दिल्ली में बीजेपी (BJP) ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पूर्वांचल सम्मान मार्च निकाला, जिसका नेतृत्व मनोज तिवारी ने किया। इस मार्च में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दिल्ली सरकार पर पूर्वांचलियों को लेकर अपमानजनक बयान देने का आरोप लगाया। यह प्रदर्शन अशोक रोड से केजरीवाल के घर तक किया गया, और इसके दौरान कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।

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Toggleपूर्वांचल सम्मान मार्च: बीजेपी का विरोध प्रदर्शन
मनोज तिवारी के नेतृत्व में बीजेपी ने पूर्वांचल सम्मान मार्च आयोजित किया। इस मार्च का उद्देश्य अरविंद केजरीवाल के द्वारा किए गए पूर्वांचलियों के खिलाफ बयान का विरोध करना था। बीजेपी कार्यकर्ता हाथ में बैनर और पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे और दिल्ली सरकार के खिलाफ नारे लगाए। यह मार्च अशोक रोड से शुरू होकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर तक पहुंचा।
पुलिस की ओर से बैरिकेडिंग और पानी की बौछार
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिससे कई कार्यकर्ता घायल हो गए। इस प्रदर्शन में कई बीजेपी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया, और पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए कड़ी कार्रवाई की। प्रदर्शनकारियों ने इस कार्रवाई को बीजेपी के खिलाफ उत्पीड़न और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया।
केजरीवाल के बयान पर बीजेपी का विरोध
अरविंद केजरीवाल के बयान के बाद बीजेपी ने कड़ा विरोध किया। केजरीवाल ने हाल ही में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने यूपी, बिहार और आसपास के राज्यों से दिल्ली में फर्जी वोटिंग की कोशिशों का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि 15 दिसंबर से 8 जनवरी तक 13,000 नए वोटों के लिए आवेदन प्राप्त हुए, और ये वोट अचानक से दिल्ली विधानसभा में कैसे आए, यह सवाल खड़ा हो गया।
केजरीवाल का दावा और बीजेपी का घेराव
केजरीवाल के इस बयान को लेकर बीजेपी ने उन्हें घेर लिया और उन्हें झूठा आरोप लगाने का आरोप लगाया। बीजेपी नेताओं का कहना था कि केजरीवाल का बयान पूर्वांचलियों के खिलाफ था, और इसे लेकर बीजेपी ने पूर्वांचल सम्मान मार्च निकालने का निर्णय लिया। पार्टी के नेताओं ने कहा कि केजरीवाल इस बयान से पूर्वांचलियों का अपमान कर रहे हैं, जबकि दिल्ली में बड़ी संख्या में पूर्वांचलियों की मौजूदगी है। बीजेपी ने इसे लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी और केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प लिया।
केजरीवाल का जवाब: बीजे

पी को गालियाँ और झूठे आरोप
केजरीवाल ने बीजेपी के इस विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी एक धरना पार्टी बन गई है। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी चाहती है तो वह उनके घर के बाहर टेंट लगाकर बैनर बदल सकती है। इसके अलावा, उन्होंने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि बीजेपी रोहिंग्याओं के नाम पर दिल्ली में पूर्वांचलियों के वोट काटने का काम कर रही है। केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता जेपी नड्डा ने संसद में यह कहा था कि वे पूर्वांचलियों और दलितों के वोट काट रहे हैं।
चुनाव आयोग में शिकायत और बीजेपी का आरोप
केजरीवाल ने यह भी बताया कि वह चुनाव आयोग से मिले थे और उन्हें बताया था कि बीजेपी पूर्वांचलियों और दलितों के वोट काटने की कोशिश कर रही है। उनका कहना था कि बीजेपी अपने राजनीतिक फायदे के लिए पूर्वांचलियों के वोटों को तोड़ने की कोशिश कर रही है, और यह दिल्ली चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बन चुका है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तिथि और भविष्य की स्थिति
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तिथि 5 फरवरी 2025 है, और चुनाव के परिणाम 8 फरवरी 2025 को घोषित किए जाएंगे। इस चुनाव में बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच तगड़ी टक्कर होने की संभावना है। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में दोनों दलों के बीच जोरदार प्रतिस्पर्धा होगी। इस बीच, पूर्वांचल सम्मान मार्च जैसी घटनाएं दिल्ली की राजनीति को और भी गर्मा रही हैं।
बीजेपी और आम आदमी पार्टी की रणनीतियां
बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों ही दल दिल्ली के पूर्वांचलियों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए अलग-अलग रणनीतियों का पालन कर रहे हैं। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल ने पूर्वांचलियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है, जबकि आम आदमी पार्टी का दावा है कि उसने दिल्ली में सबसे अधिक पूर्वांचली विधायकों को टिकट दिया है। दोनों ही पार्टियों के बीच यह राजनीतिक विवाद और भी तेज हो गया है।
दिल्ली चुनाव के पहले बढ़ी राजनीतिक गतिविधियां
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच राजनीतिक गतिविधियां और भी तेज हो गई हैं। पूर्वांचल सम्मान मार्च और इसके बाद हुए विरोध प्रदर्शन से यह साफ हो गया है कि दोनों दलों के बीच संघर्ष गहराता जा रहा है। इस संघर्ष का असर दिल्ली के चुनाव परिणामों पर पड़ सकता है, जहां पूर्वांचल सम्मान मार्च जैसी घटनाएं दोनों पक्षों के बीच मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास के रूप में देखी जा रही हैं।
सारांश में, यह कहा जा सकता है कि अरविंद केजरीवाल के बयान के बाद दिल्ली में बीजेपी द्वारा निकाला गया पूर्वांचल सम्मान मार्च राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण घटना बन चुका है। इसका असर आगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ने की पूरी संभावना है, और दिल्ली की राजनीति में इसकी अहमियत बनी रहेगी।