गैस्ट्रिक कैंसर, जिसे आमतौर पर स्टमक कैंसर भी कहा जाता है, आज के समय में तेजी से बढ़ने वाली एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह पेट की कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि के कारण होता है, जो शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। यह लेख आपको गैस्ट्रिक कैंसर के कारण, लक्षण, उपचार और इससे बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से बताएगा।
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Toggleगैस्ट्रिक कैंसर क्या है?
गैस्ट्रिक कैंसर (Gastric Stomach Cancer) पेट की कोशिकाओं के असामान्य और अनियंत्रित रूप से बढ़ने के कारण होता है। यह कैंसर पेट के ऊपरी और बीच के भाग में पसलियों के ठीक नीचे विकसित होता है। आमतौर पर यह शुरुआती चरण में कोई लक्षण नहीं दिखाता, जिससे इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
गैस्ट्रिक कैंसर के प्रमुख कारण
गैस्ट्रिक कैंसर के विकास में कई कारण भूमिका निभा सकते हैं, जैसे:
- खानपान की आदतें:
- ज्यादा नमक वाली चीजों का सेवन।
- प्रोसेस्ड और स्मोक्ड मीट का अधिक सेवन।
- फलों और सब्जियों की कमी।
- अनुचित जीवनशैली:
- धूम्रपान और शराब का सेवन।
- मोटापा और शारीरिक सक्रियता की कमी।
- पारिवारिक इतिहास:
- यदि परिवार में किसी को पहले गैस्ट्रिक कैंसर हो चुका है, तो इसका खतरा बढ़ जाता है।
- बैक्टीरिया संक्रमण:
- हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter Pylori) नामक बैक्टीरिया पेट के कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।
गैस्ट्रिक कैंसर के लक्षण
शुरुआती चरण में गैस्ट्रिक कैंसर के लक्षण दिखाई नहीं देते। जैसे-जैसे यह बढ़ता है, निम्न लक्षण सामने आ सकते हैं:
- खाना निगलने में परेशानी।
- पेट में बार-बार दर्द।
- थोड़ी मात्रा में खाने के बाद पेट भरा हुआ महसूस होना।
- भूख में कमी और वजन का अचानक घटना।
- खट्टी डकार और पेट में जलन।
- जी मिचलाना और उल्टी।
- मल का काला या खून से भरा होना।
- शरीर में लगातार थकावट।
गैस्ट्रिक कैंसर से बचने के उपाय
गैस्ट्रिक कैंसर के खतरे को कम करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
1. खानपान में सुधार करें
- फलों और सब्जियों को अपने आहार का हिस्सा बनाएं।
- रंगीन सब्जियों और फलों का सेवन करें।
- अधिक नमक और स्मोक्ड खाद्य पदार्थों से बचें।
2. धूम्रपान और शराब छोड़ें
- धूम्रपान गैस्ट्रिक कैंसर और अन्य कैंसर का मुख्य कारण है।
- शराब का अधिक सेवन भी कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।
3. नियमित व्यायाम करें
- रोजाना व्यायाम करने से न केवल वजन नियंत्रण में रहता है, बल्कि कैंसर का खतरा भी कम होता है।
4. हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण का इलाज करें
- पेट के बैक्टीरिया संक्रमण को नजरअंदाज न करें। डॉक्टर की सलाह से इसका इलाज कराएं।
5. स्क्रीनिंग टेस्ट कराएं
- यदि पारिवारिक इतिहास में कैंसर है, तो समय-समय पर स्क्रीनिंग टेस्ट कराएं।
गैस्ट्रिक कैंसर का उपचार
गैस्ट्रिक कैंसर का उपचार उसकी अवस्था और गंभीरता पर निर्भर करता है। आमतौर पर निम्न उपचार विकल्प उपलब्ध हैं:
1. कीमोथेरेपी
कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है।
2. विकिरण चिकित्सा (Radiation Therapy)
कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च ऊर्जा वाले विकिरण का उपयोग किया जाता है।
3. सर्जरी
सर्जरी के माध्यम से कैंसरयुक्त ऊतकों को हटाया जाता है।
4. इम्यूनोथेरेपी
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर कैंसर से लड़ने में मदद की जाती है।
5. पालीएटिव केयर
अंतिम चरण में, लक्षणों को कम करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए पालीएटिव केयर दी जाती है।
गैस्ट्रिक कैंसर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
- गैस्ट्रिक कैंसर को शुरुआती चरण में पहचानना मुश्किल होता है।
- यह कैंसर मेटास्टेटिक हो सकता है, यानी शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है।
- यह कैंसर मुख्य रूप से उन लोगों में पाया जाता है, जो अस्वास्थ्यकर जीवनशैली अपनाते हैं।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
यदि आपको निम्नलिखित लक्षण लंबे समय तक दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- बार-बार पेट में दर्द।
- खाना निगलने में परेशानी।
- खून की उल्टी या मल।
- अचानक वजन में कमी।
गैस्ट्रिक कैंसर एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसे सही जीवनशैली और समय पर उपचार से रोका जा सकता है। यदि लक्षणों को नजरअंदाज न किया जाए और समय-समय पर डॉक्टर की सलाह ली जाए, तो कैंसर से बचाव संभव है। स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम और धूम्रपान से दूरी बनाकर गैस्ट्रिक कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
गैस्ट्रिक कैंसर से बचाव के लिए जागरूकता और समय पर कदम उठाना सबसे महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य ही जीवन का सबसे बड़ा धन है, इसे अनदेखा न करें।
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