दिल्ली प्रदूषण और परमाणु तनाव: क्या हैं हालात और संभावित समाधान?
दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण: ऑड-ईवन नियम और कृत्रिम बारिश का विकल्प
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एक बार फिर ऑड-ईवन नियम लागू करने पर विचार किया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार नहीं हुआ, तो सरकार यह कदम उठा सकती है। साथ ही कृत्रिम बारिश के जरिए प्रदूषण को कम करने का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा गया है।
गोपाल राय ने बताया कि राजधानी में प्रदूषण से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने चौथी बार केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर कृत्रिम बारिश के लिए मंजूरी मांगी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बढ़ता धुंध और पराली जलाने की घटनाएं प्रदूषण का मुख्य कारण बन रही हैं।
विशेषज्ञों की राय और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
सरकार विशेषज्ञों की राय और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर ऑड-ईवन नियम को लागू करने का अंतिम निर्णय लेगी। राय ने बताया कि तेज हवा और कृत्रिम बारिश प्रदूषण के स्तर को कम कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार जिम्मेदारी लेते हुए संबंधित राज्यों के साथ मिलकर कार्य योजना बनाती, तो स्थिति में सुधार संभव होता।
परमाणु तनाव: रूस की नई न्यूक्लियर पॉलिसी
दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परमाणु तनाव बढ़ने के संकेत मिले हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में नई न्यूक्लियर पॉलिसी पर हस्ताक्षर किए। इस नीति के तहत, अगर किसी परमाणु संपन्न देश द्वारा रूस पर हमला होता है, तो इसे “संयुक्त हमला” माना जाएगा और जवाबी कार्रवाई में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
अमेरिका की मिसाइल नीति और रूस की प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें देने का निर्णय लिया है, जिससे रूस के बड़े शहर निशाने पर आ सकते हैं। पुतिन ने इसे देखते हुए यह सख्त नीति लागू की है। नई नीति में पारंपरिक मिसाइल और ड्रोन से होने वाले हमलों को भी परमाणु हमले के दायरे में रखा गया है।
क्या है दुनिया पर खतरा?
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस और अमेरिका के बीच यह तनाव तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकता है। रूस ने यह कदम पश्चिमी देशों पर दबाव बनाने के लिए उठाया है। अगर यूक्रेन के समर्थन में और कदम उठाए जाते हैं, तो रूस परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है।
भारत के लिए क्या हैं चुनौतियां?
भारत के लिए यह स्थिति चिंताजनक हो सकती है क्योंकि परमाणु तनाव का असर वैश्विक स्तर पर महसूस होगा। इसके साथ ही, घरेलू प्रदूषण जैसे मुद्दे भी सरकार के लिए चुनौती बने हुए हैं।
दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए जहां सरकार ऑड-ईवन और कृत्रिम बारिश जैसे कदम उठा रही है, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परमाणु तनाव ने गंभीर हालात पैदा कर दिए हैं। इन दोनों मुद्दों पर त्वरित और प्रभावी समाधान की जरूरत है।