Farmers Protest: 14 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान, आंदोलन हुआ तेज
किसानों का आंदोलन एक बार फिर गति पकड़ रहा है। पंजाब और हरियाणा के किसानों ने 14 दिसंबर को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने यह घोषणा की। इससे पहले किसान कई बार दिल्ली कूच करने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें हरियाणा बॉर्डर पार करने से रोक दिया था।
दिल्ली कूच का ऐलान और आंदोलन की वर्तमान स्थिति
सरवन सिंह पंढेर का ऐलान
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने घोषणा की है कि किसानों का जत्था 14 दिसंबर को दिल्ली कूच करेगा। इससे पहले किसान 6 और 8 दिसंबर को भी दिल्ली कूच करने का प्रयास कर चुके हैं। हालांकि, सुरक्षाबलों ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया था।
शंभू बॉर्डर पर झड़पें
8 दिसंबर को किसानों ने दोबारा दिल्ली कूच करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें फिर से रोका गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प भी हुई। कई किसानों को चोटें आईं, लेकिन उनके हौसले अब भी बुलंद हैं।
जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन
15 दिनों से जारी अनशन
भाकियू सिद्धूपुर के प्रांतीय प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाल 15 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। उनकी हालत अब गंभीर होती जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार उनका वजन 11 किलो तक कम हो गया है। इसके बावजूद उन्होंने दवा या ग्लूकोज लेने से मना कर दिया है।
सुरक्षा और निगरानी के कड़े इंतजाम
किसानों ने डल्लेवाल की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। उनके पास सीसीटीवी कैमरे और एलसीडी स्क्रीन लगाए गए हैं ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। किसान संगठनों को डर है कि पुलिस उन्हें जबरदस्ती अस्पताल ले जा सकती है।
आंदोलन के प्रमुख मुद्दे
मांगों को लेकर प्रदर्शन
किसानों का यह आंदोलन सरकार की नीतियों और उनकी मांगों को लेकर है। वे चाहते हैं कि उनकी मांगें तुरंत मानी जाएं।
देशवासियों से समर्थन की अपील
खनौरी बॉर्डर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में किसानों ने 12 दिसंबर को देशवासियों से शाम का भोजन न करने की अपील की है।
दिल्ली कूच और आंदोलन की रणनीति
संयुक्त किसान मोर्चा का नेतृत्व
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में यह आंदोलन तेज हो रहा है। 14 दिसंबर को दिल्ली कूच का यह प्रयास किसानों के हौसले को और मजबूती देगा।
सरकार से अपील
किसान संगठनों ने सरकार से अपील की है कि उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाए और समस्या का समाधान निकाला जाए।
किसान आंदोलन की बढ़ती तीव्रता
आंदोलन में बढ़ रही भागीदारी
किसानों का यह आंदोलन दिन-प्रतिदिन व्यापक होता जा रहा है। दिल्ली कूच की रणनीति से आंदोलन को और बल मिलने की संभावना है।
सरकार और किसानों के बीच टकराव
सरकार और किसानों के बीच की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। दोनों पक्षों के बीच संवाद की जरूरत है ताकि इस स्थिति का हल निकाला जा सके।
14 दिसंबर को होने वाला दिल्ली कूच किसान आंदोलन में एक नया अध्याय जोड़ सकता है। किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और सरकार से समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं, जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन इस आंदोलन को और गंभीर बना रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और किसानों के बीच यह संघर्ष किस ओर जाता है।