BPSC परीक्षा: 13 दिसंबर की गड़बड़ी के बाद पुनर्परीक्षा

13 दिसंबर, 2024 को आयोजित BPSC 70वीं परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा केंद्र में गड़बड़ी पाई गई थी। इस गड़बड़ी के चलते बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने परीक्षा को रद्द कर दिया और आज, 4 जनवरी, 2025 को पुनर्परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। यह री-एग्जाम पटना के 22 परीक्षा केंद्रों पर हो रहा है, जिसमें लगभग 12,000 छात्र शामिल हो रहे हैं।
परीक्षार्थियों की राय: फॉर्मेलिटी या न्याय का प्रयास?
री-एग्जाम को लेकर परीक्षार्थियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है।
- परीक्षा को फॉर्मेलिटी मानने वाले छात्र: कुछ छात्रों का मानना है कि यह परीक्षा सिर्फ औपचारिकता है, क्योंकि परिणाम पहले ही तय हो चुका है। उन्होंने कहा, “सिर्फ हमारा ही नहीं, सभी छात्रों का री-एग्जाम होना चाहिए था।”
- री-एग्जाम के समर्थन में: दूसरी ओर, कई छात्रों ने गड़बड़ी के कारण पुनर्परीक्षा को आवश्यक बताया। उनका कहना है कि यदि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है, तो न्याय सुनिश्चित करने के लिए री-एग्जाम जरूरी है।
पटना के 22 परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
री-एग्जाम को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए जिला प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।
- परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में परीक्षा आयोजित हो रही है।
- हर परीक्षा केंद्र पर पुलिस बल तैनात है।
- परीक्षा में गड़बड़ी को रोकने के लिए छात्रों की जांच सख्ती से की जा रही है।
12,000 छात्रों के लिए पुनर्परीक्षा
BPSC ने इस री-एग्जाम का निर्णय उन 12,000 छात्रों के लिए लिया है, जो 13 दिसंबर को बापू परीक्षा केंद्र में परीक्षा दे रहे थे। प्रश्नपत्र लीक के आरोपों के बाद आयोग ने यह कदम उठाया। इससे पहले परीक्षा रद्द करने के बाद छात्रों में भारी असंतोष देखने को मिला था।
राजनीतिक दलों का समर्थन
इस परीक्षा में गड़बड़ी और पुनर्परीक्षा को लेकर छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है।
- वामपंथी दलों का प्रदर्शन: वामपंथी दलों ने 6 जनवरी को राज्यव्यापी प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
- युवा कांग्रेस का मशाल जुलूस: भारतीय युवा कांग्रेस ने छात्रों के समर्थन में मशाल जुलूस निकाला और आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
छात्रों की शिकायतें और सुझाव
- सभी छात्रों के लिए पुनर्परीक्षा की मांग: कई परीक्षार्थियों का कहना है कि सिर्फ बापू परीक्षा केंद्र के छात्रों के लिए री-एग्जाम उचित नहीं है। अन्य परीक्षा केंद्रों पर भी गड़बड़ी की जांच होनी चाहिए।
- पुनर्परीक्षा प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने की मांग: छात्रों का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए आयोग को अधिक सख्त कदम उठाने चाहिए।
BPSC ने इस बार की गड़बड़ी से सबक लेते हुए भविष्य में परीक्षा प्रक्रिया को और मजबूत करने का आश्वासन दिया है।
- नई तकनीक का उपयोग: आयोग परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करेगा।
- सख्त निगरानी: सभी परीक्षा केंद्रों पर निगरानी बढ़ाई जाएगी।
BPSC 70वीं परीक्षा का री-एग्जाम उन छात्रों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो 13 दिसंबर की गड़बड़ी से प्रभावित हुए थे। हालांकि, छात्रों की शिकायतों और सुझावों को ध्यान में रखते हुए आयोग को भविष्य में और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। राजनीतिक दलों के समर्थन से यह मुद्दा और जोर पकड़ेगा, जिससे परीक्षा प्रक्रिया में सुधार की संभावनाएं बढ़ेंगी।
जानें अगली खबर के लिए जुड़े रहें और हमारे Website Sampurn Hindustan को फॉलो करें।