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दिल्ली में चल रही अवैध रूप से स्लीपर बसें अधिकारियों के संरक्षण पर यह अवैध कारोबार प्रतिबंध के आदेश को नहीं मानते अधिकारी।

दिल्ली भारत की राजधानी दिल्ली में कानून और सुरक्षा को लेकर सरकार बहुत गंभीर हैं लेकिन हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जिसको पढ़ने के बाद आपको लगेगा अधिकारी सरकार की मिट्टी पलीत करने में क्यों लगे हैं हम आपको बता दें कुछ वर्षों पहले दिल्ली परिवहन विभाग के STA Cell द्वारा एक बैठक की गई इस बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया वह महत्वपूर्ण निर्णय दिल्ली के अंदर स्लीपर बसों को प्रबंध किया जाने पर लिया गया अब आप कहेंगे कि यह निर्णय क्यों लिया गया तो हम आपको बताते हैं यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि इन स्लीपर बसों के मानक पूरे नहीं होते हैं मानको के तहत जो सावरिया बस में बैठी है उनकी जान का खतरा हो सकता है और यह स्लीपर बसें रोड पर चलने से खतरा बनती है इसीलिए दिल्ली सरकार द्वारा इन बसों पर बैन लगाया गया लेकिन हम आपको बता दें दिल्ली परिवहन विभाग के कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है जिस आदेश पर प्रतिबंध लगा है उस आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं जैसे नोएडा सेक्टर 15 फिल्म सिटी से मयूर विहार फेस 1 के रास्ते से यह गाड़ियां दिल्ली में एंट्री करती है और परिवहन विभाग के अधिकारी इन से अवैध वसूली कर सवारी की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं और हम बता दें गाजियाबाद इंदिरापुरम होते हुए गाजीपुर मुर्गा मंडी के रास्ते हजारों की तादाद में गाड़ियां एंट्री करती हैं और नोएडा डीएनडी के रास्ते सराय काले खां जाती है क्या उच्च अधिकारी इस पर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते या उनके संज्ञान में यह मामला नहीं है हमारे पास ऐसे बहुत सारे तत्व हैं जिससे साबित होता है परिवहन विभाग के अधिकारी मौन है हमारे संवाददाता द्वारा इस विषय पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अवगत कराया जाएगा और दिल्ली के परिवहन मंत्री को भी सबूत के साथ पक्ष रखा जाएगा

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