लखनऊ के हनुमत धाम में “गोमती गौरव यात्रा” की बनी कार्ययोजना।
लोकसभा चुनाव के पश्चात महंत देव्या गिरी व महंत गोमती बाबा के नेतृत्व में लखनऊ में निकलेगी यात्रा।
यात्रा की शुरुआत मनकामेश्वर घाट से तो समापन ड्रीम वैली घाट में होगा।
Uttar Pradesh Lucknow। सनातन धर्म को मानने वाले लोग जिस गोमती नदी को “मां” कहते हैं, बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि आज भी नदियों को स्वच्छ बनाए रखने के लिए शासन स्तर से तमाम योजनाएं तो चलती हैं लेकिन धरातल में वो योजना कितना पहुंची है। उसका अंदाजा आप गोमती नदी के जल से ही लगा सकते हैं। फोटो खिंचाने के लिए साफ-सफाई के कार्यक्रम तो बहुत होते हैं लेकिन उसके बाद जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है। लखनऊ में लोकसभा चुनाव के उपरांत दो दिवसीय “गोमती गौरव यात्रा” प्रस्तावित की गई है, जो कि मनकामेश्वर घाट से शुरू होगी और बीकेटी के मंझी स्थित कठवारा घाट, मां चंद्रिका घाट, राम घाट, कोलवा घाट, रैथा घाट, घैला घाट, गऊ घाट, कुडिया घाट, नारदानंद आश्रम घाट, हनुमत धाम घाट समेत लखनऊ के प्रमुख घाटों से होते हुए दूसरे दिन ड्रीम वैली में समापन कार्यक्रम होगा। यात्रा का उद्देश्य जन-जन को जागरूक करना है। इसी सम्बन्ध में शनिवार को हनुमत धाम में एक महत्वपूर्ण बैठक की सम्पन्न हुई है। इससे पहले भी गोमती नदी को स्वच्छ और अतिक्रमण मुक्त करने के लिए लोक भारती द्वारा दो यात्राएं भी निकाली गई हैं लेकिन अभी तक उद्देश्य की पूर्ण प्राप्ति नहीं हो पाई है।मन में अतिक्रमण मुक्त और स्वच्छ गोमती की अभिलाषालखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर की पूज्य महंत देव्या गिरी जी ने “गोमती गौरव यात्रा” को लेकर प्रसन्नता जाहिर किया है। उन्होंने कहा है कि यह लखनऊ के साथ साथ पूरे देशवासियों के लिए दुःख की बात है कि मां गोमती को भी लोगों ने नहीं छोड़ा । यात्रा निकालने का मकसद ही लोगों को जागरूक करना और नदी में फैले अतिक्रमण को खत्म करवाना और नदी के जल को स्वच्छता से परिपूर्ण करना। जिससे उस जल से सभी आचमन कर सकें और शायद तभी मन को शांति भी मिलेगी।गोमती नदी बैठकों से नहीं जागरूकता से स्वच्छ होंगीगोमती गौरव यात्रा के सम्बन्ध में बैठक को सम्बोधित करते हुए हनुमत धाम के पूज्य महंत गोमती बाबा जी महराज ने कहा कि इससे पहले भी हमने बहुत बैठकें किया, लिखापढ़ी भी बहुत किया। लेकिन जो हम लोग चाहते हैं, उस उद्देश्य की पूर्ति अभी तक नहीं हो पाई है। कहीं न कहीं हम लोगों के लिए यह बड़ी शर्म की बात है, आज भी गोमती नदी में स्वच्छ जल नहीं है और घाटों पर भी गंदगी फैली हुई है, इसके लिए लोगों को जागरूक करना पड़ेगा। तभी इसका निराकरण हो पाएगा।लोक भारती के कार्य जाति, धर्म और राजनीति से हटकरलोक भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बृजेन्द्र पाल जी ने बताया कि हमारा संगठन जाति, धर्म और राजनीति से हटकर काम करती है। उन्होंने बताया कि पिछली सरकारों में भी गोमती नदी के उत्थान के लिए हमने न सिर्फ प्रयास किए बल्कि उन सरकारों के सहयोग से गोमती मित्र मंडल की प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें कृषि उत्पादन आयुक्त से लेकर सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी गोमती मित्र मंडल समेत प्रदेश मुख्यालय में उपस्थित हुए थे। तब से लेकर लोक भारती लगातार प्रयासरत तो हैं लेकिन शायद रिज़ल्ट से अभी भी बहुत दूर हैं।लोक भारती के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री गोपाल उपाध्याय जी ने गोमती गौरव यात्रा की तैयारियों के सम्बन्ध में योजना बनाते हुए कहा है कि मां गोमती के आस्तित्व के मद्देनजर आगामी लोकसभा चुनाव के ठीक बाद हमें जागरूकता यात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा का उद्देश्य जन-जन तक जागरूकता फैलाना है, जब लोग जागरूक होंगे और तो स्वतः इस अभियान से जुड़ेंगे और इसके बाद सरकार को भी कभी न कभी इस तरफ गौर करना ही पड़ेगा।लखनऊ के गऊ घाट और घैला घाट में चलाया जा रहा सफाई अभियान गोमती अभियान के महानगर संयोजक और “गोमती गौरव यात्रा” के संयोजक अनिल सिंह के नेतृत्व में गोमती नदी के गऊ घाट में शची सिंह के नेतृत्व में लोक भारती के 50-60 कार्यकर्ताओं ने सफाई अभियान शुरू किया था। जिसके फलस्वरूप वहां पर तत्कालीन वन मंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक के कानों में आवाज गई और आज वहां का नजारा यह है कि प्रतिदिन 250-300 लोग गऊ घाट में टहलने के लिए आते हैं। ऐसा ही सफाई अभियान का कार्य वर्तमान में घैला घाट में भी लोक भारती की लखनऊ महानगर के उत्तर भाग की संयोजिका शिखा सिंह जी के नेतृत्व में आज भी चल रहा है।