भारतीय राजनीति में गांधी परिवार का नाम विशेष महत्व रखता है। प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी, दोनों ने भारतीय राजनीति में अपनी छवि बनाई है। लेकिन शिक्षा के नजरिए से देखा जाए तो कौन ज्यादा पढ़ा-लिखा है? दोनों की शैक्षणिक योग्यताओं पर नजर डालते हैं और जानते हैं कि उनकी डिग्रियों ने उनके करियर को किस तरह प्रभावित किया।
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Toggleप्रियंका गांधी की शैक्षणिक योग्यता
वेल्हम गर्ल्स स्कूल से शुरू हुई शिक्षा
प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून के प्रतिष्ठित वेल्हम गर्ल्स स्कूल से पूरी की। यह स्कूल अपने कठोर शैक्षणिक मानकों के लिए जाना जाता है। प्रियंका की शुरुआती शिक्षा ने उनकी बौद्धिक क्षमता को मजबूत आधार प्रदान किया।
जीसस एंड मैरी कॉलेज से मनोविज्ञान में स्नातक
प्रियंका गांधी ने अपनी कॉलेज शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से पूरी की। यहां उन्होंने मनोविज्ञान में स्नातक (बीए) की डिग्री हासिल की। यह विषय न केवल उनके राजनीतिक दृष्टिकोण को सहानुभूतिपूर्ण बनाने में सहायक रहा, बल्कि मानवीय भावनाओं और व्यवहारों को समझने में भी मददगार साबित हुआ।
बौद्ध अध्ययन में मास्टर्स
अपनी ग्रेजुएशन के बाद, प्रियंका गांधी ने बौद्ध अध्ययन में मास्टर डिग्री प्राप्त की। 2010 में उन्होंने यह कोर्स पूरा किया। अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों और पारिवारिक जीवन के बीच उन्होंने दूरस्थ शिक्षा और ऑन-कैंपस क्लासेज के जरिए यह डिग्री हासिल की। इस डिग्री ने उनके विचारशील दृष्टिकोण को और गहराई दी।
राहुल गांधी की शैक्षणिक योग्यता
सेंट स्टीफन से शुरू हुई शिक्षा
राहुल गांधी ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा नई दिल्ली और देहरादून में पूरी की। बाद में उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफन कॉलेज से अपनी उच्च शिक्षा की शुरुआत की। हालांकि, सुरक्षा कारणों की वजह से उनकी शिक्षा में कई बार बदलाव हुए।
हार्वर्ड और रोलिंस कॉलेज से स्नातक
राहुल गांधी ने अपनी आगे की पढ़ाई अमेरिका के हार्वर्ड कॉलेज में शुरू की। लेकिन 1991 में उनके पिता, राजीव गांधी की हत्या के बाद, उन्हें सुरक्षा कारणों से फ्लोरिडा के रोलिंस कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया गया। 1994 में उन्होंने वहां से बीए की डिग्री पूरी की।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से एम.फिल.
राहुल गांधी की शिक्षा यहीं समाप्त नहीं हुई। 1995 में उन्होंने इंग्लैंड के प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से विकास अध्ययन (Development Studies) में एम.फिल. किया। यह डिग्री उनकी वैश्विक दृष्टि और नीतिगत समझ को और अधिक प्रभावी बनाने में मददगार साबित हुई।
कौन है ज्यादा पढ़ा-लिखा?
अगर शैक्षणिक योग्यता की तुलना करें, तो दोनों भाई-बहन ने प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की है।
- राहुल गांधी: एम.फिल. (कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय), बीए (रोलिंस कॉलेज, फ्लोरिडा)।
- प्रियंका गांधी: मास्टर्स (बौद्ध अध्ययन), बीए (जीसस एंड मैरी कॉलेज, दिल्ली)।
राहुल गांधी की शिक्षा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थानों में हुई है, जिससे उनके शैक्षणिक करियर को एक ऊंचाई मिली। वहीं प्रियंका गांधी ने मनोविज्ञान और बौद्ध अध्ययन में गहरी रुचि दिखाते हुए अपनी शिक्षा पूरी की।
शिक्षा का राजनीतिक करियर पर प्रभाव
राहुल गांधी
राहुल गांधी की अंतरराष्ट्रीय शिक्षा ने उनकी नीतियों और दृष्टिकोण को व्यापकता प्रदान की। उनकी एम.फिल. की डिग्री ने उन्हें विकास अध्ययन के सिद्धांतों को समझने और भारतीय राजनीति में लागू करने में मदद की।
प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी की शिक्षा ने उनके राजनीतिक दृष्टिकोण को सहानुभूतिपूर्ण और जनहितकारी बनाया। मनोविज्ञान की पढ़ाई ने उन्हें जनता के व्यवहार को बेहतर ढंग से समझने में मदद की।
नेहरू-गांधी परिवार: शिक्षा की विरासत
गांधी परिवार हमेशा से उच्च शिक्षा के प्रति समर्पित रहा है।
- जवाहरलाल नेहरू: कैम्ब्रिज और इनर टेम्पल, लंदन से पढ़ाई।
- इंदिरा गांधी: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की।
- राजीव गांधी: कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई।
यह परंपरा प्रियंका और राहुल गांधी ने भी जारी रखी।
प्रियंका और राहुल: अलग-अलग दृष्टिकोण, समान लक्ष्य
शिक्षा ने प्रियंका गांधी और राहुल गांधी दोनों के राजनीतिक करियर को अलग-अलग ढंग से आकार दिया।
- प्रियंका गांधी का सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण उनकी मनोविज्ञान और बौद्ध अध्ययन की पृष्ठभूमि से उपजा है।
- राहुल गांधी की वैश्विक दृष्टि और विकासशील भारत के लिए नीतियां उनकी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा का परिणाम हैं।
प्रियंका गांधी और राहुल गांधी दोनों ने अपनी शिक्षा को अपने राजनीतिक करियर का आधार बनाया है। जहां राहुल की शिक्षा ने उन्हें विकासशील नीतियों और वैश्विक दृष्टिकोण में माहिर बनाया, वहीं प्रियंका की शिक्षा ने उन्हें मानवीय और सहानुभूतिपूर्ण नेता के रूप में उभारा।
इस सवाल का जवाब कि कौन ज्यादा पढ़ा-लिखा है, इस पर निर्भर करता है कि आप शिक्षा को कैसे परिभाषित करते हैं। लेकिन एक बात साफ है—दोनों ने अपनी-अपनी शिक्षा के जरिए भारतीय राजनीति में विशेष स्थान बनाया है।