जहांगीरपुरी हत्या मामला
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हाल ही में हुई हिंसक घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। इस “जहांगीरपुरी हत्या मामला” में स्थानीय प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के बीच संघर्ष के कारण एक व्यक्ति की मौत और कई घायल हो गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली क्राइम ब्रांच की विशेष टीम ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की और एक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया। यह गिरोह विवाद दिल्ली में हो रही आपराधिक घटनाओं की स्थिति को उजागर करता है।
घटना का पूरा विवरण
हत्या की घटना और गिरोहों के बीच संघर्ष
जहांगीरपुरी हत्या मामला 20-21 अक्टूबर 2024 की रात में घटित हुआ था, जब दो स्थानीय गिरोहों के बीच पुरानी रंजिश के कारण झगड़ा हो गया। इस हिंसक झड़प में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर चाकू और गोलियों से हमला किया। इस घटना में प्रिंस गैंग के दीपक नामक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि नरेंद्र और सूरज नाम के दो अन्य व्यक्ति घायल हो गए। यह गिरोह विवाद दिल्ली में कई सालों से चल रही आपसी दुश्मनी का परिणाम है।घटना: 20-21.10.2024 की मध्य रात्रि को, किसी पुरानी रंजिश के कारण दिल्ली के जहांगीर पुरी इलाके से संबंधित क्रमशः प्रिंस और नरेंद्र के नेतृत्व वाले जहांगीर पुरी, दिल्ली में दो स्थानीय प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के बीच झगड़ा हो गया, जिसमें लगभग। गिरोह के दर्जनों सदस्यों ने प्रतिद्वंद्वियों पर चाकुओं से हमला किया और एक दूसरे पर गोलियां चलाईं। उस घटना में, प्रिंस गैंग से संबंधित दीपक पत्रकार नामक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि प्रतिद्वंद्वी नरेंद्र गैंग के नरेंद्र और सूरज नाम के दो व्यक्ति क्रमशः चाकू और गोली लगने से घायल हो गए। इसके बाद दो अलग-अलग क्रॉस केस एफआईआर नंबर 639/24 यू/एस 103(1)/3(5) बीएनएस और 27/54/59 आर्म्स एक्ट पीएस जहांगीर पुरी और केस एफआईआर नंबर 640/24 यू/एस 109(1)/3(5) गिरफ्तार आरोपी लक्ष्य उर्फ लव दोनों गिरोहों के बीच विवाद का मुख्य कारण था, क्योंकि नरेंद्र गिरोह अपने सहयोगी चतुर की हत्या में लक्ष्य उर्फ लव की भूमिका का बदला लेना चाहता था, जिसके कारण वर्तमान घटना हुई।
क्राइम ब्रांच की त्वरित कार्रवाई
इनपुट पर कार्रवाई करते हुए श्री नरेंद्र सिंह एसीपी/एनआर-II, क्राइम ब्रांच के समग्र पर्यवेक्षण में इंस्पेक्टर संदीप स्वामी के नेतृत्व में एसआई प्रदीप दहिया, एसआई पंकज सरोहा, एसआई सुखविंदर सिंह, एचसी नितिन, एचसी राज और एचसी सुमित की एक टीम डीसीपी/क्राइम श्री सतीश कुमार द्वारा गठित की गई थी।
मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी
दिनांक 02.11.2024 को, उपरोक्त टीम ने सूचना के स्थान पर जाल बिछाया और लक्ष्य उर्फ लव निवासी जहांगीर पुरी, दिल्ली उम्र 21 वर्ष को गिरफ्तार किया। निरंतर पूछताछ करने पर, आरोपी व्यक्ति ने एफआईआर संख्या 640/24 यू/एस 109(1)/3(5) बीएनएस और 27/54/59 आर्म्स एक्ट पीएस जहांगीर पुरी में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया।
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
गिरफ्तारी के बाद जहांगीरपुरी हत्या मामला के मुख्य आरोपी लक्ष्य उर्फ लव से पूछताछ की गई। आरोपी ने खुलासा किया कि यह घटना पुराने विवाद का परिणाम थी। उसने बताया कि लगभग 11-12 दिन पहले उसके साथी नरेंद्र गैंग के खिलाफ रणनीति बना रहे थे। इसी रणनीति के तहत दोनों पक्षों के बीच लड़ाई छिड़ गई, जिसमें दीपक की मौत और अन्य दो व्यक्तियों के घायल होने की घटना सामने आई।
अपराधी की पृष्ठभूमि
लक्ष्य उर्फ लव ने 12वीं तक की पढ़ाई की थी और बाद में नरेला, दिल्ली के एक अकाउंट ऑफिस में काम करने लगा था। उसकी दोस्ती बचपन से ही अपने पड़ोसियों दीपक, प्रिंस, और मोहित से थी। गिरोह विवाद दिल्ली के कारण उसने अपने साथियों के साथ मिलकर एक गैंग बना लिया, जो नरेंद्र पहलवान के गिरोह के साथ प्रतिद्वंद्विता में था। इसी प्रतिद्वंद्विता ने इस हत्या की घटना को जन्म दिया।
गिरोह विवाद की मुख्य वजह
जहांगीरपुरी हत्या मामला केवल व्यक्तिगत दुश्मनी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह गिरोह विवाद दिल्ली में पनप रहे गैंग कल्चर की ओर भी इशारा करता है। इस घटना में लक्षय की भूमिका का उद्देश्य अपने विरोधी गिरोह को सबक सिखाना था। इस तरह के झगड़े और आपसी विवाद न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन गए हैं बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं।
पुलिस की अगली कार्यवाही
क्राइम ब्रांच ने कहा है कि दिल्ली क्राइम ब्रांच गिरफ्तारी के बाद अब वे अन्य आरोपियों को पकड़ने और सभी पहलुओं की जांच कर रही है। पुलिस उपायुक्त सतीश कुमार ने बताया कि घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए टीम को इस मामले पर तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
समाज पर गिरोह विवाद का प्रभाव
गिरोह विवाद दिल्ली के सामाजिक और कानून-व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। जहांगीरपुरी हत्या मामला ने स्थानीय निवासियों में डर और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
अंत में
जहांगीरपुरी हत्या मामला एक चेतावनी है कि किस तरह गिरोहों के बीच की दुश्मनी कानून-व्यवस्था को प्रभावित कर सकती है। दिल्ली क्राइम ब्रांच गिरफ्तारी ने इस मामले में कुछ हद तक सफलता हासिल की है, लेकिन इन मामलों का पूरी तरह से सफाया करने के लिए और भी प्रयासों की जरूरत है। दिल्ली पुलिस को चाहिए कि वह इस तरह के गिरोह विवाद पर कड़ी नज़र रखे और समय-समय पर कार्यवाही करे।
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