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Saturday, March 15, 2025

डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा को मिला परम विशिष्ट सेवा पदक, नेत्र चिकित्सा में अद्वितीय योगदान

डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा को मिला परम विशिष्ट सेवा पदक: नेत्र चिकित्सा में असाधारण योगदान

डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा

उत्तर प्रदेश के ब्रिगेडियर डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा को गणतंत्र दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम) से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए मिला है। डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा वर्तमान में नई दिल्ली के सशस्त्र बलों के प्रतिष्ठित रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में नेत्र विभाग के प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं।

नेत्र चिकित्सा में योगदान और पुरस्कार

ब्रिगेडियर डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा ने अपनी करियर यात्रा में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्हें विशेष रूप से मोतियाबिंदरेटिना सर्जरी, और रिफ्रैक्टिव सर्जरी के क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता के लिए पहचाना जाता है। उनके द्वारा किए गए कार्यों के कारण लाखों लोगों की आंखों की रोशनी बचाई गई है।

इससे पहले, डॉ. मिश्रा ने भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की बाईं आंख की सफल मोतियाबिंद सर्जरी की थी। इस सर्जरी में उनके नेतृत्व में एक टीम ने मोतियाबिंद का सफल इलाज किया, जो एक असाधारण उपलब्धि मानी जाती है। यही कारण है कि उन्हें पांच बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया है, जिसमें ‘सेना पदक’‘विशिष्ट सेवा पदक’, और ‘अति विशिष्ट सेवा पदक’ भी शामिल हैं।

ग्लूकोमा सर्जरी में नया मोड़

डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा को उनकी एक और महान उपलब्धि के लिए भी जाना जाता है, जो है ग्लूकोमा सर्जरी। वह भारतीय सेना में पहले व्यक्ति थे जिन्होंने माइक्रो सर्जरी के जरिए ग्लूकोमा का इलाज करना शुरू किया। उनके इस नवाचार ने न केवल भारतीय सैनिकों की आंखों की रोशनी बचाई बल्कि सिविलियन्स के लिए भी यह एक वरदान साबित हुआ।

उनकी विशेषज्ञता का परिणाम यह है कि अब तक उन्होंने एक लाख से अधिक लोगों की नेत्र सर्जरी की है। उनका यह कार्य नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हुआ है।

डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा की शिक्षा और शुरुआत

ब्रिगेडियर डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से प्राप्त की और फिर अपनी स्कूली शिक्षा प्रयागराज से पूरी की। इसके बाद, उन्होंने सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (AFMC), पुणे और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली से अपनी शिक्षा प्राप्त की। यह शिक्षा उनके नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में समर्पण को और मजबूत करती है।

ब्रिगेडियर डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा को मिला परम विशिष्ट सेवा पदक उनके नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में किए गए अद्वितीय योगदान का प्रमाण है। उनके कार्यों से न केवल भारतीय सेना बल्कि आम नागरिक भी लाभान्वित हुए हैं। उनकी चिकित्सा क्षमताओं के कारण ही उन्हें आज यह सम्मान प्राप्त हुआ है, और वे चिकित्सा जगत में प्रेरणा के स्रोत बन गए हैं।

 

 

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