जहरीली यमुना विवाद: केजरीवाल का मास्टर स्ट्रोक या AAP के लिए बड़ा झटका?

दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और इसी बीच जहरीली यमुना विवाद सुर्खियों में आ गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर जानबूझकर दिल्ली को जहरीला पानी भेजने का आरोप लगाया, जिससे राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। विपक्षी पार्टियां इस बयान को आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए आत्मघाती कदम बता रही हैं, जबकि केजरीवाल इसे चुनावी मुद्दा बना रहे हैं।
केजरीवाल के दावे और विपक्ष का हमला
AAP का आरोप: हरियाणा सरकार भेज रही जहरीला पानी
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार जानबूझकर दिल्ली में जहरीला पानी भेज रही है ताकि दिल्ली के नागरिकों को नुकसान पहुंचे। इस बयान के बाद बीजेपी और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला बोला।
बीजेपी और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर केजरीवाल को घेरा। राहुल गांधी ने चुनौती दी कि अगर यमुना का पानी जहरीला नहीं है, तो केजरीवाल उसमें डुबकी लगाकर दिखाएं। वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक घाट पर यमुना का पानी पीकर यह साबित करने की कोशिश की कि पानी जहरीला नहीं है।
दिल्ली सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड सवालों के घेरे में
यमुना की सफाई पर सरकार नाकाम?
यमुना में लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार पहले भी आलोचनाओं का सामना कर चुकी है। 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के 37 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) में से 21 ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। बिना ट्रीटमेंट के हजारों लीटर सीवेज यमुना में गिर रहा है, जिससे पानी जहरीला हो गया है।
दिल्ली में पानी की किल्लत
दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट बताती है कि राजधानी को हर दिन 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत होती है, लेकिन केवल 96.9 करोड़ गैलन पानी ही मिल पा रहा है। इससे साफ पानी की भारी किल्लत हो रही है और टैंकर माफिया हावी हो गए हैं।
क्या केजरीवाल का यह दांव मास्टर स्ट्रोक साबित होगा?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अरविंद केजरीवाल एक चतुर रणनीतिकार हैं। उन्होंने यह मुद्दा उठाकर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इसे आम आदमी पार्टी का मास्टर स्ट्रोक मानती है या आत्मघाती कदम।
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