01 सितंबर से 31 दिसंबर तक अभियान चलाकर ईयर टैगिंग का कार्य पूर्ण किया जाए।
ईयर टैंगिग का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
हरा चारा बुवाई के लक्ष्य प्राप्ति में सीवीओ की जिम्मेदारी तय की जाए।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि आगामी 01 सितंबर से 31 दिसंबर 2024 तक वृहद स्तर पर अभियान चलाकर पशुओं में ईयर टैगिंग का कार्य पूर्ण किया जाए। पशुधन की रोगों से सुरक्षा हेतु वैक्सीनेशन कार्य निरन्तर किया जाए और ईयर टैंगिग का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
गौशालाओं में गोवंश के भरण पोषण की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाए। हरे चारे की पर्याप्त व्यवस्था की जाए और गो आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिए जाए। अधिकारी निराश्रित गोवंश हेतु गोआश्रय स्थलों में पर्याप्त चारा, भूसा, पानी, प्रकाश, औषधि आदि आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करें।
हरा चारा बुवाई के लक्ष्य प्राप्ति में जनपद स्तर पर सीवीओ की जिम्मेदारी तय की जाए। मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में निराश्रित गोवंश को गोआश्रय स्थल तक पहुंचाने, गोवंश के भरण पोषण की बेहतर व्यवस्था, ईयर टैगिंग कार्य, पशुधन बीमा, वर्षा ऋतु में गोसंरक्षण केंद्रों की व्यवस्था तथा हरा चारा बुआई के कार्यां की विस्तृत समीक्षा की। मंत्री सिंह ने गौ संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने पर बल देते हुए निर्देशित किया कि गौशाला के स्वावलम्बन हेतु गौ जनित पदार्थों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए।
उन्होंने गोशाला में गोबर के विविध उपयोग के द्वारा यथा कंडें बनवाकर बिक्री किये जाने तथा कम्पोस्ट खाद आदि बनाये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपदों में उपलब्ध कब्जामुक्त/गोचर भूमि पर अन्य चारा बीज की तत्काल बुआई कराकर शत-प्रतिशत हरा चारा आच्छादन का लक्ष्य समय से पूर्ण किया जाए।
इस कार्य के लिए सीवीओ की जिम्मेदारी तय की जाए और यदि निर्धारित समय में लक्ष्य प्राप्त नहीं होता है तो संबंधित के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए। मंत्री सिंह ने कहा कि टीकाकरण कार्य की स्थिति का सत्यापन भी कराया जाए। समस्त गो सदनों की वर्तमान स्थिति एवम भूमि संबंधी विवरण राजस्व अभिलेखों से प्राप्त कराया जाए तथा जो गो सदन विभाग अथवा जिला प्रशासन द्वारा संचालित के सुदृढ़ीकरण पर भी कार्य किया जाए।
पशुधन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी जनपदों में भूसा, हराचारा, दाना, पानी, प्रकाश, वैक्सीन, औषधि आदि की उपलब्धता का प्रभावी अनुश्रवण एवं निरीक्षण कर सत्यापित कराया जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी जनपदों में जाकर गौशालाओं का स्थलीय निरीक्षण करें और वहां आवश्यक व्यवस्थाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
मंत्री सिंह ने कहा कि जनपदों में जहां कहीं कोई भी समस्या आये तो उसके संबंध में तत्काल मुख्यालय को अवगत कराया जाए। निराश्रित गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इन कार्यों में लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
बैठक में पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव रवीन्द्र ने मंत्री को आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। प्रमुख सचिव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि कहा कि अधिकारी गोसंरक्षण कार्याे को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से करें।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पशुपालन विभाग के निदेशक डा. पीएन सिंह, अपर निदेशक डा. अरविन्द कुमार सिंह, अपर निदेशक डा. जयकेश कुमार पाण्डेय, एलडीबी के डॉ. नीरज गुप्ता सहित सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।