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Toggleअमित शाह ने लॉन्च किया BHARATPOL, जानें कैसे काम करेगा यह ‘स्वदेशी इंटरपोल’

भारत सरकार ने इंटरनेशनल पुलिसिंग को आसान बनाने के लिए एक बड़ी पहल की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में ‘भारतपोल’ पोर्टल लॉन्च किया है, जिसे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और इंटरपोल के बीच बेहतर तालमेल के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पोर्टल भारतीय पुलिस को सीधे इंटरपोल से जोड़ने में मदद करेगा, जिससे अपराधियों की गिरफ्तारी और जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी। इस आर्टिकल में हम आपको ‘भारतपोल’ के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे और जानेंगे कि यह पोर्टल कैसे काम करेगा।
भारतपोल का उद्देश्य और महत्व
भारतपोल पोर्टल का मुख्य उद्देश्य भारत की लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों को इंटरपोल से सीधे जोड़ना है। अब तक, राज्यों की पुलिस को इंटरपोल से जानकारी प्राप्त करने के लिए सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे प्रक्रिया धीमी और जटिल हो जाती थी। ‘भारतपोल’ के जरिए यह समस्या समाप्त हो जाएगी और राज्यों की पुलिस सीधे इंटरपोल से संपर्क कर सकेगी। इस पोर्टल के माध्यम से इंटरनेशनल क्राइम, साइबर क्राइम, फाइनेंशियल क्राइम और ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसे मामलों की जांच में तेजी आएगी।
भारतपोल की लॉन्चिंग पर अमित शाह का बयान
अमित शाह ने ‘भारतपोल’ पोर्टल की लॉन्चिंग के दौरान कहा, “यह पहल हमारे देश की लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों के लिए एक नई शुरुआत है। अब हर राज्य की पुलिस अपनी जांच के दौरान सीधे इंटरपोल से संपर्क कर सकेगी, जिससे हमारे देश में अपराधियों की गिरफ्तारी में मदद मिलेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से हमारी एजेंसियां इंटरपोल से अधिक प्रभावी ढंग से संपर्क कर सकेंगी और जांच में गति लाने में सक्षम होंगी। इसके अलावा, ‘भारतपोल’ में पांच प्रमुख मॉड्यूल होंगे – कनेक्ट, नोटिस, रेफरेंस, ब्रॉडकास्ट और रिसोर्स, जिनके माध्यम से सभी एजेंसियां एक प्लेटफॉर्म पर जुड़ी रहेंगी।
भारतपोल की कार्यप्रणाली
भारतपोल पोर्टल की कार्यप्रणाली सरल और प्रभावी है। इस पोर्टल के जरिए, राज्य पुलिस सीधे इंटरपोल से संपर्क कर सकेगी और किसी भी अपराधी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेगी। पहले, राज्य पुलिस को सीबीआई के माध्यम से इंटरपोल से जानकारी प्राप्त करनी पड़ती थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया स्वचालित और तेज़ हो जाएगी।
इसके अलावा, राज्य पुलिस इंटरपोल को किसी अपराधी के लिए रेड कॉर्नर नोटिस या अन्य नोटिस जारी करने के लिए सीधे रिक्वेस्ट भेज सकती है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, भारत में अपराध करने वाले विदेश भागने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को और अधिक तेज़ और प्रभावी बनाया जा सकेगा।
भारतपोल का प्रभावी संवाद और क्राइम कंट्रोल में मदद
भारतपोल पोर्टल के माध्यम से अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराधों के संबंध में जानकारी प्राप्त करना और भेजना आसान हो जाएगा। ‘भारतपोल’ भारतीय एजेंसियों को इंटरनेशनल एजेंसियों से समन्वय स्थापित करने में मदद करेगा, जिससे अपराध नियंत्रण में सुधार होगा।
भारतपोल के माध्यम से, जब किसी अपराधी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है, तो वह सूचना अब सीधे इंटरपोल से संबंधित देश की एजेंसियों को भेजी जा सकेगी, जिससे कार्रवाई में कोई देरी नहीं होगी।
भारतपोल और सीबीआई का सहयोग
सीबीआई को ‘भारतपोल’ के माध्यम से एक बेहतरीन तकनीकी प्लेटफॉर्म मिलेगा, जो उनके काम को और अधिक प्रभावी बनाएगा। अब सीबीआई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से जानकारी प्राप्त करने के लिए अन्य देशों की एजेंसियों को तेजी से सबूत और दस्तावेज भेज सकती है।
इस पोर्टल के जरिए, भारतपोल भारत के लिए एक केंद्रीय प्लेटफॉर्म होगा, जिस पर देश की सभी एजेंसियां एकत्रित हो सकेंगी। इसके परिणामस्वरूप, भारत के लॉ एन्फोर्समेंट सिस्टम में सुधार होगा और अपराधों की रोकथाम के लिए एक मजबूत प्रणाली विकसित होगी।
भारतपोल से जुड़े प्रमुख लाभ
- सीधी कनेक्टिविटी: अब राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां इंटरपोल से सीधे जुड़ सकेंगी, जिससे सूचनाओं का आदान-प्रदान तेज़ होगा।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: विदेशी एजेंसियां भी भारत से जानकारी प्राप्त कर सकती हैं और भारतीय एजेंसियां उन्हें जानकारी भेज सकती हैं।
- क्राइम कंट्रोल में मदद: ‘भारतपोल’ के जरिए अपराधियों पर नजर रखना और उन तक पहुंचना आसान हो जाएगा।
- कार्यप्रणाली में सुधार: रेड कॉर्नर नोटिस और अन्य अनुरोधों को सीधे इंटरपोल के पास भेजा जा सकेगा, जिससे जटिलता और समय की बचत होगी।
भारतपोल और इंटरपोल के संबंध
इंटरपोल, जिसे इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन के नाम से भी जाना जाता है, एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो सदस्य देशों की लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों को आपराधिक मामलों में सहायता करता है। इंटरपोल का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों पर नियंत्रण पाना और जांच में सहायता प्रदान करना है। 1923 में स्थापित, इंटरपोल का हेडक्वार्टर फ्रांस के ल्योन में स्थित है और इसके सदस्य देशों की संख्या 196 है।
भारत 1949 में इंटरपोल का सदस्य बना था और तब से भारत ने इंटरपोल के साथ कई महत्वपूर्ण सहयोग किए हैं। अब ‘भारतपोल’ के लॉन्च होने के बाद, भारत के लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियां और इंटरपोल के बीच का सहयोग और भी मजबूत होगा।
भारतपोल का भविष्य और संभावनाएँ
भारतपोल पोर्टल की लॉन्चिंग के बाद, यह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इसके माध्यम से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की गति और प्रभावशीलता बढ़ेगी। इसके अलावा, अन्य देशों से भी जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया सरल और तेज होगी।
भारतपोल की मदद से, न केवल भारत के अंदर बल्कि दुनिया भर में भारतीय सुरक्षा एजेंसियां प्रभावी ढंग से अपनी जांच कर सकेंगी। यह पोर्टल इंटरनेशनल पुलिसिंग को एक नई दिशा देगा और अपराधों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर लड़ाई को मजबूत करेगा।

‘भारतपोल’ पोर्टल की लॉन्चिंग भारतीय पुलिसिंग प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। यह पोर्टल न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पुलिसिंग को प्रभावी बनाएगा। अब भारत में कोई भी अपराधी कानून से बचने के लिए विदेश नहीं जा सकेगा, और देश में अपराधों की रोकथाम के लिए एक सशक्त और समर्पित प्रणाली स्थापित होगी।
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