Bollywood : अभिनेत्री राधिका मदान ने हाल ही में बॉलीवुड में फैले नेपोटिज्म पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री में आने वाले स्टार किड्स को सीखने के लिए अक्सर 2-3 फिल्में मिल जाती हैं, जबकि बाहरी लोगों को एक गलती पर बाहर निकाल दिया जाता है।
राधिका का बयान
राधिका, जिन्होंने “अंग्रेजी मीडियम,” “सफीरा,” और “पटाखा” जैसी फिल्मों में काम किया है, ने इंडस्ट्री में भतीजावाद के मुद्दे पर कहा कि, “स्टार किड्स को अपनी पहली फिल्म में अच्छा प्रदर्शन न करने पर भी कई मौके मिलते हैं। उन्हें हर फिल्म में सुधार करने का मौका मिलता है और लोग उनकी पीठ थपथपाते हैं।”
बाहरी कलाकारों के साथ अलग व्यवहार
उन्होंने आगे कहा कि जो लोग इंडस्ट्री से बाहर से आते हैं, उनके साथ अलग व्यवहार होता है। “हमें कहा जाता है, ‘तुम अभिनय नहीं कर सकते, हमने तुम्हें मौका दिया, तुम बाहर हो।'” राधिका ने स्पष्ट किया कि इंडस्ट्री में बाहरी लोगों को खुद को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
अवसरों की कमी
राधिका ने यह भी कहा कि, “मेरी गलती होगी तो मुझे तुरंत निकाल दिया जाएगा। मुझे 2-3 फिल्मों में मौके नहीं मिलेंगे, जैसे स्टार किड्स को मिलते हैं।” उन्होंने सलाह दी कि बाहरी कलाकारों को पूरी तैयारी के साथ इस क्षेत्र में कदम रखना चाहिए, ताकि वे अपनी प्रतिभा को साबित कर सकें।
राधिका मदान का यह बयान न केवल इंडस्ट्री में चल रही चुनौतियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि बाहरी कलाकारों को अपनी जगह बनाने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है। उनके अनुभव से यह स्पष्ट होता है कि बॉलीवुड में नेपोटिज्म की समस्या अभी भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
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