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Saturday, March 15, 2025

दिल्ली चुनाव 2025 में मुस्लिम वोटर्स की भूमिका: किसका पलड़ा भारी?

दिल्ली चुनाव 2025 में मुस्लिम वोटर्स की भूमिका: किसका पलड़ा भारी?

दिल्ली चुनाव 2025 में मुस्लिम वोटर्स की भूमिका
दिल्ली चुनाव 2025 में मुस्लिम वोटर्स की भूमिका

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में मुस्लिम वोटर्स की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है। दिल्ली में 15-18% मुस्लिम आबादी है, जो कई सीटों पर नतीजों को प्रभावित कर सकती है। इस बार आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस (INC) और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम (AIMIM) जैसे दल मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या 2020 की तरह AAP को एकतरफा समर्थन मिलेगा या मुस्लिम वोटों का बंटवारा होगा?

मुस्लिम वोटर्स का दिल्ली चुनाव 2025 में महत्व

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से कम से कम 7 सीटों पर मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है। ये सीटें हैं:

  • मटिया महल
  • बल्लीमारान
  • ओखला
  • सीलमपुर
  • मुस्तफाबाद
  • चांदनी चौक
  • तुगलकाबाद

2020 में दिल्ली के मुस्लिम वोटर्स ने AAP को भारी समर्थन दिया था, जिससे पार्टी को 62 सीटों पर जीत मिली थी। इस बार AIMIM और कांग्रेस के मैदान में उतरने से मुस्लिम वोटों के बंटने की संभावना जताई जा रही है।

क्या इस बार मुस्लिम वोटर्स करेंगे बंटवारा?

AAP को मिलेगा दोबारा फायदा?

2020 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली चुनाव में मुस्लिम वोटर्स का विश्वास जीता था। इस बार भी पार्टी ने मुस्लिम बहुल सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है।

AIMIM का चुनावी दांव

AIMIM ने पहली बार दिल्ली चुनाव में एंट्री की है और दो मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। इनमें से एक उम्मीदवार उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के आरोपी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि AIMIM मुस्लिम मतदाताओं को किस हद तक प्रभावित कर पाती है।

कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार

कांग्रेस ने 7 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। एक समय था जब दिल्ली के मुस्लिम मतदाता कांग्रेस का मजबूत समर्थन आधार थे, लेकिन 2015 के बाद उनका झुकाव AAP की ओर हो गया। इस बार कांग्रेस अपने खोए हुए समर्थन को वापस पाने की कोशिश कर रही है।

बीजेपी के लिए चुनौती बने मुस्लिम वोटर्स

दिल्ली चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कोई भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है। हालांकि, पार्टी अपने अल्पसंख्यक मोर्चा के जरिए मुस्लिम इलाकों में अभियान चला रही है। बीजेपी का फोकस सीलमपुर, मुस्तफाबाद और ओखला जैसे इलाकों में मुस्लिम महिलाओं तक पहुंचने पर है।

किसका पलड़ा रहेगा भारी?

दिल्ली चुनाव 2025 में मुस्लिम वोटर्स की भूमिका बेहद अहम होगी। अगर वे फिर से AAP के पक्ष में एकतरफा मतदान करते हैं, तो पार्टी को बड़ा फायदा होगा। लेकिन अगर AIMIM और कांग्रेस मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने में सफल रहते हैं, तो वोटों का बंटवारा हो सकता है, जिससे बीजेपी को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा मिल सकता है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली के मुस्लिम वोटर्स 2025 के चुनाव में किस पार्टी को अपना समर्थन देते हैं और इसका चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है।

 

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