भारत-नेपाल सीमा पर सघन अभियान: 1.5 करोड़ की चरस के साथ तस्कर गिरफ्तार

रुपईडीहा, बहराइच: भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा को लेकर किए जा रहे सघन अभियानों के तहत सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। सीमा क्षेत्र में 42वीं वाहिनी के उप-कमांडेंट दिलीप कुमार को विश्वसनीय खुफिया सूचना के आधार पर डेढ़ करोड़ रुपये की चरस के साथ एक अंतरराष्ट्रीय तस्कर को गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई सीमा स्तंभ संख्या 651/05 के पास की गई।
खुफिया सूचना और रणनीतिक योजना
42वीं वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट राज रंजन के निर्देश में दिलीप कुमार, उप-कमांडेंट (ऑपरेशंस), को एक सूत्र से सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति नेपाल से चरस की खेप लेकर भारत के बाबागंज की ओर जाने वाला है। इस सूचना के आधार पर एक विशेष संयुक्त टीम का गठन किया गया, जिसमें एसएसबी और उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान शामिल थे।
गश्ती टीम ने बी.पी. नंबर 651/05 पर निगरानी बढ़ाई और रणनीतिक तरीके से संदिग्ध व्यक्ति को रोकने की तैयारी की।
तस्कर की गिरफ्तारी और चरस की बरामदगी
गश्ती दल ने नेपाल के रहने वाले ज्ञानमान हरिजन (26 वर्ष) को एक मोटरसाइकिल (UP40AN3592) के साथ सीमा पर रोका। तलाशी के दौरान, प्लास्टिक की थैली में भूरे रंग के टेप से लिपटे हुए कुल 5.978 किलोग्राम चरस बरामद की गई। जब्त चरस की बाजार कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये आंकी गई है।
तस्कर की स्वीकारोक्ति
मौके पर पूछताछ के दौरान, ज्ञानमान हरिजन ने स्वीकार किया कि यह खेप उसे जानकी ग्राम पालिका, नेपालगंज में लंगड़ा और महेश चमार नामक व्यक्तियों से मिली थी। उसे यह चरस बाबागंज के किराना दुकानदार विष्णु शाह को सौंपनी थी। हरिजन ने बताया कि वह यह काम आसानी से पैसे कमाने के उद्देश्य से कर रहा था।
अभियुक्त की कानूनी प्रक्रिया
गिरफ्तार अभियुक्त को मानवाधिकार और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए रुपईडीहा पुलिस को सौंप दिया गया। एसएसबी ने बताया कि आगे की जांच के लिए स्थानीय पुलिस आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर रही है।
सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और सघन अभियान
एसएसबी के कार्यवाहक कमांडेंट राज रंजन ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर अवैध तस्करी और नशीले पदार्थों के प्रवाह को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जवान 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं और सघन अभियान चला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर तैनात जवान अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ कर रहे हैं।
चरस तस्करी पर नकेल कसने की योजना
राज रंजन ने कहा कि अवैध नशीले पदार्थों के व्यापार को रोकने के लिए आम जनता से सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि सीमा पर किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने के लिए एसएसबी के हेल्पलाइन नंबर का उपयोग किया जा सकता है।
सीमा क्षेत्र में बढ़ती तस्करी की चुनौती
भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र लंबे समय से अवैध तस्करी के लिए संवेदनशील माना जाता रहा है। तस्करों द्वारा सीमा पार नशीले पदार्थ, मानव तस्करी और नकली मुद्रा जैसे अपराधों को अंजाम दिया जाता है।
एसएसबी की भूमिका और प्रतिबद्धता
सशस्त्र सीमा बल की 42वीं वाहिनी ने तस्करी को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनकी सक्रियता और समर्पण के कारण ही चरस जैसी बड़ी खेप को जब्त किया जा सका। यह कार्रवाई न केवल तस्करों के मंसूबों पर पानी फेरती है, बल्कि समाज को नशे के दुष्प्रभावों से बचाने में भी अहम भूमिका निभाती है।
नशे के खिलाफ सामूहिक प्रयास
एसएसबी ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे नशे के खिलाफ इस लड़ाई में सहयोग करें। नशीले पदार्थों के कारण न केवल युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है, बल्कि समाज पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है
भारत-नेपाल सीमा पर चरस की इस बड़ी खेप की जब्ती ने एसएसबी और उत्तर प्रदेश पुलिस की मुस्तैदी को साबित किया है। यह कार्रवाई न केवल तस्करों के मंसूबों को विफल करती है, बल्कि सीमा सुरक्षा को लेकर आम जनता में विश्वास भी बढ़ाती है। नशीले पदार्थों पर रोक लगाने के लिए ऐसे सघन अभियान लगातार चलाने की आवश्यकता है। साथ ही, आम जनमानस को भी इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
यह घटना यह भी दर्शाती है कि भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बल हर प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। नशा मुक्त समाज की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
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