भारतीय शिक्षा प्रणाली में विदेशी छात्रों की बढ़ती लोकप्रियता: 2024 में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि
भारत में विदेशी छात्रों की बढ़ती संख्या
भारतीय शिक्षा प्रणाली दुनियाभर के छात्रों को आकर्षित कर रही है। 2024-25 शैक्षणिक वर्ष में विदेशी छात्रों की संख्या ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत एक बार फिर वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।
रिकॉर्ड तोड़ आंकड़े: विदेशी छात्रों का भारत की ओर रुझान
2024-25 के लिए रिकॉर्ड 72,218 विदेशी छात्रों ने भारत में पढ़ाई के लिए दाखिला लिया। यह आंकड़ा पिछले साल के 64,000 से कहीं अधिक है। ये छात्र 200 से अधिक देशों से भारत आए हैं।
आंकड़ों की ऐतिहासिक झलक:
- 2011-12 में: केवल 16,410 विदेशी छात्र।
- 2014-15 में: संख्या बढ़कर 34,774।
- 2016-17 में: आंकड़ा 47,575 तक पहुंचा।
- 2019-20 में: 49,348 विदेशी छात्र।
- कोविड-19 के बाद: संख्या घटकर 2014-15 के स्तर पर आ गई थी।
कोविड-19 के प्रभाव के बाद सुधार
कोविड-19 महामारी के कारण विदेशी छात्रों की संख्या में गिरावट आई थी। लेकिन अब भारत की शिक्षा प्रणाली ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। शिक्षा मंत्रालय के प्रयास और योजनाओं ने इसे संभव बनाया है।
“स्टडी इन इंडिया” कार्यक्रम ने बढ़ाई सहूलियत
2018 में शुरू किए गए “स्टडी इन इंडिया” कार्यक्रम ने विदेशी छात्रों के लिए भारत को एक प्रमुख शिक्षा केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया। 2023 में इस पोर्टल को फिर से लॉन्च किया गया, जिससे एडमिशन और वीजा प्रक्रिया आसान हो गई।
इस कार्यक्रम ने विदेशी छात्रों को भारतीय शिक्षा प्रणाली से जुड़ने में काफी मदद की है।
शिक्षा मंत्री का बयान: भारत एक वैश्विक शिक्षा केंद्र
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “भारत अब वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में अपनी ऐतिहासिक भूमिका को फिर से प्राप्त कर रहा है।” तक्षशिला और नालंदा जैसे प्राचीन शिक्षा केंद्र इसकी मिसाल हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत, भारत वैश्विक मानकों को अपनाकर रिसर्च और अकादमिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दे रहा है।
विदेशी छात्रों के लिए भारत क्यों है खास?
भारत में पढ़ाई के कई फायदे हैं, जो इसे विदेशी छात्रों के लिए आकर्षक बनाते हैं:
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: भारतीय यूनिवर्सिटी और कॉलेज दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं।
- कम लागत पर शिक्षा: अन्य देशों की तुलना में भारत में पढ़ाई का खर्च कम है।
- सांस्कृतिक विविधता: भारतीय संस्कृति और परंपराएं विदेशी छात्रों को आकर्षित करती हैं।
- विकसित होते शहर: शिक्षा के साथ-साथ भारत के महानगर पढ़ाई और रोजगार के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं।
भारत में विदेशी छात्रों के बढ़ने के पीछे की वजहें
- सरकारी योजनाएं और पहल: स्टडी इन इंडिया जैसी योजनाएं।
- आसान वीजा प्रक्रिया: केंद्र सरकार ने वीजा प्रक्रिया को सरल बनाया है।
- शैक्षणिक प्रतिष्ठान: IIT, IIM, और AIIMS जैसे संस्थानों की ख्याति।
- रिसर्च और तकनीकी क्षेत्र में विकास: भारत रिसर्च और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उभर रहा है।
भारत को वैश्विक शिक्षा हब बनाने की दिशा में कदम
भारत सरकार और शिक्षा मंत्रालय विदेशी छात्रों के लिए कई नई योजनाएं बना रहे हैं। इसके जरिए न केवल शिक्षा में सुधार हो रहा है, बल्कि भारत की वैश्विक पहचान भी मजबूत हो रही है।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारत आने वाले सालों में दुनिया का शीर्ष शिक्षा केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
भारतीय शिक्षा प्रणाली की सफलता
भारतीय शिक्षा प्रणाली न केवल भारतीय छात्रों बल्कि विदेशी छात्रों के लिए भी प्रमुख विकल्प बन रही है। 2024 में रिकॉर्ड वृद्धि ने यह साबित कर दिया है कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है।
भारतीय शिक्षा प्रणाली का भविष्य उज्जवल है, और यह आने वाले समय में दुनिया भर के छात्रों को और भी अधिक संख्या में आकर्षित करेगा।
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