दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण: AQI गंभीर श्रेणी में, स्वास्थ्य पर बुरा असर
दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है, जिससे राजधानी की हवा सांस लेने लायक नहीं बची है। रविवार को दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 381 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, बवाना और न्यू मोती बाग जैसे स्थानों पर AQI 400 से भी ऊपर दर्ज किया गया है, जिससे यह ‘गंभीर’ श्रेणी में आ गया है। इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण के चलते अस्पतालों में श्वसन संबंधी मामलों में भी वृद्धि हो रही है, और स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) और प्रमुख स्थानों पर स्थिति
CPCB द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई प्रमुख क्षेत्रों में AQI बहुत खराब श्रेणी में है। निम्नलिखित स्थानों पर AQI की स्थिति कुछ इस प्रकार है:
- बवाना – 405 (गंभीर)
- न्यू मोती बाग – 408 (गंभीर)
- लोधी – 319 (बहुत खराब)
- विवेक विहार – 344 (बहुत खराब)
- मेजर ध्यानचंद स्टेडियम – 357 (बहुत खराब)
एनसीआर के अन्य प्रमुख शहरों जैसे गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, और ग्रेटर नोएडा में भी वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में आ गई है। फरीदाबाद में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है लेकिन फिर भी वहां का एयर इंडेक्स ‘खराब’ श्रेणी में है।
प्रदूषण के कारण और इसके प्रमुख कारक
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब होने के कई कारण हैं। इन दिनों पराली के जलने से हवा में धुएं और हानिकारक कणों की मात्रा बढ़ी है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटेओरोलॉजी (IITM) के मुताबिक, पराली जलने से दिल्ली के प्रदूषण में लगभग 19% का योगदान हो रहा है। इसके अलावा, वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य, औद्योगिक गतिविधियां, और हवा की मंद गति भी प्रदूषण में योगदान दे रही हैं।
तापमान और दृश्यता में गिरावट
शनिवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक था। न्यूनतम तापमान 18.3 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से चार डिग्री अधिक है। तापमान में हो रही गिरावट और आर्द्रता का स्तर भी प्रदूषण में वृद्धि कर रहा है। स्मॉग के कारण दृश्यता में भी कमी देखी जा रही है। आईजीआई एयरपोर्ट के पास रविवार को न्यूनतम दृश्यता घटकर 1300 मीटर तक पहुंच गई थी, जिससे परिवहन व्यवस्था पर भी असर पड़ा।
वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव
वायु प्रदूषण के कारण श्वसन संबंधी समस्याओं में तेजी से वृद्धि हो रही है। डॉक्टरों के अनुसार, प्रदूषित हवा के कारण नाक बहना, खांसी, और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। अपोलो अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. निखिल मोदी ने बताया कि ऐसे कई मरीज सामने आ रहे हैं जिन्हें पहले से श्वसन संबंधी कोई समस्या नहीं थी, लेकिन प्रदूषित हवा के कारण अब उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। बच्चों, बुजुर्गों, और अस्थमा के मरीजों के लिए यह स्थिति विशेष रूप से खतरनाक है।
वायु गुणवत्ता के लिए आने वाले दिनों का अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों तक दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर और AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना रह सकता है। वातावरण में हवा की मंद गति के चलते प्रदूषण के कण अधिक समय तक निचले स्तर पर टिके रहते हैं, जिससे स्थिति में सुधार की संभावना कम है। यह स्थिति अगले सप्ताह के मध्य तक बनी रह सकती है, और प्रदूषण से राहत मिलने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
प्रदूषण से बचाव के उपाय और सुझाव
वायु प्रदूषण से बचने के लिए विशेषज्ञों ने निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:
- मास्क का उपयोग: प्रदूषण के उच्च स्तर को देखते हुए, बाहर जाते समय N95 या P100 मास्क पहनना जरूरी है। यह मास्क हानिकारक कणों को सांस के साथ शरीर में प्रवेश करने से रोकता है।
- घर के अंदर रहें: जब तक संभव हो, घर के अंदर ही रहें और बाहर के कामों को टालें। अगर बाहर जाना आवश्यक हो, तो सुबह और रात के समय बाहर निकलने से बचें, क्योंकि इस समय हवा में प्रदूषण कणों की मात्रा अधिक होती है।
- एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें: घर के अंदर हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें, खासकर उन घरों में जहां छोटे बच्चे, बुजुर्ग, या श्वसन रोगी रहते हैं।
- हाइड्रेटेड रहें: पानी अधिक मात्रा में पिएं। हाइड्रेटेड रहने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं।
- खानपान का ध्यान रखें: अपने खानपान में एंटीऑक्सिडेंट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि फल, सब्जियां, और विटामिन-C से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होते हैं।
समाधान और जागरूकता की जरूरत
दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दीर्घकालिक और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार को सख्त नियमों का पालन करवाना चाहिए, जिसमें वाहनों के धुएं पर नियंत्रण, औद्योगिक उत्सर्जन में कमी, और पराली जलाने की समस्या को सुलझाने जैसे कदम शामिल हैं। साथ ही, आम जनता को भी प्रदूषण के प्रति जागरूक होना चाहिए और निजी स्तर पर ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे वायु प्रदूषण में कमी लाई जा सके।
दिल्ली और एनसीआर में बिगड़ते AQI के स्तर के चलते लोग कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। सभी को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए और बचाव के उपाय अपनाने चाहिए। प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बचने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर कदम उठाना जरूरी है, और सरकार को भी इसके प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए न केवल सरकार बल्कि आम लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वे प्रदूषण कम करने में सहयोग करें। जागरूकता और छोटे-छोटे कदम ही इस समस्या का समाधान ला सकते हैं।
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