांटती थीं, तो बालकृष्ण तुरंत अपना मुंह खोलकर दिखा देते थे कि उन्होंने माखन नहीं खाया है।

राधा और भगवान श्रीकृष्ण की बंसी की धुन

कथावाचक ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं के अंतर्गत बताया कि श्रीकृष्ण की बंसी की धुन से राधा रानी मंत्रमुग्ध हो जाती थीं। उनकी बांसुरी की मधुर तान सुनकर समस्त ब्रजवासी आनंदित हो जाते थे। श्रीकृष्ण का संगीत प्रेम और भक्ति का प्रतीक था, जिससे पूरा ब्रजमंडल मोहित हो जाता था।

गोवर्धन पर्वत उठाने की लीला

संत सर्वेश महाराज ने कथा के दौरान गोवर्धन पूजा की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि जब देवताओं के राजा इंद्र ने ब्रजवासियों से नाराज़ होकर मूसलधार बारिश शुरू कर दी, तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया। इस अद्भुत लीला के माध्यम से उन्होंने भक्तों को यह संदेश दिया कि हमें केवल भगवान की शरण में रहना चाहिए, न कि अन्य देवी-देवताओं के क्रोध से डरना चाहिए।

भक्तों ने भक्ति में डूबकर कथा का आनंद लिया

श्रीमद्भागवत कथा के इस पावन आयोजन में सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं सुनकर सभी भाव-विभोर हो गए। इस अवसर पर संगीतमयी भजनों का आयोजन भी हुआ, जिसमें तबला वादक सुरेश, बैंजो वादक दिनेश, पैड वादक शत्रुघ्न प्रसाद मिश्रा उर्फ पप्पू और आर्गन वादक सरबजीत ने अपनी प्रस्तुति दी।

कथा के समापन पर हुआ महाप्रसाद वितरण

श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन की कथा समाप्ति के बाद आरती का आयोजन हुआ, जिसके पश्चात भक्तों को महाप्रसाद का वितरण किया गया। कथा में प्रमुख रूप से आचार्य अरुण, अजय शुक्ल, अनुपम शास्त्री, यजमान सुरेंद्र तिवारी, मोहित तिवारी, अंबरीष मिश्रा और नौशहरा प्रधान प्रतिनिधि सुरेश त्रिवेदी सहित सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए।

भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं भक्तों को ईश्वर के प्रेम और भक्ति का महत्व सिखाती हैं। प्रेम मूर्ति युवा संत सर्वेश महाराज द्वारा सुनाई गई यह कथा श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति का अद्भुत संगम बनी।

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