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Saturday, March 15, 2025

दिल्ली का नाम इंद्रप्रस्थ रखा जाए? केजरीवाल से हिंदू महासभा की मांग

दिल्ली का नाम इंद्रप्रस्थ रखा जाए? केजरीवाल से हिंदू महासभा की मांग

दिल्ली का नाम इंद्रप्रस्थ रखा जाए
दिल्ली का नाम इंद्रप्रस्थ रखा जाए

अखिल भारत हिंदू महासभा के अध्यक्ष ने रखा प्रस्ताव

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के बीच, अखिल भारत हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने दिल्ली का नाम बदलकर ‘इंद्रप्रस्थ’ रखने का प्रस्ताव दिया। राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी इस बैठक में मौजूद रहे। स्वामी चक्रपाणि ने AAP के पुजारियों और ग्रंथियों को वेतन देने के वादे का स्वागत किया और इसे सनातन परंपराओं का सम्मान बताया।

केजरीवाल सरकार के पुजारी सम्मान योजना का समर्थन

अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में घोषणा की थी कि अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनती है, तो मंदिरों में कार्यरत पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर महीने 18 हजार रुपये की वेतन राशि दी जाएगी। इस पहल को स्वामी चक्रपाणि ने समाज के हित में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह योजना पुजारी और ग्रंथी समुदाय की सेवा का सम्मान है।

‘दिल्ली का नाम इंद्रप्रस्थ होना चाहिए’

बैठक के दौरान, स्वामी चक्रपाणि महाराज ने जोर देकर कहा कि दिल्ली का प्राचीन नाम ‘इंद्रप्रस्थ’ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल से दिल्ली का नाम बदलने की मांग की। उनके अनुसार, यह बदलाव न केवल ऐतिहासिक महत्व को पुनर्स्थापित करेगा, बल्कि सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति को भी बढ़ावा देगा। साथ ही, उन्होंने मंदिरों और आश्रमों के बिजली बिल माफ करने की भी मांग की।

सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा की गईं

स्वामी चक्रपाणि महाराज ने इस मुलाकात की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा कीं। उन्होंने लिखा कि अरविंद केजरीवाल से चर्चा के दौरान उन्होंने पुजारियों और ग्रंथियों के लिए वेतन योजना के साथ-साथ दिल्ली का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ रखने का अनुरोध किया।

पुजारी और ग्रंथी सम्मान योजना: क्या है यह?

अरविंद केजरीवाल ने ‘पुजारी और ग्रंथी सम्मान योजना’ की घोषणा करते हुए कहा कि मंदिरों और गुरुद्वारों में सेवा देने वाले पुजारी और ग्रंथी समाज के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। वे समाज की सेवा करते हैं और हमारे सुख-दुख में काम आते हैं। इस योजना के तहत उन्हें हर महीने 18 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। केजरीवाल ने कहा कि यह योजना उन सभी धार्मिक स्थलों के लिए लागू होगी, जहां पुजारी और ग्रंथी नियमित सेवा देते हैं।

सनातन सेवा समिति का गठन

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, AAP ने सनातन सेवा समिति का गठन किया है। शुक्रवार को इस समिति के पदाधिकारियों की घोषणा भी की गई। इस समिति का उद्देश्य धार्मिक और सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देना है। पुजारी सम्मान योजना इसी समिति की एक महत्वपूर्ण पहल है।

‘पुजारी और ग्रंथी समाज की सेवा करते हैं’

अरविंद केजरीवाल ने कहा, “पुजारी और ग्रंथी समाज की सेवा करते हैं और उन्हें सम्मानित करना हमारी जिम्मेदारी है। आज तक किसी भी सरकार ने उनके हितों पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन AAP इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है।”

दिल्ली चुनाव 2025 में हिंदू मतदाताओं को साधने की कोशिश

इंद्रप्रस्थ

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली का नाम बदलने का यह प्रस्ताव और पुजारी सम्मान योजना हिंदू मतदाताओं को आकर्षित करने की AAP की रणनीति का हिस्सा हो सकती है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में AAP, बीजेपी, और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। ऐसे में हिंदू महासभा जैसे संगठनों के साथ AAP की नजदीकियां राजनीतिक समीकरण बदल सकती हैं।

दिल्ली का नाम बदलने पर क्या कहते हैं इतिहासकार?

इतिहासकारों का मानना है कि दिल्ली का नाम ‘इंद्रप्रस्थ’ रखना ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से उचित है। महाभारत काल में इंद्रप्रस्थ पांडवों की राजधानी थी। हालांकि, दिल्ली का नाम बदलने से संबंधित मुद्दे पर आम जनता की राय भी महत्वपूर्ण होगी।

बीजेपी और कांग्रेस का रुख

दिल्ली का नाम बदलने और पुजारी सम्मान योजना पर बीजेपी और कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। बीजेपी ने इसे चुनावी स्टंट बताया है, जबकि कांग्रेस ने कहा कि यह योजनाएं केवल ध्यान भटकाने के लिए हैं।

केजरीवाल की प्रतिक्रिया

अरविंद केजरीवाल ने स्वामी चक्रपाणि के सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी सरकार सभी समुदायों के हित में काम करती रहेगी। उन्होंने पुजारी सम्मान योजना को एक नई पहल बताया, जो समाज के उपेक्षित वर्ग को सशक्त बनाने का काम करेगी।

क्या इंद्रप्रस्थ बनेगा दिल्ली का नया नाम?

दिल्ली का नाम इंद्रप्रस्थ रखा जाए
दिल्ली का नाम इंद्रप्रस्थ रखा जाए

दिल्ली का नाम बदलकर ‘इंद्रप्रस्थ’ रखने का प्रस्ताव और पुजारी सम्मान योजना दोनों ही आगामी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस प्रस्ताव पर आम जनता, राजनीतिक दल और अन्य संगठनों की क्या प्रतिक्रिया रहती है। वहीं, अरविंद केजरीवाल की इस पहल ने हिंदू समुदाय के एक बड़े वर्ग का ध्यान आकर्षित किया है, जो AAP के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

 

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