साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश, चार आरोपी गिरफ्तार

लैपटॉप मोबाइल फोन फेक आईडी भारी मात्रा में सिम कार्ड और नगदी बरामद

चित्र परिचय। पत्रकारों को साइबर अपराधियों के बारे में जानकारी देते आप पर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉक्टर पवित्र मोहन त्रिपाठी

बहराइच। रुपईडीहा पुलिस और एसएसबी की संयुक्त टीम ने थाना गेट के सामने चेकिंग के दौरान नेपाल से भारतीय क्षेत्र में थार गाड़ी से प्रवेश कर रहे चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में चारों साइबर ठग निकले। इन चारों के पास से लैपटॉप मोबाइल फोन भारी मात्रा में सिम कार्ड नगदी व अन्य वस्तुएं बरामद की गई है।पुलिस अधीक्षक वृन्दा शुक्ला द्वारा अपराध व अपराधियों की रोक-थाम एवं वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु दिये गये दिशा-निर्देश के क्रम में व अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी व क्षेत्राधिकारी नानपारा राहुल पाण्डेय के निर्देशन में प्रभारी निरीक्षक शमशेर बहादुर सिंह, उ.नि. कृष्ण कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल अजय कुमार राणा, कांस्टेबल शिवेन्द्र कुमार वर्मा तथा एस एस बी की टीम के साथ मंगलवार को मंगलवार को समय 11:10 बजे थाना गेट के सामने आने जाने वाले वाहनों की सघन चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान महिन्द्रा थार वाहन UP40 BC7374 से नेपाल राष्ट्र जाते समय चेकिंग के दौरान रोका गया। इस पर सवार चार संदिग्ध लोगों को गाड़ी से नीचे उतार कर वाहन की तलाशी ली गई तो एक अदद एचपी लैपटाप, 13 अदद मोबाइल फोन, फेक आईडी पर प्राप्त 49 अदद सिम कार्ड, रु0 46,320 भारतीय मुद्रा, 10 अदद विभिन्न बैंकों के क्रेडिट/ डेबिट कार्ड, पावरबैंक, चार्जर व इयरबड आदि बरामद किया गया। जिसके बाद मो. आरिफ पुत्र मुजीब अहमद निवासी शेखदहीर थाना कोतवाली देहात, फैज खान पुत्र अज्जन खान नि० नाजिरपुरा, मो. असरफ पुत्र सलीम निवासी बंजारी मोड़ थाना कोतवाली नगर, उसामा बेग पुत्र अकलीम बेग निवासी फखरपुर जनपद बहराइच को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके खिलाफ थाने पर मु0अ0सं0 0366/2024 धारा 319(2), 318(4) BNS पंजीकृत किया गया है।पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि टेलीग्राम के माध्यम से फर्जी खाते खुलवाकर अपना मोबाइल नम्बर लिंक कराते थे तथा गेमिंग ऐप Rummy, Octa Fx आदि पर पैसे जीतने वाले लोगों को टेलीग्राम ग्रुप/ चैनलों के माध्यम से सम्पर्क कर उन्हें QR Code उपलब्ध कराते थे जिसमें प्रतिदिन 50 हजार से एक लाख तक की धनराशि मंगवाते थे और इस कार्य के लिये अभियुक्तगण प्रति खाता पांच से दस हजार रुपये लेते थे। आरोपियों को जेल भेज दिया गया।

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