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Wednesday, March 26, 2025

जानिए मनमोहन सिंह की उपलब्धियां: RTI, आधार और मनरेगा योजना

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्हें देश में आर्थिक सुधारों का जनक माना जाता है, का 26 दिसंबर 2024 को निधन हो गया। उनका निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है, क्योंकि उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में अहम भूमिका निभाई। इस लेख में हम डॉ. मनमोहन सिंह की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डालेंगे, जिसमें आधार, मनरेगा और सूचना का अधिकार (RTI) जैसे महत्वपूर्ण कदम शामिल हैं। साथ ही, हम उनके आर्थिक सलाहकार से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक के सफर को भी समझेंगे।

मनमोहन सिंह का प्रधानमंत्री बनने से पहले का सफर

डॉ. मनमोहन सिंह का करियर भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में बेहद महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने 1972 में भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में भी कार्यरत रहे। 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के तौर पर उन्होंने बैंकों के क्षेत्र में कई अहम सुधार किए।

देश को आर्थिक संकट से उबारा

डॉ. मनमोहन सिंह का सबसे बड़ा योगदान भारत को 1991 के आर्थिक संकट से उबारने में था। तब वे वित्त मंत्री थे और उन्होंने लिबरलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन और ग्लोबलाइजेशन की नीतियों को लागू किया, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था ने नई दिशा पकड़ी। इन नीतियों के चलते भारत में निवेश के नए अवसर पैदा हुए और वैश्विक बाजार में भारत की उपस्थिति मजबूत हुई।

सूचना का अधिकार (RTI) कानून: सरकार को जवाबदेह बनाना

2005 में, डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत में सूचना का अधिकार (RTI) कानून लागू किया गया। RTI कानून का उद्देश्य सरकार को जवाबदेह बनाना था, ताकि नागरिकों को सरकारी कार्यों और फैसलों की जानकारी मिल सके। यह कानून आज भी भारतीय लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाती है, जो पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है।

मनरेगा योजना: ग्रामीण रोजगार की गारंटी

2005 में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की शुरुआत की। इस योजना के तहत, प्रत्येक ग्रामीण परिवार को साल में 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया गया। यह योजना भारत में गरीबी उन्मूलन के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई और आज भी लाखों परिवारों के जीवन में बदलाव ला रही है।

आधार कार्ड योजना: पहचान का नया तरीका

जनवरी 2009 में, डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में आधार कार्ड योजना की शुरुआत की गई, जिसे आज देश के सभी नागरिकों की पहचान के रूप में देखा जाता है। इस योजना के तहत, प्रत्येक नागरिक को एक विशिष्ट पहचान संख्या (Aadhaar) दी गई, जो सरकारी योजनाओं और लाभों तक आसान पहुंच सुनिश्चित करता है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम: गरीबों को खाद्य सुरक्षा

डॉ. मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल के दौरान, 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) लागू किया गया। इस कानून के तहत, देश के गरीबों को सस्ते दरों पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है, ताकि कोई भी भारतीय भूखा न सोए। यह कानून गरीबों के लिए एक सुरक्षा कवच साबित हुआ और उनके जीवन स्तर को सुधारने में मदद की।

कृषि ऋण माफी योजना: किसानों को राहत

2008 में, डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने कृषि ऋण माफी योजना शुरू की, जिसके तहत किसानों को 60,000 करोड़ रुपये तक के कृषि ऋण माफ किए गए। इस योजना ने देश भर के लाखों किसानों को राहत दी और कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

न्यूक्लियर डील: भारत और अमेरिका के बीच अहम समझौता

2006 में, डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच न्यूक्लियर डील हुई। इस डील के तहत, भारत को परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG) से छूट मिली, जिससे भारत को अन्य देशों से परमाणु ईंधन और तकनीकी सहायता प्राप्त करने की अनुमति मिली। यह डील भारत के वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने की यात्रा

22 मई 2004 को डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेताओं की सलाह पर उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया था। उनका कार्यकाल देश के लिए कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह बना। उन्होंने 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के रूप में देश की कमान संभाली और भारतीय राजनीति में अपनी छाप छोड़ी।

डॉ. मनमोहन सिंह का आर्थिक सुधारों में योगदान

मनमोहन सिंह को भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का श्रेय दिया जाता है। 1991 में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने आर्थिक सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए, जैसे व्यापार और निवेश के लिए विदेशी दरवाजे खोलना। इसके परिणामस्वरूप, भारत का वैश्विक व्यापार और निवेश बढ़ा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था ने नई ऊचाइयों को छुआ। उनकी नीतियों ने भारत को आर्थिक रूप से मजबूत किया और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उसकी स्थिति को बेहतर किया।

 डॉ. मनमोहन सिंह की उपलब्धियां

डॉ. मनमोहन सिंह

डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अमूल्य रहेगा। उन्होंने आधार, मनरेगा, RTI, खाद्य सुरक्षा अधिनियम जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जो भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों के लिए फायदेमंद रहे। उनका कार्यकाल देश के लिए एक प्रेरणा है, और उनके द्वारा किए गए सुधार आज भी भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

 

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