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Toggleबुजुर्ग व्यक्ति को गाली देने पर उतर आएंगे? पिता पर बिधूड़ी के विवादित बयान को लेकर भावुक हुईं CM आतिशी

दिल्ली की राजनीति में एक नया विवाद छिड़ गया है, जो विधानसभा चुनाव के पहले और भी गर्म हो गया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को बीजेपी के नेता रमेश बिधूड़ी द्वारा उनके पिता पर की गई विवादित टिप्पणी पर गहरा रुख दिखाया।
रमेश बिधूड़ी का विवादित बयान
रविवार को, बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली के रोहिणी इलाके में आयोजित एक पार्टी की ‘परिवर्तन रैली’ में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को लेकर कुछ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने आरोप लगाया कि आतिशी ने अपना नाम बदल लिया है और उनके परिवार ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की माफी के लिए याचिका दी थी। उनका कहना था, “दिल्ली की खड़ाऊं मुख्यमंत्री आतिशी ने तो अपना बाप ही बदल लिया। वह मार्लेना से सिंह हो गई।”
रमेश बिधूड़ी ने इस बयान में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के निजी जीवन और उनके परिवार को भी निशाना बनाया, जिससे सियासी माहौल और भी गरम हो गया। उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जमकर पलटवार किया।
भावुक हुईं CM आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने इस मामले पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि रमेश बिधूड़ी को इस प्रकार के घटिया और अपमानजनक बयान नहीं देने चाहिए थे। उन्होंने कहा, “मेरे पिताजी जीवनभर शिक्षक रहे, उन्होंने हजारों गरीब बच्चों को पढ़ाया। वह आज 80 साल के हो गए हैं और इतने बीमार हैं कि बिना सहारे के चल नहीं पाते। आप चुनावी फायदे के लिए एक बुजुर्ग को गालियां दे रहे हैं, यह बेहद दुख की बात है।”

आतिशी भावुक हो गईं और उन्होंने कहा कि उन्हें कभी यह नहीं सोचा था कि भारतीय राजनीति इस स्तर तक गिर सकती है। वह चाहती हैं कि बिधूड़ी अपने काम पर वोट मांगें, न कि उनके परिवार को निशाना बनाकर।
दिल्ली की राजनीति में गर्मी
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के साथ राजनीतिक माहौल गरमा गया है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) फिर से सत्ता में लौटने के लिए प्रयासरत हैं, वहीं बीजेपी सत्ता की वापसी के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।
बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी के इस बयान ने दिल्ली के चुनावी परिप्रेक्ष्य में और भी घमासान मचा दिया है। बिधूड़ी ने पहले प्रियंका गांधी के खिलाफ भी विवादित बयान दिया था, अब उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ व्यक्तिगत हमले किए हैं।
सीएम आतिशी का चुनावी रुख
मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि बिधूड़ी को कालकाजी के लोगों से यह बताना चाहिए कि उन्होंने 10 साल सांसद रहते हुए उनके क्षेत्र में क्या किया। वह बिधूड़ी से सवाल करती हैं कि क्या उन्होंने अपने काम पर वोट मांगे हैं, या फिर उनका लक्ष्य सिर्फ गालियां देने और आरोप लगाने तक सीमित है।
आतिशी का कहना है कि बिधूड़ी को अपने काम का हिसाब देना चाहिए और यह दिखाना चाहिए कि उन्होंने अपने इलाके के लोगों के लिए क्या किया।
चुनावी बयानबाजी और राजनीति की दिशा
दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है, जिसमें एक ओर आम आदमी पार्टी (AAP) है, जो सत्ता में अपनी वापसी की कोशिश कर रही है, दूसरी ओर बीजेपी है, जो 1998 से सत्ता से बाहर है और अब सत्ता में वापसी करना चाहती है। इसी बीच कांग्रेस, जो पहले शीला दीक्षित की सरकार में सत्ता में थी, अब भी सत्ता के लिए संघर्ष कर रही है।
राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, और अब बीजेपी के नेताओं के विवादित बयान भी इस सियासी माहौल को और गर्मा रहे हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह की विवादित बयानबाजी को लेकर राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो गया है। मुख्यमंत्री आतिशी के प्रति रमेश बिधूड़ी के आरोपों ने दिल्ली की सियासत में एक नया मोड़ ला दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार के व्यक्तिगत हमले न केवल सियासी संवाद को और जटिल बना सकते हैं, बल्कि यह मतदाताओं के बीच नफरत और घृणा की भावना को भी बढ़ा सकते हैं।

इस प्रकार की बयानबाजी केवल चुनावी फायदे के लिए हो सकती है, लेकिन यह दिल्ली की राजनीति की दिशा को और अधिक कड़ा बना सकती है। ऐसे बयान जो व्यक्तिगत और घटिया स्तर पर जाते हैं, न केवल उम्मीदवारों की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि समग्र रूप से राजनीति की प्रतिष्ठा को भी प्रभावित करते हैं।
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