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Tuesday, March 11, 2025

काशी विश्वनाथ मंदिर होली उत्सव: पहली बार मथुरा से आए गुलाल और अबीर से मनेगी रंगभरी एकादशी

काशी विश्वनाथ मंदिर होली उत्सव: पहली बार मथुरा से आए गुलाल और अबीर से होगी रंगभरी एकादशी

काशी विश्वनाथ मंदिर होली उत्सव

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर होली उत्सव की इस बार भव्य तैयारियां हो रही हैं। खास बात यह है कि पहली बार मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर से भेजे गए गुलाल और अबीर से यहां होली खेली जाएगी। इस नए परंपरा की शुरुआत मंदिर प्रशासन और मथुरा मंदिर के अधिकारियों की बातचीत के बाद हुई है।

मथुरा से आया विशेष गुलाल और अबीर

काशी और मथुरा की सांस्कृतिक विरासत को जोड़ते हुए इस वर्ष काशी विश्वनाथ मंदिर होली उत्सव में एक नई परंपरा शुरू की गई है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर, मथुरा से विशेष रूप से रंग, अबीर और गुलाल काशी विश्वनाथ धाम भेजे गए हैं। बदले में काशी विश्वनाथ धाम की ओर से मथुरा के लड्डू गोपाल जी को एक विशेष उपहार भेजा गया।

रंगभरी एकादशी उत्सव: तीन दिन तक चलेगा आयोजन

हर साल की तरह इस बार भी रंगभरी एकादशी का आयोजन तीन दिनों तक चलेगा। इस दौरान विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।

1. हल्दी उत्सव की धूम

रंगभरी एकादशी उत्सव के दूसरे दिन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर होली उत्सव के अंतर्गत हल्दी उत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मथुरा से आए श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ को विशेष गुलाल और उपहार अर्पित किए। वहीं, सोनभद्र से आए आदिवासी भक्तों ने पलाश के फूलों से बना हर्बल गुलाल चढ़ाया।

2. भव्य पालकी शोभायात्रा

उत्सव के दौरान भगवान काशी विश्वनाथ और माता गौरा की चांदी की पालकी मंदिर परिसर में भव्य शोभायात्रा के रूप में निकाली गई। इस दौरान भक्तों ने हल्दी, गुलाल और अबीर उड़ाते हुए “हर हर महादेव” के जयकारे लगाए। शाम के समय फूलों से सजी पालकी में भगवान काशी विश्वनाथ और माता गौरा की प्रतिमाओं को मंदिर परिसर में घुमाया गया।

काशी-मथुरा के ऐतिहासिक संबंधों को नई परंपरा से मजबूती

इस अनूठी परंपरा की शुरुआत से वाराणसी और मथुरा के ऐतिहासिक संबंध और अधिक मजबूत हुए हैं। मंदिर प्रशासन ने घोषणा की है कि भविष्य में भी दोनों मंदिरों के बीच इस प्रकार से उपहारों का आदान-प्रदान जारी रहेगा।

काशी विश्वनाथ मंदिर होली उत्सव में इस बार देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचने की उम्मीद है। प्रशासन द्वारा सुरक्षा और अन्य सुविधाओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर होली उत्सव इस बार और भी खास होने जा रहा है क्योंकि पहली बार मथुरा से भेजे गए गुलाल और अबीर से होली खेली जाएगी। तीन दिवसीय रंगभरी एकादशी उत्सव में भव्य पूजा, शोभायात्रा और पारंपरिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा। यह नई परंपरा काशी और मथुरा के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और मजबूत बनाएगी।

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